Friday, May 10, 2024
Homeछत्तीसगढ़नक्सलियों ने सिविल सोसायटी के शांतिवार्ता पर उठाया सवाल, सरकार को दिया...

नक्सलियों ने सिविल सोसायटी के शांतिवार्ता पर उठाया सवाल, सरकार को दिया ये प्रस्ताव, पढ़िए क्या लिखा पत्र में….

रायपुर,। बस्तर में शांति स्थापित करने के लिए बनी सिविल सोसायटी जिसका ज़िक्र कतिपय मीडिया संस्थानों में आया है उसे लेकर माओवादियों की ओर से विज्ञप्ति जारी की गई है। माओवादियों ने इस सिविल सोसायटी पर ही सवालिया निशान लगा दिया है, माओवादियों ने सवाल किया है कि इस सोसायटी को सिविल सोसायटी कहना है या सरकारी सोसायटी। माओवादियों ने इस सोसायटी को कार्पोरेट लूट और सरकारी दमन का मानवीय मुखौटा करार दिया है।माओवादियों की विज्ञप्ति का पहला पैरा ही इस सिविल सोसायटी को ख़ारिज करता है, माओवादियों ने इस शांति प्रक्रिया को धोखा और सरकारी साज़िश का हिस्सा बता दिया है।
माओवादियों की ओर से जारी दो पेज की विज्ञप्ति में सिविल सोसायटी में राजनेताओें पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे सरकारी साज़िश का शिकार ना बने। माओवादियों ने सवाल किया है कि यदि शांति प्रक्रिया चाहिये तो पदयात्रा ना करें उन कारणों का दूर करने आगे आएँ जिनकी वजह से अशांति है।
अतीत में आंध्र प्रदेश से हुए समझौते के असफल होने और फिर 2010 में पोलित ब्यूरो सदस्य आज़ाद की हत्या का ज़िक्र भी इस विज्ञप्ति में इन पंक्तियों के साथ है

“हमारी पार्टी और सरकार के बीच वार्ता के विगत से अनुभवों से सिविल सोसायटी को सबक़ लेना चाहिए”

माओवादियों की यह विज्ञप्ति जो प्रवक्ता विकल्प की ओर से जारी है उसमें 30 से अधिक मुद्दे गिनाए गए हैं जिन्हें विज्ञप्ति में अशांति का कारण बताया गया है, ये मुद्दे केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक को छूते हैं। माओवादियों की इस विज्ञप्ति में इन तीस से अधिक मुद्दों के साथ सिविल सोसायटी से सवाल है

“इनके हल के बग़ैर क्या शांति संभव है ? कतई नही.. शांति की क़वायद अशांति की जड़ों को समाप्त करने की दिशा में होनी चाहिए परंतु सिविल सोसायटी क्या उल्टी दिशा में कदम बढ़ाने की क़वायद तो नहीं कर रही है”

माओवादियों की पूरी विज्ञप्ति सिविल सोसायटी के अस्तित्व और कार्ययोजना को ही प्रश्नांकित करती है। और जैसा कि माओवादी विज्ञप्तियों के अंत में अपनी ढेर सारी माँगो को कठिन से कठिनतम की ओर क्रम में लिखते हैं ये विज्ञप्ति भी वही क्रम अपनाते हुए समाप्त होती है। हालाँकि समाप्ति से ठीक पहले माओवादियों ने सिविल सोसायटी को भी सीधे संदेश दिया है।माओवादियों ने अंतिम पैरे में लिखा है-

“जनता के फ़ायदे के लिए हम हमेशा शांति वार्ता के लिए तैयार हैं,बशर्ते सरकार वार्ता के अनुरुप माहौल बनाने संघर्ष इलाक़ों से सरकारी सशस्त्र बल के कैंपों को हटाए उन्हें उनके मूल बैरकों में लौटाए. पार्टी पर लगा प्रतिबंध हटाए और जेलों में बंद पार्टी नेताओं को निशर्त रिहा करे, सिविल सोसायटी को इस दिशा में पहल करनी चाहिए उसे पीड़ित परिवारों से मुलाक़ात करने उनका रजिस्टर बनाने जैसे सतही व सस्ते उपाय तथा लोगों को भटकाने के हथकंडों को छोड देना चाहिए”

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular