बालोद: जिले के ग्राम अरूप में एक महिला की जिंदा जलकर मौत हो गई। महिला जलती हुई पराली की चपेट में आ गई थी। महिला का जला हुआ शव गुरुवार सुबह खेत में मिला। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया है। मामला बालोद थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, ग्राम अरूप की रहने वाली महिला बुधनतीन बाई बुधवार दोपहर करीब 12 बजे अपने खेत जाने के लिए घर से निकली थी। जब देर शाम तक भी वो घर नहीं पहुंची, तो परिजनों को चिंता हुई। उन्होंने अपने खेत में जाकर महिला को देखा, तो वो नहीं मिली। इसके बाद गांव में महिला को तलाशा, लेकिन वो कहीं नहीं मिली। रात होने के कारण परिजनों ने महिला को सुबह ढूंढने का फैसला किया। हालांकि रातभर महिला के नहीं लौटने से घरवाले परेशान रहे। गुरुवार सुबह एक बार फिर गांववालों के साथ परिवार वालों ने महिला को पूरे गांव में ढूंढना शुरू किया, तो उसकी जली हुई लाश पड़ोस के खेत में पड़ी हुई मिली।
खेत में महिला की जली हुई लाश मिली।
महिला की लाश के साथ-साथ पराली भी पूरी तरह से जली हुई मिली। गांववालों का कहना है कि महिला की मौत जलती हुई पराली की चपेट में आने से हुई है। परिवार वालों ने तुरंत पुलिस को घटना की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लिया। महिला की लाश बुरी तरह से जल गई है। महिला के शव की शिनाख्त बुधनतीन बाई के रूप में परिजनों और गांववालों ने की है। पुलिस ने महिला के शव को बालोद जिला अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया है।
मृत महिला के परिजन और गांववाले। महिला के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया।
खेत देखने के लिए गई थी- परिजन
परिजनों एवं ग्रामीणों ने बताया कि महिला अपना खेत देखने के लिए गई हुई थी। उसके खेत के बगल में ही दूसरे का खेत है, जहां पराली जलाई जा रही थी। परिजनों का कहना है कि महिला दूसरे के खेत में जल रही पराली की चपेट में कैसे आई, ये नहीं पता। वहीं पुलिस का कहना है कि इस बात की जांच की जा रही है कि महिला जलती पराली की चपेट में कैसे आई और मौके पर कोई उस वक्त मौजूद था या नहीं।
पुलिस ने कहा कि इस बात की भी जांच की जा रही है कि महिला को जलते हुए किसी ने भी कैसे नहीं देखा, जबकि पराली जलाते वक्त वहां कोई न कोई जरूर मौजूद होता है। फिलहाल हर एंगल से जांच की जा रही है। पुलिस ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
खेतों में पराली जलने के बढ़ रहे मामले
शासन-प्रशासन लगातार लोगों को पराली जलाने के लिए मना कर रही है, इसके बावजूद वे इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। खेतों में आए दिन पराली/पैरा को जलते हुए देखा जा सकता है। कुछ लोगों का कहना है कि इसके धुएं के कारण दम घुटने लगता है, इसके अलावा भी कई नुकसान होते हैं, लेकिन फिर भी खेतों को साफ करने के लिए गांववाले इसे जला देते हैं। पराली जलाने से जमीन को भी नुकसान होता है। काफी मात्रा में कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जित होने से भारी प्रदूषण भी होता है।