Sunday, October 6, 2024




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जीएसटी चोरी रोकने केंद्र से आई कड़ी गाइडलाइन: जीएसटी रिटर्न गलत भरा या फर्जी फॉर्म के साथ गाड़ी फंसी तो संपत्ति-बैंक खाते सील, व्यापारियों ने किया विरोध…

रायपुर/ केंद्र सरकार ने पहली बार जीएसटी में टैक्स और इनपुट टैक्स क्रेडिट की चोरी रोकने के लिए दो दिन पहले केंद्र से नई गाइडलाइन आई है, जिसमें सख्त कार्रवाई के लिए कह दिया गया है। इसके मुताबिक अब गलत रिटर्न, फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट या गलत फाॅर्म के साथ माल के परिवहन के मामले पकड़े जाने पर अब जीएसटी विभाग संबंधित व्यापारी की संपत्ति और बैंक खाते सील कर सकता है। यही नहीं, इस काम में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

अफसरों के मुताबिक अब तक जीएसटी की धारा 83 में पहले जब कोई अधिकारी किसी कारोबारी के यहां जांच के लिए जाता था, और वहां असेसमेंट (टैक्स डिमांड निकालने की प्रक्रिया) में कोई गड़बड़ी मिलती थी तो कमिश्नर की मंजूरी से कारोबारी के प्रॉपर्टी और बैंक खाता को सील किया जाता था। लेकिन नई गाइडलाइन में धारा-83 का दायरा बढ़ाकर नए प्रावधान किए गए हैं।

इसके मुताबिक किसी कारोबारी का स्क्रूटनी के दौरान रिटर्न गलत मिला, या फ्रॉड क्रेडिट, टैक्स कम बताने या माल परिवहन में टैक्स चोरी का मामला आया तो असेसमेंट अफसर को ही कमिश्नर से तुरंत मंजूरी लेकर कारोबारी की प्रॉपर्टी और बैंक खाते तत्काल सील करने के अधिकार दे दिए गए हैं। इस नए निर्देश का राज्यभर के कारोबारियों ने विरोध शुरू कर दिया है। छत्तीसगढ़ कैट ने इस मामले में 26 फरवरी को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है।

सख्त नियम से बढ़ेगी परेशानी
सीए एसोसिएशन के सीए चेतन तारवानी ने बताया कि सेक्शन 122 (1 ए) में यह भी प्रावधान किए गए हैं कि केवल टैक्स देने वाले पर ही नहीं बल्कि इसमें शामिल कंपनी के डायरेक्टर, सीए, कर सलाहकार या अन्य कोई भी व्यक्ति के प्रॉपर्टी, बैंक खाते अटैच हो सकते हैं। इनपुट टैक्स क्रेडिट को लेकर भी नए प्रावधान किए गए हैं कि माल की डिलीवरी के प्रमाण होने के बाद और विक्रेता ने इसके लिए टैक्स जमा कर दिया हो, तभी इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा। माल परिवहन मामले में अब 10 के बजाय 25 फीसदी रकम का भुगतान पहले करना होगा, तभी अपील की जा सकेगी।

जीएसटी ऑडिट सीए से सर्टिफाई कराना जरूरी नहीं
कारोबारी करदाता को अब जीएसटी ऑडिट को सीए से सर्टिफाइड कराने की जरूरत नहीं रहेगी। सीए एसोसिएशन ने 2017-18 (वैट) विधान के लिए लंबित मामलों का समय बढ़ाने की मांग की थी, जिसे बढ़ाकर 28 फरवरी कर दिया गया है। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के प्रदेशाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि कैट ने इसे टैक्स टेररिज्म घोषित किया है। जीएसटी में कारोबारी की राहत खत्म की जा रही है। कार्रवाई के लिए अधिकारियों के अधिकार बढ़ाए जा रहे हैं। जीएसटी आने के बाद से अब तक साढ़े तीन साल में 937 संशोधन हो चुके हैं। इसे आसान बनाने के बजाय और जटिल बनाया जा रहा है।

ये नए नियम भी लागू

  • ई-वे बिल में अब एक दिन की वैधता 200 किमी तक होगी। पहले केवल 100 किमी थी।
  • कारोबारी की कर योग्य बिक्री 50 लाख महीना से अधिक है तो टोटल टैक्स का 1 फीसदी नकद देना होगा।
  • अब जितना क्रेडिट कारोबारी के रिटर्न टू-ए में दिखेगा, उतना ही वह क्रेडिट क्लेम कर सकेगा
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