रायपुर/कोरबा: छत्तीसगढ़ के एक गांव का सरकारी स्कूल ऐसा हैं जहां बच्चे प्रकृति का मोल समझते हैं। उन्हें पता है कि पेड़ पौधे कितने जरूरी हैं। इसलिए कबाड़ से जुगाड़ बनाकर पौधों को दोस्त बना लिया है। जींस पहने पौधे इनके पास बैठते हैं। ये अपना मिड डे मील, दोस्त बने पौधों के साथ खाते हैं और पानी और खाद का बराबर ख्याल रखते हैं।
पौधों को सुरक्षित रखने और बेकार चीजों के क्रिएटिव इस्तेमाल की ये पहल की है कोरबा जिले के बच्चों ने। शहरी इलाके से दूर पहाड़ों में बसे गांव गढ़कटरा के सरकारी के स्कूल के इन बच्चों ने पुरानी जींस को पौधों का गमला बना लिया है। दूर से देखने पर लगता है पौधे इंसानों की तरह टांग मोड़कर बेंच पर बैठे हों। देखने में आकर्षक लगने वाला ये प्रयोग बच्चों को भा रहा है।
ऐसा लग रहा है लोग बैठे हैं।
स्कूल के टीचर श्रीकांत सिंह ने बताया कि इंटरनेट से उन्हें आइडिया मिला, उन्होंने अपनी पुरानी जींस के भीतर मिट्टी डाली और पौधे लगाए। बच्चों को भी इसे तैयार करना सिखाया, बच्चे भी अपने घरों से जींस लेकर आए और स्कूल का गार्डन दिलचस्प अंदाज में सजा दिया। श्रीकांत ने कहा कि इसे स्कूल में नो बैग डे के दिन बच्चों ने किया और उन्हें बेहद मजा आया।
नीचे रेत भरी गई है और ऊपर पौधे के लिए मिट्टी और खाद।
श्रीकांत ने बताया कि इस एक्टिविटी से बच्चों को मजा तो आया ही उन्हें पर्यावरण से लगाव होता है, पेड़-पौधों की देखभाल करना सीखते हैं। जींस से बने यूनीक गमले पूरी तरह जीरो इन्वेस्टमेंट पर आधारित हैं। हमारे पास बहुत से फटे और साइज में बड़े कपड़े बचे थे, इन्हीं कपड़ों को हमने गमलों का रूप दिया है। पैंट के निचले भाग में रेत तो ऊपरी भाग में खाद भरकर पौधे लगाए गए हैं। कुल 11 गमले तैयार किए हैं।
शिक्षक श्रीकांत बच्चों को रोचक तरीके से पढ़ाते और ग्रामीणों को जागरुक करते हैं।