बिस्किट का लालच देकर 7 साल की भांजी के साथ दुष्कर्म करने वाले मामा को बिलासपुर की पॉस्को अदालत ने मौत तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपी पर कोर्ट ने 750 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। फैसला सुनाते वक्त कोर्ट के जज ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ” समाज में अगर छोटे बच्चे भी सुरक्षित नहीं तो हमें मनुष्य कहलाने का अधिकार नहीं है।”
पूरी घटना 2 साल पहले की है, बिल्हा थाना क्षेत्र निवासी 7 साल की बच्ची अपनी नानी के साथ रहती थी। बच्ची के माता-पिता मजदूरी करने पुणे गए हुए थे, इसलिए उन्होंने बच्ची को उसकी नानी के घर पर छोड़ दिया था। 28 अक्टूबर 2019 को बच्ची अपनी छोटी बहन और दोस्तों के साथ घर के बाहर खेल रही थी। घंटो बीत जाने के बाद भी जब वह नहीं लौटी तो उसकी नानी ने दूसरे बच्चों से पूछताछ शुरू की। साथ खेल रही बच्चियों ने बताया कि उसका मामा दोनों बच्चियों को अपनी स्कूटी पर बैठा कर ले गया था।
रोने की वजह से बीच रास्ते में बच्ची की बहन को उतारा
शाम 6 बजे पीड़िता रोते हुए घर पहुंची। उसके हाथ में बिस्किट का पैकेट और 10 रुपए का नोट था। पूछने पर अपनी नानी को बच्ची ने बताया की थोड़ी देर पहले उसका मामा गाड़ी में घुमाने की बात कहकर उसे और उसकी छोटी बहन को हथनी तालाब के पास ले गया। लेकिन छोटी बहन के रोने पर उसे बीच रास्ते में ही उतार दिया और बाद में बच्ची को तालाब के पास ले जाकर उसके साथ गलत काम किया। नानी ने बच्ची के शरीर पर चोट के निशान भी देखे थे जिससे उन्हें पूरी घटना के बारे में पता चल गया।
सूचना के बाद माता पिता ने दर्ज करवाई रिपोर्ट
इस घटना की जानकारी नानी ने बच्ची के माता पिता को दी , जिसके बाद 3 नवंबर 2019 को आरोपी के खिलाफ बिल्हा थाने में उन्होंने रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने 26 साल के आरोपी के खिलाफ पॉस्को एक्ट सहित कई धाराओं के तहत जुर्म दर्ज किया था।