काठमांडू: नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने कार्यभार संभालने के बाद कहा कि Gen-Z आंदोलन में मारे गए लोगों को शहीद घोषित किया जाएगा। पीड़ितों के परिजनों को 10-10 लाख नेपाली रुपए का मुआवजा भी दिया जाएगा।
नेपाल हिंसा में मरने वालों की संख्या 72 हो गई है, इनमें 1 भारतीय महिला भी शामिल है।
कार्की ने भ्रष्टाचार को खत्म करने का भी संकल्प लिया। उन्होंने कहा, ‘नेपाल में पहली बार 27 घंटे तक लगातार आंदोलन हुआ।’
कार्की बोलीं, ‘मैं 6 महीने से ज्यादा समय तक सत्ता में नहीं रहूंगी और नवनिर्वाचित संसद को अधिकार सौंप दूंगी।’ 12 सितंबर को PM पद संभालने के बाद कार्की को नेपाल में 5 मार्च 2026 को आम चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी गई थी।
नेपाल हिंसा में 3 पूर्व PM बेघर, घर ढूंढ रहे समर्थक
हिंसा के बाद नेपाल के तीन पूर्व PM केपी शर्मा ओली, शेर बहादुर देउबा और पुष्प कमल दहल प्रचंड बेघर हो गए हैं। Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने 9 सितंबर को इनके घरों को फूंक डाला था।
फिलहाल ये सभी आर्मी के कैंपों में रह रहे हैं। इनके समर्थक अपने नेताओं के लिए किराए के मकान ढूंढने में जुटे हुए हैं। ये नेता कुछ दिन काठमांडू से बाहर के शहरों जैसे पोखरा में रहना चाहते हैं, ताकि फिर से Gen-Z के गुस्से का सामना नहीं करना पड़े।

प्रदर्शनकारियों ने 9 सितंबर को प्रधानमंत्री ओली के घर में आग लगा दी थी।
15 मंत्रियों के नाम पर विचार, कुलमन घीसिंग शामिल हो सकते हैं
वहीं, PM बनने के बाद सुशीला कार्की मंत्रिमंडल बनाने पर काम कर रही हैं। काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, कार्की 15 से ज्यादा मंत्रियों के साथ एक मंत्रिमंडल बना सकती हैं।
मंत्री पदों के लिए जिन नामों पर विचार किया जा रहा है उनमें कानूनी विशेषज्ञ ओम प्रकाश आर्यल, पूर्व सेना अधिकारी बालानंद शर्मा, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति आनंद मोहन भट्टराई, माधव सुंदर खड़का, अशीम मान सिंह बसन्यात और ऊर्जा विशेषज्ञ कुलमान घीसिंग शामिल हैं।
साथ ही डॉ. भगवान कोइराला, डॉ. संदुक रुइत, डॉ. जगदीश अग्रवाल और डॉ. पुकार चंद्र श्रेष्ठ जैसे लोगों के नामों पर विचार चल रहा है।
जेन-Z के सदस्य भी इस फैसले में शामिल हो रहे हैं। इसके लिए वे ऑनलाइन वोटिंग का सहारा ले रहे हैं। अगर इन नामों पर आम सहमति बन जाती है तो मंत्रिमंडल रविवार शाम तक शपथ ले सकता है। हालांकि इसे सोमवार तक के लिए टाला भी जा सकता है।
Gen-Z नेता बोले थे- सरकार में शामिल नहीं होंगे, लेकिन निगरानी करेंगे
शुक्रवार को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने संसद भंग करने का भी ऐलान किया था। पूर्व पीएम केपी ओली की कम्युनिस्ट पार्टी (UML) ने इस फैसला का विरोध किया है। UML महासचिव शंकर पोखरेल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से इसके खिलाफ सड़कों पर उतरने की अपील की है।
वहीं, Gen-Z नेताओं ने इस सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया था। उनका कहना है कि वे सरकार में शामिल नहीं होंगे, लेकिन सरकार के कामकाज की निगरानी करेंगे। वहीं, नेपाल में 5 मार्च 2026 को आम चुनाव कराए जाएंगे।
PM मोदी- कार्की महिला सशक्तीकरण का प्रतीक
PM मोदी ने शनिवार को कहा कि सुशीला कार्की की नेपाल की अंतरिम पीएम के रूप में नियुक्ति महिला सशक्तीकरण का प्रतीक है।
नेपाल की जनता ने मुश्किल समय में लोकतंत्र में भरोसा रखा, भारत हमेशा उनके साथ है। अब नेपाल के पुनर्निमाण में युवाओं को जुटना होगा।

सुशीला कार्की घायल आंदोलनकारियों से मिलने हॉस्पिटल पहुंची थीं।
चीन-बांग्लादेश ने कार्की को PM बनने पर बधाई दी
सुशीला कार्की के PM पद संभालने के बाद चीन और अमेरिका ने भी उन्हें बधाई दी। चीन ने नेपाल के साथ अपनी मित्रता का हवाला देते हुए शांति बहाली की उम्मीद जताई है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने 10 सितंबर को कहा कि ‘चीन और नेपाल पारंपरिक मित्र और पड़ोसी हैं। उम्मीद है कि नेपाल के सभी वर्ग घरेलू मुद्दों को सही तरीके से संभालेंगे और जल्द से जल्द सामाजिक व्यवस्था और राष्ट्रीय स्थिरता बहाल करेंगे।’
वहीं, बांग्लादेश ने नेपाल की स्थिति पर नजर रखने की बात कही और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह नेपाल में स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है, मृतकों के परिवारों को शोक संदेश भेजा है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
भारत के लिए नेपाल अहम क्योंकि अमेरिका-चीन की भी नजरें- एक्सपर्ट
भास्कर एक्सपर्ट पूर्व भारतीय राजदूत, मीरा शंकर कहती हैं- नेपाल भारत के लिए भू-राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से बेहद अहम है। बफर स्टेट होने के कारण वहां की राजनीतिक स्थिरता भारत के हित में है।
चीन BRI और अमेरिका एमसीसी के जरिए नेपाल में प्रभाव बढ़ा रहे हैं। नेपाल में दोनों महाशक्तियों का निवेश भारत के लिए चिंता का विषय है। भारत-चीन के बीच स्थित नेपाल की हर गतिविधि का सीधा असर भारत पर पड़ता है।
नेपाल में सामान्य हो रहे हालात
6 दिनों की हिंसा के बाद काठमांडू के कई इलाकों से कर्फ्यू हटा दिया गया है। नेपाल में अब हालात सामान्य हो रहे हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट कल से शुरू किया गया। साथ ही भारत-नेपाल सीमा पर भी आवाजाही शुरू की गई।
हालांकि, काठमांडू के 6 जगहों पर अब भी कर्फ्यू जारी है। यहां 5 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने, भूख हड़ताल, धरना, घेराव, जुलूस और सभा करने पर रोक लगा दी गई है। नोटिस में कहा गया है कि यह आदेश दो महीने तक लागू रहेगा।

नेपाल में 6 दिन की हिंसा के बाद शनिवार को पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू किया गया।

(Bureau Chief, Korba)