Monday, May 6, 2024
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कोरबा: ऊर्जानगरी में मिला दुर्लभ प्रजाति का ऊदबिलाव…मछुआरों के जाल में फंसा, फिर 100 रुपए में एक लड़के ने ख़रीदा, ऊदबिलाव की फैमिली का पता लगाने वन विभाग कर रहा संबंधित इलाके की छानबीन…

कोरबा(BCC NEWS 24)। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में ऊर्जानगरी से होकर गुजरने वाली हसदेव नदी में दुर्लभ प्रजाति का ऊदबिलाव मिला है. जिसे यूरेशियन ओटर कहा जाता है. इस ऊदबिलाव को किसी युवक ने रखा हुआ था, जिसे वह लोगों को डॉग की प्रजाति का बता रहा था. कोरबा डीएफओ प्रियंका पांडेय ने बताया कि संबंधित इलाके में इस ऊदबिलाव की फैमिली का पता लगाया जा रहा है.

पहली बार मेडिकल स्टोर लेकर पहुंचा था युवक

कोरबा के निहारिका क्षेत्र में संचालित वेटनरी मेडिकल स्टोर में दवाई लेने के लिए एक युवक ऊदबिलाव को लेकर पहुंचा था. पूछने पर इसे डॉग की ब्रीड बताया, मगर स्टोर संचालक को समझ में आ गया, फिर उसने कोरबा के चर्चित सर्प मित्र अविनाश यादव को इसकी सूचना दे दी. अविनाश ने बताया कि जिस युवक के पास ऊदबिलाव मिला, उसने इसके बांकीमोंगरा क्षेत्र में मिलने की जानकारी दी. बताया कि उसने इसे 100 रूपए में ख़रीदा था.

मछुआरों के जाल में फंसा था ऊदबिलाव

डीएफओ प्रियंका पांडेय ने बताया कि जब बाद में वाइल्ड वालों से संपर्क किया गया, तब पता चला कि यह दुर्लभ प्रजाति का ऊदबिलाव है, जिसे यूरेशियन ओटर कहा जाता है. डीएफओ के मुताबिक यूरेशियन ओटर जलीय जीवन शैली वाला जीव है. भारत के उत्तरी ठंडे पहाड़ी इलाके और दक्षिण के कुछ क्षेत्रों में पाया जाता है. कोरबा के हसदेव नदी में मछुआरों के जाल में फंसकर यह जीव पकड़ में आ गया. चूंकि यह उभयचर है. इसलिए यह पानी के बाहर भी रह लेता है. इसकी एक विशेषता यह भी है कि यह साफ पानी के नदी-नालों में रहता है.

वन्य जीवों की तस्करी की आशंका

प्रियंका पांडेय ने इस बात की सम्भावना से इंकार नहीं किया कि यह मामला वन्य जीवों की तस्करी से भी जुड़ा हो सकता है. उन्होंने बताया कि इस जीव का फर बहुत मुलायम होता है. इसलिए पूर्व में बड़े पैमाने पर इसकी तस्करी हुई. जिससे यह मासूम जीव आज विलुप्तप्राय की श्रेणी में आ गया है. प्रियंका पांडेय ने कहा कि यह कोरबा के लोगों के लिए गर्व की बात है कि यहां इस तरह का दुर्लभ जीव मिला है. फ़िलहाल इसके संरक्षण की जरुरत है, जिसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा.

2016 में मप्र में भी मिला था

स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड की सदस्य मीतु गुप्ता ने इस ऊदबिलाव के मिलने की जानकारी ट्वीट कर दी. उन्होंने बताया कि इसके पहले जून 2016 में मध्य प्रदेश के सतपूड़ा टाइगर रिजर्व एरिया में यह जीव मिला था. मध्य भारत के इलाके में दूसरी बार यह कोरबा क्षेत्र में देखा गया है.

कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में ऊर्जानगरी से होकर गुजरने वाली हसदेव नदी में दुर्लभ प्रजाति का ऊदबिलाव मिला है. जिसे यूरेशियन ओटर कहा जाता है. इस ऊदबिलाव को किसी युवक ने रखा हुआ था, जिसे वह लोगों को डॉग की प्रजाति का बता रहा था. कोरबा डीएफओ प्रियंका पांडेय ने बताया कि संबंधित इलाके में इस ऊदबिलाव की फैमिली का पता लगाया जा रहा है.

पहली बार मेडिकल स्टोर लेकर पहुंचा था युवक

कोरबा के निहारिका क्षेत्र में संचालित वेटनरी मेडिकल स्टोर में दवाई लेने के लिए एक युवक ऊदबिलाव को लेकर पहुंचा था. पूछने पर इसे डॉग की ब्रीड बताया, मगर स्टोर संचालक को समझ में आ गया, फिर उसने कोरबा के चर्चित सर्प मित्र अविनाश यादव को इसकी सूचना दे दी. अविनाश ने बताया कि जिस युवक के पास ऊदबिलाव मिला, उसने इसके बांकीमोंगरा क्षेत्र में मिलने की जानकारी दी. बताया कि उसने इसे 100 रूपए में ख़रीदा था.

मछुआरों के जाल में फंसा था ऊदबिलाव

डीएफओ प्रियंका पांडेय ने बताया कि जब बाद में वाइल्ड वालों से संपर्क किया गया, तब पता चला कि यह दुर्लभ प्रजाति का ऊदबिलाव है, जिसे यूरेशियन ओटर कहा जाता है. डीएफओ के मुताबिक यूरेशियन ओटर जलीय जीवन शैली वाला जीव है. भारत के उत्तरी ठंडे पहाड़ी इलाके और दक्षिण के कुछ क्षेत्रों में पाया जाता है. कोरबा के हसदेव नदी में मछुआरों के जाल में फंसकर यह जीव पकड़ में आ गया. चूंकि यह उभयचर है. इसलिए यह पानी के बाहर भी रह लेता है. इसकी एक विशेषता यह भी है कि यह साफ पानी के नदी-नालों में रहता है.

वन्य जीवों की तस्करी की आशंका

प्रियंका पांडेय ने इस बात की सम्भावना से इंकार नहीं किया कि यह मामला वन्य जीवों की तस्करी से भी जुड़ा हो सकता है. उन्होंने बताया कि इस जीव का फर बहुत मुलायम होता है. इसलिए पूर्व में बड़े पैमाने पर इसकी तस्करी हुई. जिससे यह मासूम जीव आज विलुप्तप्राय की श्रेणी में आ गया है. प्रियंका पांडेय ने कहा कि यह कोरबा के लोगों के लिए गर्व की बात है कि यहां इस तरह का दुर्लभ जीव मिला है. फ़िलहाल इसके संरक्षण की जरुरत है, जिसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा.

2016 में मप्र में भी मिला था

स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड की सदस्य मीतु गुप्ता ने इस ऊदबिलाव के मिलने की जानकारी ट्वीट कर दी. उन्होंने बताया कि इसके पहले जून 2016 में मध्य प्रदेश के सतपूड़ा टाइगर रिजर्व एरिया में यह जीव मिला था. मध्य भारत के इलाके में दूसरी बार यह कोरबा क्षेत्र में देखा गया है.

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