Tuesday, June 24, 2025

कौन हैं हर्षा रिछारिया, ग्लैमरस की दुनिया छोड़ बनी साध्वी, इंस्टाग्राम पर 9 लाख से अधिक फॉलोअर्स; बोली- मैंने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना

Prayagraj: प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। 14 जनवरी को मकर संक्राति के दिन भक्तों की भीड़ जुटी। 2 करोड़ से ज्यादा भक्तों ने डूबकी लगाई। वहीं कुंभ में टेक से लेकर ग्लैमरस की दुनिया से जुड़ीं हस्तियां आस्था में डुबी हुई हैं।

रील्स की दुनिया में कुंभ से एक और वीडियो साध्वी हर्षा रिछारिया का वायरल हो रहा है। जिसमें गले में रुद्राक्ष और फूलों की माला और ललाट पर तिलक लगाए दिख रही हैं। उन्होंने बताया, “मैं उत्तराखंड से हूं और आचार्य महामंडलेश्वर की शिष्या हूं।

एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “मैंने जो कुछ भी करने की जरूरत थी, उसे पीछे छोड़ दिया और इस मार्ग को अपनाया।

इस फोटो में साध्वी हर्षा रिछारिया गले में रुद्राक्ष और फूलों की माला और ललाट पर तिलक लगाए दिख रही हैं।

इस फोटो में साध्वी हर्षा रिछारिया गले में रुद्राक्ष और फूलों की माला और ललाट पर तिलक लगाए दिख रही हैं।

भक्ति और ग्लैमर में कोई विरोधाभास नहीं

हर्षा ने आगे बताया- भक्ति और ग्लैमर में कोई विरोधाभास नहीं है। उन्होंने अपनी पुरानी तस्वीरों के बारे में भी स्पष्ट किया कि अगर वह चाहती तो उन्हें डिलीट कर सकती थीं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उनका कहना है कि “यह मेरी यात्रा है और मैं युवाओं को बताना चाहती हूं कि किसी भी मार्ग से आप भगवान की ओर बढ़ सकते हैं।”

उन्होंने बताया कि वे परम पूज्य गुरुदेव से डेढ़ साल पहले मिली थीं, जिन्होंने उन्हें बताया कि भक्ति के साथ-साथ अपने काम को भी संभाला जा सकता है, लेकिन साध्वी बनने के बाद उन्होंने खुद से फैसला लिया कि वे अपने पेशेवर जीवन को छोड़कर पूरी तरह से भक्ति में लीन रहेंगी। उनका मानना है कि इस फैसले से वह पूरी तरह खुश हैं और उनका मार्गदर्शन उन्हें संतुष्टि देता है।

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंदगिरी महाराज की शिष्या बनकर उनके मार्गदर्शन में अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू की।

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंदगिरी महाराज की शिष्या बनकर उनके मार्गदर्शन में अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू की।

मैंने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना

महाकुंभ में प्रवेश के दौरान जब उनसे पत्रकारों ने साध्वी से बनने के निर्णय पर सवाल किया। इस पर हर्षा ने जवाब दिया कि मैंने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना है। मैंने वह सब छोड़ दिया जो मुझे आकर्षित करता था। मैं सबकुछ छोड़कर ही संन्यास की राह में आई हूं। उन्होंने बताया कि वह उत्तराखंड से हैं और दो साल पहले संन्यास लिया था।

मैंने जो कुछ भी करने की ज़रूरत थी, उसे पीछे छोड़ दिया और इस मार्ग को अपनाया। मैंने आंतरिक शांति के लिए साध्वी का जीवन चुना।” उन्होंने आगे बताया कि वह 30 साल की हैं।

हालांकि वह कह रही हैं कि मैंने कभी नहीं कहा कि मैं साध्वी बन गई हूं।

कौन हैं साध्वी हर्षा रिछारिया

बता दें कि साध्वी का नाम हर्षा रिछारिया है, जो निरंजनी अखाड़े से जुड़ी हुई हैं। वह खुद को एक साध्वी के साथ-साथ सोशल एक्टिविस्ट और इन्फ्लुएंसर भी मानती हैं। हर्षा ने अपने जीवन का सब कुछ त्याग कर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंदगिरी महाराज की शिष्या बनकर उनके मार्गदर्शन में अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू की।

हर्षा के इंस्टाग्राम पर 8 सात लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं।

हर्षा के इंस्टाग्राम पर 8 सात लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं।

साध्वी हर्षा रिछारिया वर्तमान में भोपाल में है। हाल ही में महाकुंभ में पहुंची हर्षा की उत्तराखंड में रहती हैं, जबकि उनका मूल घर मध्य प्रदेश के भोपाल में है। उनकी सुंदरता की सराहना करते हुए यूजर्स लगातार उनके वीडियो पर कमेंट्स कर रहे हैं।

इंस्टाग्राम सेलिब्रिटी हैं हर्षा

हर्षा के इंस्टाग्राम पर 9 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। अपने प्रोफाइल पर हर्षा मुख्य रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों से जुड़े कंटेंट साझा करती हैं। सोशल मीडिया पर उनके इंटरव्यू के वीडियो वायरल होने के बाद उनके एक पुराने वीडियो को अब वायरल किया जा रहा है, जिसमें वह मॉडर्न लाइफ स्टाइल जीती नजर आ रही हैं। वह हर रोज अध्यात्म से जुड़े वीडियो सोशल साइड पर डालती रहती है।


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