Tuesday, May 7, 2024
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छत्तीसगढ़: इस जिले के पुलिस कप्तान ने जारी किया सख्त निर्देश- अगर आस्तिन खुली, दाढ़ी बढ़ी और वर्दी मिली गंदी, फिर अधिकारी-कर्मचारियों की खैर नहीं

बिलासपुर। न्यायधानी बिलासपुर में पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों के लिए SP प्रशांत अग्रवाल ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें लिखा है कि ‘पुलिस बल में अनुशासन सर्वोपरि है’. इसका ध्यान रखना और पालन करना सभी अधिकारी- कर्मचारियों का प्रथम कर्तव्य है. समय-समय पर बल के सदस्यों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कर पालन सुनिश्चित कराना आवश्यक है. ये पत्र अधिकारी-कर्मचारियों की मिल रही शिकायतों के बाद जारी किया गया है.

आधारभूत व्यवस्थाओं का रखें ध्यान- SP

SP के मुताबिक अनुशासन के दृष्टिकोण से आवश्यक होने के साथ-साथ बल के जवानों की वेशभूषा, उनका सद्व्यवहार प्रथम प्रस्तुतीकरण के रूप में जनसामान्य को प्रभावित करता है.  अनुशासन की आधारभूत व्यवस्थाओं का ध्यान रखा जाए.

पढ़िए निर्देश 

  • पुलिस बल में अपने से वरिष्ठ अधिकारी/कर्मचारियों का अभिवादन सैल्यूट एवं चेस्ट-अप के रूप में निर्धारित है.
  • इसके साथ जय हिन्द का अभिवादन किया जा सकता है. 
  • इसे ध्यान रखते हुये वरिष्ठ अधिकारियों को इसके अतिरिक्त किसी अन्य प्रकार के अभिवादन (पैर छूना, झुक कर नमस्ते करना इत्यादि) को पूरी तरह हतोत्साहित करना चाहिए.
  • धारण की जाने वाली वर्दी निर्धारित मापदंड के अनुसार हो. एकरूपता के लिए मौसम के अनुसार आस्तिन खुली और मोड़कर रखने के जो आदेश प्रभावशील हों उसका पालन किया जाए.
  • मुड़ी हुई आस्तिन निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप हो, कलाई के ऊपर तक आधा मुड़ा और आधा खुला रखना अनुचित है. नाम पटिका लगी हो और नाम स्पष्ट अक्षरों में लिखा हुआ हो. वर्दी साफ सुथरी और निर्धारित मापदण्ड के अनुसार हो इसका ध्यान रखें.
  • जवानों की दाढ़ी बढ़ी होना उचित नहीं है. इसके लिए साप्ताहिक दिन और तिथि का हवाला दिया जाना मान्य नहीं है. कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए मास्क लगाना आवश्यक है. इसकी आड़ में कुछ जवानों द्वारा दाढ़ी नहीं बनाई जा रही है. जवान प्रतिदिन दाढ़ी बनाएं.
  • बाल छोटे हों, बाल बढ़े हुए न हों और वर्दीधारी बल के अनुरूप हों, इसका ध्यान रखा जाए
  • समस्त पुलिस राजपत्रित अधिकारी, रक्षित निरीक्षक, सूबेदार, मुख्य लिपिक, थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी स्वयं का टर्न आउट अच्छा रखें. अधीनस्थों को अच्छे टर्न आउट के लिए रोक-टोक कर सुधार लावें.
  • रोलकॉल के दौरान 3 दिनों तक अधीनस्थों को पढ़कर सुनाया जाए. इसका पालन सुनिश्चित कराया जाए. इसके बाद भी यदि अनुशासनहीनता पाई जाती है, तो सुधारात्मक उपाय हेतु प्रतिवेदन भेजें.
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