Friday, May 3, 2024
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ठग का कॉन्फिडेंस देखिए: PIB का नकली सरकारी दफ्तर खोला, पुलिस ने छापा मारा तो PTI, दूरदर्शन और प्रसार भारती के फर्जी लेटर, माइक लोगो मिले…

अफसरों जब जांच के लिए पहुंचे तो पहले युवक को खुद को प्रसार भारती से अधिकृत व्यक्ति बता रहा था, कुछ देर चली जांच के बाद उसने फर्जीवाड़े की बात कबूली।

  • रायपुर के राजीव नगर इलाके में एक प्राइवेट बिल्डिंग में फ्लैट लेकर चलाया जा रहा था ऑफिस
  • सरकारी विभाग के पदों जैसे नामों पर कुछ लोगों को दे रखी थी पोस्टिंग, होटल में लिया था युवकों का इंटरव्यू

रायपुर/ रायपुर में पिछले कुछ दिनों से प्रसार भारती की यूनिट बताकर एक फर्जी दफ्तर चलाया जा रहा था। इस दफ्तर में भारत सरकार के सील और चिन्ह वाले ऐसे लेटर्स मिले हैं। जिन्हें देखकर खुद सरकारी अफसर भी हैरान रह गए। शुक्रवार की दोपहर एक सूचना मिलने पर पुलिस की टीम शंकर नगर इलाके से लगे राजीव नगर पहुंची। एक बिल्डिंग में किराये पर फ्लैट लेकर प्रेस इंफर्मेशन ब्यूरो PIB का दफ्तर चलाया जा रहा था।

तस्वीर रायपुर की है। राजीव नगर के जीवन परिसर में ये दफ्तर मिला है।

तस्वीर रायपुर की है। राजीव नगर के जीवन परिसर में ये दफ्तर मिला है।

भारत सरकार के इस विभाग के नाम पर रायपुर के अभिजीत शर्मा नाम के इस युवक ने अपना प्राइवेट ऑफिस खोला हुआ था। कुछ लोागों को इसने नौकरी पर भी रखा हुआ था। छापे में ये भी पता चला कि इन जनाब ने तो भारत सरकार, दूरदर्शन, प्रसार भारती के ऑफिशियल सील और लेटर पैड भी बनवा रखे हैं। ये इन चीजों का इस्तेमाल खुद को भारत सरकार से जुड़ा हुआ अफसर बताने में करता था। पुलिस से आकाशवाणी रायपुर के कुछ अफसरों ने शिकायत कर इस नकली ऑफिस की जानकारी दी थी।

सफेद कमीज में नजर आ रहा युवक ही इस दफ्तर का डायरेक्टर अभिजीत है।

सफेद कमीज में नजर आ रहा युवक ही इस दफ्तर का डायरेक्टर अभिजीत है।

फिल्म स्पेशल 26 का वो सीन याद आ गया
बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार की फिल्म स्पेशल 26 के एक सीन में नकली CBI अफसरों की भर्ती करने के लिए प्राइवेट होटल में इंटरव्यू का सीन दिखाया जाता है। ठीक वैसे ही PIB के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले अभिजीत शर्मा नाम के युवक ने रायपुर के होटल हयात में कुछ लोगों का इंटरव्यू लिया। खम्हारडीह इलाके के CSP नसर सिद्दिकी ने बताया कि इसने तीन लड़कियों को अपने साथ काम पर रखा। प्रसार भारती का फर्जी ज्वाइनिंग लेटर जारी कर दिया। यह भी कह दिया कि फिलहाल मेरे साथ संविदा पर काम करो, बाद में मैं प्रसार भारती में परमानेंट जॉब दिला दूंगा। हालांकि अभिजीत से जब ये पूछा गया कि क्या उसने फिल्म से ही ये आइडिया चुराया ताे उसने इनकार कर दिया।

खम्हारडीह थाने की टीम ने पूरे दफ्तर की जांच की।

खम्हारडीह थाने की टीम ने पूरे दफ्तर की जांच की।

पकड़ में आया तो बोला- मैं तो पत्रकार हूं..
अभिजीत शर्मा जब पुलिस की हिरासत में मीडिया से बात कर रहा था तो उसने कहा- मैंने कोई ठगी नहीं की है। मैं पत्रकार हूं, अपनी कंपनी के जरिए कई चैनल्स को खबरों से जुड़े वीडियो वगैरह देने का काम कर रहा था। यह पूछे जाने पर कि सरकारी विभाग के नाम का इस्तेमाल क्यों किया ? तो उसने कहा कि मैंने प्रसार भारती से एसोसिएट (जुड़ने) का प्रयास किया मगर बात नहीं बनी। फिर मैंने अपने काम के लिए उनके नाम का इस्तेमाल कर लिया। मैंने नौकरी लगाने के नाम पर किसी से पैसे नहीं लिए।

युवक ने बताया कि उसने पहले सरकारी विभाग के अफसरों से संपर्क किया जब बात नहीं बनी तो विभाग के नाम का इस्तेमाल किया।

युवक ने बताया कि उसने पहले सरकारी विभाग के अफसरों से संपर्क किया जब बात नहीं बनी तो विभाग के नाम का इस्तेमाल किया।

क्या स्थानीय सरकारी विभागों से भी थी सांठ-गांठ ?
बिल्डिंग के तीसरे माले पर अभिजीत ने अपनी फर्जी दुनिया बसा रखी थी। इसके ऑफिस में काम करने वाली युवतियों से भी पुलिस पूछताछ कर रही है। आरोपी युवक ने पुलिस को पूछताछ में कुछ स्थानीय अफसरों के भी नाम बताए हैं। अब ये भी जांच का हिस्सा है कि कहीं स्थानीय स्तर पर तो कोई सरकारी कर्मचारी इसे सहयोग तो नहीं दे रहा था। हालांकि अब तक इस बात की कोई पुष्टि नहीं हो सकी है।

इस लेटर को देखकर कौन भला इसके झांसे में न आए, सील से लेकर लोगो सब कुछ सरकारी है।

इस लेटर को देखकर कौन भला इसके झांसे में न आए, सील से लेकर लोगो सब कुछ सरकारी है।

राष्ट्रीय चिन्ह वाले दर्जनों लेटर मिले
अभिजीत के फर्जी दफ्तर ने पुलिस को भारत के राष्ट्रीय चिन्ह वाले कई लेटर मिले हैं। एक नजर में इन्हें देखने पर लगता है कि जैसे केंद्र सरकार के किसी विभाग का कोई ऑर्डर लेटर हो। मगर सब नकली हैं। अब तक की जांच में पुलिस को प्रसार भारती, दूरदर्शन या आकाशवाणी से कोई सर्टिफिकेशन, लाइसेंस या एमओयू नहीं मिला। युवक बिना वैध दस्तावेजों के सरकारी विभागों के नाम का इस्तेमाल कर रहा था। इस दफ्तर का कोई गुमास्ता भी पुलिस को नहीं मिला।

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