सरगुजा: जिले की उदयपुर थाना पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। यहां ग्राम विशुनपुर में शराब बनाने और बेचने के आरोप में पुलिस ने एक घर में घुसकर महिला और उसके पति को लात-मुक्कों और थप्पड़ों से जमकर पीटा। शिकायत के बाद एसपी ने आरोपी प्रधान आरक्षक संतोष गुप्ता को लाइन अटैच कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक, ग्राम विशुनपुर की रहने वाली दशमेत पैकरा (50 वर्ष) और उसका पति सुकुल राम गुरुवार को SP ऑफिस पहुंचे। दोनों ने बताया कि 21 जून को थाना उदयपुर के प्रधान आरक्षक संतोष गुप्ता, महिला आरक्षक और अन्य पुलिसकर्मी उनके घर में आए और शराब बनाने और बेचने का झूठा आरोप लगाकर गालीगलौज करने लगे। पीड़ित महिला दशमेत ने कहा कि महिला आरक्षक और प्रधान आरक्षक संतोष गुप्ता ने झूठा आरोप लगाते हुए लात-मुक्कों और थप्पड़ों से उसे और उसके पति की जमकर पिटाई की।
महिला के चेहरे पर पिटाई के निशान।
पीड़ित दंपति ने कहा कि वे बार-बार कहते रहे कि वे न तो शराब बनाते हैं और न तो बेचते हैं, इस पर भी पुलिसवाले नहीं माने, जबकि घर से कोई शराब बरामद नहीं हुआ। इसके बाद दोनों को पुलिसवाले मारते हुए थाने लेकर आ गए और वहां भी उन दोनों की पिटाई की। दोनों को छोड़ने के एवज में पुलिसकर्मियों ने उनके बेटे दिनेश पैकरा से 30 हजार रुपए भी ले लिए। पिटाई के निशान पीड़ित महिला के चेहरे पर साफ देखे जा सकते हैं।
पीड़ित महिला ने एसपी से की मामले की शिकायत।
पीड़ित पति-पत्नी अपनी शिकायत लेकर गुरुवार को एसपी ऑफिस अंबिकापुर पहुंचे थे।महिला ने एसपी को ज्ञापन सौंपकर हेड कॉन्स्टेबल संतोष गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। शिकायत के बाद एसपी ने आरोपी प्रधान आरक्षक को लाइन अटैच कर दिया है। हालांकि महिला आरक्षक को आरोपी नहीं बनाया गया है। महिला आरक्षक का नाम बताने से भी पुलिस ने इनकार कर दिया है।
LIC से मिले रुपए रिश्वत में दिए
महिला ने एसपी को बताया कि उन्हें छोड़ने के एवज में जो 30 हजार रुपए पुलिसकर्मी को दिए गए, वो LIC से मिले थे। उसने बताया कि पति की LIC पॉलिसी मैच्योर होने पर कुछ दिन पहले ही 48 हजार रुपए मिले थे। ये रुपए घर में रखे हुए थे। इसमें से ही 30 हजार रुपए मेरे बेटे ने थाने के सामने सरकारी गाड़ी के पीछे जाकर दी थी। रुपए लेने के बाद हम लोगों को छोड़ा गया।
शिकायत के बाद प्रधान आरक्षक लाइन अटैच
इस मामले में ASP विवेक शुक्ला ने बताया कि महिला और उसके परिवार वाले अवैध शराब बनाने में लिप्त रहे हैं। पहले भी आबकारी और पुलिस विभाग ने इनके खिलाफ कार्रवाई की थी। घटना के दिन भी उसके पति के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।
उन्होंने कहा कि महिला ने प्रधान आरक्षक संतोष गुप्ता पर मारपीट और रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। इस मामले की जांच का जिम्मा SDOP अखिलेश कौशिक को दिया गया है। साथ ही महिला की शिकायत के बाद प्रधान आरक्षक संतोष गुप्ता को लाइन अटैच कर दिया गया है।