बिलासपुर: रतनपुर में नवापारा के एक गांव की आदिवासी महिला मीना बाई (49) और उसके परिवार को उसी के समाज ने पिछले 17 साल से समाज ही नहीं, गांव से भी बाहर निकाल रखा है। उसकी गलती इतनी थी कि देवर के शादी समारोह में साड़ी का उल्टा पल्लू लेकर पहुंची थी।
यह बात समाज के लोगों को नागवार गुजरी और उन्होंने पूरे परिवार का हुक्कापानी बंद कर बहिष्कार का फरमान जारी कर दिया। तब से यानी पिछले 17 साल से मीना और उसका परिवार गांव से 30 किमी दूर लिम्हा के घने जंगल में झोपड़ी बनाकर रह रही है
मीना ने बताया कि उसे 17 साल पहले देवर लखन शंकर की शादी का न्योता मिला था। वह और परिवार शादी में पहुंचे। उसकी साड़ी का पल्लू उल्टा लगा था, इसलिए वह समाज के बड़े लोगों के सामने सिर नहीं ढंक पाईं। पूरा समाज नाराज हो गया और मीना तथा परिवार पर यातनाएं शुरू हो गईं।
मीना का आरोप है कि तब शादी में शामिल अमर सिंह, लखन सिंह, आनंद सिंह और देव सिंह सहित अन्य लोगों ने उनकी मिन्नतों के बावजूद समाज और गांव से निकालने का फरमान जारी कर दिया। इसके बाद पहले तो परिवार गांव की ही सीमा पर रहने लगा।
इस दौरान मीना की बेटी-बेटा हुए। जब लोगों ने बच्चों को भी परेशान करना शुरू किया, तब उन्होंने गांव की सीमा से बहुत दूर बसने का फैसला लिया और रतनपुर के बगदेवा से लगे लिम्हा जंगल में आ गए। मीना ने एक बार फिर प्रशासन से गुहार लगाई है कि उन्हें व परिवार को प्रताड़ित करने वालों पर कार्रवाई की जाए और उनका बहिष्कार खत्म करवाकर गांव वापस लौटाया जाए।
बेटे की शादी पर 5 हजार जुर्माना कर मिला लिया, फिर छोड़ दिया
मीना ने बताया कि कुछ साल पहले जब उनके बेटे की शादी हुई, तब समाज के कुछ लोगों से गुहार लगाने पर उन्होंने मिलाने का फैसला किया। इसके एवज में जुर्माने के तौर पर 5 हजार रुपए वसूले गए। शादी के कुछ दिन बाद उनके खिलाफ फिर माहौल बनाया जाने लगा। तब वे समझ गए कि समाज उन्हें अपनाना नहीं चाह रहा है। जंगल में मीना अपने पति कुमार और अपनी बेटियों के दो बेटे के साथ जीवन-यापन कर रही हैं।
जंगली जानवर अक्सर आ जाते हैं
बिलासपुर-रतनपुर मार्ग से आगे बेलतरा के पास बगदेवा है। यहीं से लिम्हा के लिए एक सड़क निकली है। इससे कुछ दूर एक और कच्चा रास्ता है, जो जंगल जाता है। इसके अंतिम छोर पर घने जंगल के बीच मीना और उनके पति कुमार रह रहे हैं। खेती के लिए थोड़ी जमीन भी घेरी है। इसी से गुजारा चल रहा है।
दोनों पक्षों को बुलाएंगे
आदिवासी महिला व उसके परिवार के बहिष्कार की जानकारी ली जाएगी। दोनों पक्षों को समझकर उनके विवाद निपटारे का प्रयत्न करूंगा।
– सुभाष परते, प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी समाज
जांच कर होगी कार्रवाई
किसी भी आदिवासी महिला या परिवार का बहिष्कार गलत है। मीना से जुड़े मामले की जांच करवाई जाएगी। यदि समाज वालों ने गलत किया है, तो कार्रवाई होगी।
पुलक भट्टाचार्य, एसडीएम-बिलासपुर