समीक्षा बैठक के लिए दिल्ली गए छत्तीसगढ़ आप नेताओं की एक बैठक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ भी हुई।
- 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले केवल एक जनसभा में आए थे केजरीवाल
- 85 उम्मीदवारों में सभी की जमानत जब्त हुई थी, अब नये सिरे से चुनाव की तैयारी
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दो साल पूरा होने के बाद आम आदमी पार्टी को अगले चुनाव में अवसर दिखने लगा है। आप प्रदेश पदाधिकारियों की एक बैठक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास पर हुई। इस बैठक में चुनाव के लिहाज से संगठन की तैयारियों पर चर्चा हुई।
अरविंद केजरीवाल ने कहा, 2018 के चुनाव में हमने पूरी ताकत नही लगाई थी। लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में वे छत्तीसगढ़ के सभी जिला मुख्यालयों में आप प्रत्याशियों का प्रचार करने आएंगे। उन्होंने, संगठन विस्तार को गति देने और जन आंदोलनों को उभारने की नसीहत दी है।
2018 के विधानसभा चुनाव की घोषणा होने से काफी पहले 11 मार्च को अरविंद केजरीवाल रायपुर की एक जनसभा में शामिल हुए थे। रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में हुई जनसभा में तय हुआ कि पार्टी विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी। तैयारियों के लिए दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने छत्तीसगढ़ में कैंप शुरू किया।
संगठन ने बहुत जोश और तैयारी के साथ 85 उम्मीदवार उतारे। प्रचार के लिए दिल्ली से विशेषज्ञों, विधायकों, मंत्रियों को बुलाकर प्रशिक्षण दिया गया, लेकिन किसी उम्मीदवार को कामयाबी नहीं मिली। यहां तक की प्रदेश में आप का चेहरा रहे कृषि वैज्ञानिक डॉ. संंकेत ठाकुर तक अपनी जमानत नहीं बचा पाए।
अब 2023 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हर जिले में जाकर चुनाव प्रचार करने की रणनीति क्या गुल खिलाती है, यह आने वाला वक्त बताएगा। फिलहाल छत्तीसगढ़ आप के नेताओं को काम करने का एक मकसद मिल गया है।
नोटा से भी कम वोट मिले
2018 के विधानसभा चुनाव में आप का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। कुल पड़े 1 करोड़ 42 लाख 76 हजार 255 मतों में आप को केवल 1 लाख 23 हजार 525 वोट ही मिले। मतलब कुल मतों का 0.87 प्रतिशत। इसके उलट 2 लाख 82 हजार 738 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। नोटा को आप से अधिक 1.98 प्रतिशत वोट शेयर हासिल हुए थे।
पदाधिकारियों को एक वर्ष की कार्ययोजना दी गई
संगठन की समीक्षा के लिए आप के प्रदेश प्रभारी गोपाल राय ने प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष, संगठन मंत्री व प्रदेश सचिव से विस्तृत रिपोर्ट ली गई। बाद में पदाधिकारियों को अगले एक वर्ष की पूरी कार्ययोजना सौंपी गई, जिसके मुताबिक संगठन के भीतर और जनता के बीच काम करना है।
राजनीतिक स्थितियों को अनुकूल बताया गया
आप के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने अरविंद केजरीवाल और गोपाल राय के सामने प्रदेश की राजनीतिक परिस्थितियों पर बात की। उन्होंने कहा, पंद्रह साल के भाजपा के कार्यकाल से त्रस्त होकर प्रदेश की जनता ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को चुना। दो वर्ष में ही कांग्रेस अपनी लोकप्रियता खो चुकी है।
उन्होंने कहा, कांग्रेस ने जनता से जितने वादे किये उनसे मुकर रही है। युवाओं की रोजगार की बात हो ,किसानों के उपज का एक-एक दाना धान खरीदी का हो, चिट फंड कंपनी में निवेशकों के डूबे हुए रकम की वापसी की बात हो, शराब बंदी की बात हो ऐसे सभी वादों से कांग्रेस मुकर रही है।