Sunday, May 5, 2024
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बड़ी खबर: 8 करोड़ 20 लाख भुगतान मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज होगी FIR…

पाठ्य पुस्तक निगम में आर्थिक अनियमितता को लेकर हरिभूमि के खुलासे के बाद पाठ्य पुस्तक निगम में हड़कंप मच गया. महाप्रबंधक ने नियमों की धज्जियां उड़ाकर अपने हस्ताक्षर से करोड़ों का भुगतान कर दिया. पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने इस मामले को लेकर बड़ा ऐलान किया है. शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि 8 करोड़ 20 लाख भुगतान मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज होगी. साथ ही 72 करोड़ की अनियमितता को लेकर भी जाँच की जाएगी. शैलेश नितिन त्रिवेदी ने दिए पूरे मामले के जांच के आदेश दिए हैं. अधिकारियों को प्रभावी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं.

बड़ी खबर : 8 करोड़ 20 लाख भुगतान मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज होगी FIR

रायपुर. पाठ्य पुस्तक निगम में आर्थिक अनियमितता को लेकर हरिभूमि के खुलासे के बाद पाठ्य पुस्तक निगम में हड़कंप मच गया. महाप्रबंधक ने नियमों की धज्जियां उड़ाकर अपने हस्ताक्षर से करोड़ों का भुगतान कर दिया. पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने इस मामले को लेकर बड़ा ऐलान किया है. शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि 8 करोड़ 20 लाख भुगतान मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज होगी. साथ ही 72 करोड़ की अनियमितता को लेकर भी जाँच की जाएगी. शैलेश नितिन त्रिवेदी ने दिए पूरे मामले के जांच के आदेश दिए हैं. अधिकारियों को प्रभावी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं. बता दें कि पापुनि ने मेसर्स रामराजा प्रिंटर्स एंड पब्लिशर्स रावांभाठा रायपुर को पहले तो 8 करोड़ 20 लाख 4 हजार 401 रुपए की राशि का भुगतान कर दिया. बाद में ऑडिट में जब यह पता नहीं चला कि किस काम के लिए राशि का भुगतान किया गया, तब प्रकाशक को ही चिट्ठी लिखकर कार्यादेश की जानकारी मांगी गई है. संबंधित प्रकाशक को चिट्ठी लिखकर पूछा गया है कि आपके भारतीय स्टेट बैंक के खाता क्रमांक में 2 जनवरी 2020 को 8 करोड़ 20 लाख रुपए का भुगतान किया गया है. वह किस कार्य का है?

– स्मार्ट सिटी की दौड़ में रायपुर अव्वल, बिलासपुर पिछड़ा पाठ्यपुस्तक निगम ने संबंधित प्रकाशक से अब न सिर्फ इस कार्यादेश की जानकारी मांगी है, बल्कि मुद्रित सामग्री और उसके परिवहन का भी डिटेल मांगा गया है. साथ ही इस काम के लिए पाठ्यपुस्तक निगम के साथ की गई अनुबंध की प्रति भी उपलब्ध कराने कहा गया है. इतना ही नहीं, प्रकाशक को बिल, वाउचर, सामग्री प्रदान की पावती और चालान की प्रति भी मांगी गई है. काम प्रकाशक को कैसे मिला इसके संबंध में भी जवाब मांगा गया है. इसके लिए संबंधित प्रकाशक को हाल ही में पापुनि ने चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी ने एक बार फिर पापुनि में वित्तीय अनियमितता की परतें खोल दी है. दरअसल पापुनि के जिम्मेदारों को आशंका है कि बगैर किसी काम के ही संबंधित प्रकाशक को 8 करोड़ 20 लाख की राशि का भुगतान कर दिया गया है. यही वजह है कि पापुनि के चेयरमेन शैलेश नितिन त्रिवेदी ने इसे गंभीरता से लिया है. साथ ही प्रकाशक से जानकारी मांगने और जांच के निर्देश भी दिए हैं.

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