Sunday, September 8, 2024
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छत्तीसगढ़: थाने में जवान ने खुद को मारी गोली.. जमीन पर बिखरा था खून, मौके पर ही चली गई जान; पारिवारिक विवाद से था परेशान

छत्तीसगढ़: कोंडागांव जिले में एक सहायक आरक्षक ने सुसाइड कर लिया है। उसने अपनी ही सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली। जिससे सहायक आरक्षक की मौके पर ही मौत हो गई। जवान ने खुद को थाने में बने बैरक के अंदर गोली मारी है। इससे जमीन पर खून बिखर गया था। आस-पास के लोग तुरंत ही गोली चलने की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे। मगर तब तक उसकी जान जा चुकी थी। मामला धनोरा थाना क्षेत्र का है।

तुरंत ही साथी जवान और आस-पास के लोग बैरक में पहुंच गए थे।

तुरंत ही साथी जवान और आस-पास के लोग बैरक में पहुंच गए थे।

जानकारी के मुताबिक, बमनी निवासी सजेंद्र ठाकुर(35) धनोरा थाने में पिछले 10 महीने से पदस्थ था। 2013 में उसकी शादी हुई थी। सजेंद्र का एक बेटा भी है। ऐसा कहा जा रहा है कि वो पारिवारिक विवाद की वजह से परेशान था। कई बार इसका जिक्र भी वह कर चुका था। इस बीच रविवार रात को थाने में बने बैरक में सोने चला गया था। उसी दौरान रात को 11 बजे के आस-पास गोली लगने की आवाज आई थी।

सोमवार सुबह पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव।

सोमवार सुबह पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव।

इसके बाद नीचे थाने में मौजूद जवान मौके पर पहुंचे। दरवाजा अंदर से बंद था। इसके बावजूद जवानों ने किसी तरह से दरवाजे को तोड़ा तो अंदर देखा कि सजेंद्र की लाश जमीन पर पड़ी थी। फिर जवानों ने सीनियर अधिकारियों को इसकी सूचना दी थी। अब सोमवार को शव का पोस्टमॉर्टम किया गया है। परिजनों को भी इस बात की सूचना दे दी गई थी। जिसके बाद सोमवार सुबह थाने पहुंचे। पुलिस अधिकारियों का कहना है सहायक आरक्षक ने पारिवारिक विवाद के चलते जान दी है। फिलहाल मामले में जांच जारी है।

कोंडागांव और प्रदेशभर में पहले भी पुलिसवालों ने जान दी है..वो खबरें भी यहां पढ़ें…

मालखाने में हेड कॉन्स्टेबल ने लगाई थी फांसी।

मालखाने में हेड कॉन्स्टेबल ने लगाई थी फांसी।

8 महीने पहले कोंडागांव में ही हेड काॅन्स्टेबल ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। उसका शव थाने के ही मालखाने में फंदे से लटका मिला था। काॅन्स्टेबल का बेटा जब उसे ढूंढते हुए थाने पहुंचा तो घटना का पता चला। सुसाइड के कारणों का पता आज तक नहीं चल सका है।

कोंडागांव पुलिस में हेड काॅन्स्टेबल टेकराम ध्रुव की ड्यूटी मालखाने में लगी थी। वह मालखाने के प्रभारी भी थे। ॉउस दौरान दोपहर करीब 12 बजे टेकराम ड्यूटी खत्म कर घर पहुंचे। इसके बाद शाम करीब 7 बजे किसी काम के लिए जाने की बात कहकर घर से निकल गए। फिर वह नहीं लौटे। जब देर रात तक टेकराम घर नहीं आए तो बेटा उनकी तलाश में निकला।

गरियाबंद में भी जवान ने बैरक में खुद को गोली मारी थी…

एक महीने पहले गरियाबंद जिले के मैनपुर थाने में पदस्थ आरक्षक ने राइफल से खुद को गोली मार ली थी। उसने सुबह 10 बजे के करीब थाने में बने बैरक के पास सुसाइड किया। डेढ़ माह में इसी थाने में यह सुसाइड की दूसरी घटना थी। उस समय यहीं ड्यूटी कर रहे सब इंस्पेक्टर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

सुबह करीबन 10 बजे जब थाने के भीतर बैरक के पास से गोली चलने की आवाज आने के बाद थाने में मौजूद दूसरे सिपाही उधर दौड़े। वहां इन लोगों ने कॉन्स्टेबल दिनेश कोसले को लहुलुहान हालत में गिरे देखा। उसने राइफल से खुद को गोली मार ली थी। स्टाफ ने तुरंत अधिकारियों को जानकारी दी थी।

जवान ने खुद को गोली मारी, पत्नी ने फांसी लगाई..

8 महीने पहले बिलासपुर के रहने वाले एक सीआरपीएफ जवान ने गढ़चिरौली में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। घटना के वक्त वह अपनी पत्नी से फोन पर बात कर रहा था। इसी दौरान उसने खुद को गोली मार ली। इधर, गोली की आवाज सुनकर पत्नी ने भी फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी।

कुकुर्दीकेरा निवासी चंद्रभूषण जगत(25) सीआरपीएफ 113वीं बटालियन गढ़चिरौली में आरक्षक के रूप में पदस्थ था। तीन महीने पहले ही उसकी सरकंडा के लोधीपारा निवासी यामिनी जगत (22) से शादी हुई थी। शादी के बाद कुछ दिनों तक दोनों साथ में रहे। फिर चंद्रभूषण अपनी ड्यूटी पर गढ़चिरौली लौट गया था।

पचपेड़ी थाना प्रभारी प्रवीण सिंह राजपूत का कहना था कि पति-पत्नी के बीच मौत का अंतराल 2 से 5 मिनट के बीच का था। उन्होंने बताया था कि हमने गढ़चिरौली में सीआरपीएफ के अधिकारियों से बातचीत की है। अधिकारियों ने बताया कि जवान की मौत सुबह 8 बजकर 5 से 8 मिनट के बीच हुई है। जबकि उसकी पत्नी की मौत 8 बजकर 10 मिनट से लेकर 15 मिनट के बीच हुई है। ऐसे में आशंका है कि दोनों पति-पत्नी फोन से बात कर रहे थे और इसी दौरान दोनों ने आत्महत्या की थी।

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