Monday, April 29, 2024
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रजौटी गौठान की समूह की महिलाएं अपने सपने को पंख देकर नई कहानी लिख रही हैं….

  • मसाला प्रसंस्करण को बनाया अपने आजीविका का आधार
  • रजौटी बगिया गौठान के समूह की महिलाएं मसाला उत्पादन से बनी आत्मनिर्भर
  • हल्दी, मिर्च और धनिया पाउडर के विक्रय से समूह को कुल 3 लाख 97 हजार रुपए की आमदनी प्राप्त हुई
  • जिले के सी-मार्ट, छात्रावास, स्थानीय हाट-बाजार, उत्सव, मेले में भी मसाले का विक्रय किया जा रहा है

जशपुरनगर: जशपुर जिले के गौठानों में स्व सहायता समूह की महिलाएं विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों से जुड़कर आत्मनिर्भर बन गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत महिलाओं को समूह के रूप में गठित कर रोजगार से जोड़े जाने की अति महत्वाकांक्षी योजना है। महिलाएं समूह से जुड़ कर सफलता की नयी कहानियां लिख रहीं है, तथा अपने सपने का पंख दे कर नयी उड़ान के लिए तैयार है। महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के मार्गदर्शन और जिला पंचायत सीईओ श्री जितेन्द्र यादव के दिशा-निर्देश में हर संभव प्रयास किए जा रहे है।
इसी कड़ी में कांसाबेल विकासखण्ड के रजौटी बगिया गौठान के रानी स्व सहायता समूह द्वारा मसाला प्रसंस्करण का कार्य किया जा रहा है। रानी स्व सहायता समूह के सभी सदस्य का समूह में जुड़ने से पहले सभी दीदियों की आजीविका उनके प्रतिदिन के मेहनत मजदूरी पर निर्भर था और साथ ही कमाने के लिए कोई काम भी नहीं मिलता था एवं घर परिवार में पैसों की समस्या से हमेसा घिरी हुई रहती थी। आज सभी दीदियॉ स्व-रोजगार से जुड़ गई है और उन्हें आर्थिक लाभ भी हो रहा है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला मिशन प्रबंधक श्री विजय शरण प्रसाद ने बताया कि    कांसाबेल विकासखण्ड के ग्राम रजौटी (बगिया) में रानी स्व सहायता समूह की महिलाएं क्षमता वर्धन का कार्य विकासखण्ड मिशन प्रबंध इकाई एवं अभिसरण के माध्यम कर रहें हैं। महिलाएं समूह से जुड़ने के बाद जिन्दगी में कुछ कर गुजरने एवं अच्छे मुकाम में पहुंचने की प्रेरणा मिली जिससे अपने आर्थिक विकास के लिए कुछ न कुछ आजीविका संबंधित कार्य करना चाहती थी, इसलिए वे समूह के 11 सूत्रों का नियमतः पालन करते हुए चकिय निधी राशि 15000 रूपए, सामुदायिक निवेश कोष राशि 60000 रूपए एवं बैंक लिंकेज की राशि 100000 रूपए प्राप्त कर स्वयं की खेती बाड़ी को अपने आजीविका का साधन बनाकर अपने जीवन स्तर होने वाली सुधार की शुरूआत की है। इसके साथ ही रानी स्व सहायता समूह गोठान में जुड़ने के बाद हल्दी की खेती करना आरम्भ किया जिसमें उनको अपने हल्दी को अच्छे दामो में बेचने की सोच के साथ हल्दी की प्रसंस्करण कर बेचने की सोच सूझी।

रानी स्व सहायता समूह के इस सोच को देखते हुए जिला प्रशासन के माध्यम से मसाला प्रसंस्करण युनिट मार्च 2022 में स्थापित कर प्रशिक्षण दिया गया और अप्रैल 2022 स्व सहायता समूह सर्वप्रथम गोठान से उपज हल्दी प्रसंस्करण का कार्य आरंभ किया गया। स्व सहायता समूह द्वारा कच्चा माल (खड़ी हल्दी, धनिया, मिर्च) स्वयं द्वारा उत्पादित एवं स्व सहायता सदस्य द्वारा उत्पादित हल्दी प्राप्त होता है, और साथ ही बाजार मूल्य कम रहता है उस समय समूह द्वारा खरीद लिया जाता है, वर्तमान में स्व सहायता समूह द्वारा कच्चा माल पंडरीपानी और कांसाबेल के थोक विक्रेता से खरीदा जाता है। प्रसंस्करण उपरांत प्रसंस्कृत उत्पाद को स्व सहायता समूह द्वारा सी-मार्ट, छात्रावास, लोकल मार्केट, हाट बाजार, सुपर मार्ट अलावा समय-समय पर होने वाले उत्सव मेला, गोठान मेला, सरस मेला में विक्रय किया जाता है। वर्तमान स्थिति में हल्दी पाउडर 800 कि.ग्रा. 180 रुपए दर से 144000 रूपए धनिया पाउडर 650 किग्रा. 180 रुपए के दर से 117000 रूपए एवं मिर्च पाउडर 498 कि.ग्रा. 275 रुपए के दर से 136950 रुपए इस प्रकार रानी स्व सहायता समूह को कुल 3,97,950 रुपए की आमदनी प्राप्त हुआ है।

मसाला प्रसंस्करण से बाजार से हल्दी, मिर्च, धनिया न खरीद कर स्व सहायता समूह द्वारा उत्पादन करना एवं उस उत्पाद मसाला का प्रसंस्करण कर उसका मार्केटिंग करना, एनआरएलएम के माध्यम से आर्गेनिक हल्दी उत्पादन करते हुए सर्टिफिकेट प्राप्त कर, आर्गेनिक हल्दी पाउडर का ज्यादा दामों में मार्केटिंग करना, ऑर्गेनिक सर्टिफिकेट प्राप्त कर आर्गेनिक टैग के साथ रांची, रायपुर, बिलासपुर आदि जगहों एवं ऑनलाईन प्लेटफार्म में मार्केटिंग करना भविष्य की परिकल्पना है।

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