Saturday, May 18, 2024
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भिखारियों और कैदियों को भी लगेगा कोरोना टीका, आईडी की भी नहीं होगी जरूरत…केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया आदेश

नईदिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिला कार्यबल के लिए एक एसओपी जारी किया है। इसमें ऐसे लोगों को CoWIN पर रजिस्ट्रेशन करने की जिम्मेदारी दी गई है जिनके पास फोटो पहचना पत्र नहीं है। चूंकि कोरोना के खिलाफ सभी टीकाकरण को सॉफ्टवेयर पर दर्ज किया जाएगा। इसके लिए एक वैध पहचान पत्र की आवश्यक्ता होती है।

केंद्र ने कहा कि वैध पहचान पत्र वाले एक प्रमुख सूत्रधार की पहचान की जाएगी जो इन समूहों के टीकाकरण के लिए सेंटर प्वाइंट होगा। केंद्र ने यह भी कहा है कि जेल अधिकारिय और वृद्धाश्रम के अधिकारी प्रमुख सूत्रधार के रूप में काम कर सकते हैं

इस प्रक्रिया में किसे टीका लगाया जाएगा?
केंद्र ने फोटो पहचान पत्र के बिना टीकाकरण के लिए लोगों के कई समूहों की पहचान की है। लोगों के ऐसे समूहों में खानाबदोश (विभिन्न धर्मों के साधु/संत सहित), जेल के कैदी, मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों में बंद कैदी, वृद्धाश्रम के लोग, भिखारी, पुनर्वास केंद्रों में रहने वाले शामिल हैं। उन लोगों को भी टीका दिया जाएगा, जिनके पास निर्धारित फोटो पहचान पत्र नहीं है।

टीकाकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज
टीकाकरण के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर स्मार्ट कार्ड और पेंशन दस्तावेज  फोटो पहचान पत्र के तौर पर मान्य हैं। मंत्रालय ने राज्य सरकारों से ऐसे लोगों के बारे में कई आवेदन प्राप्त किए हैं जिनके पास इनमें से कोई भी नहीं है। मंत्रालय ने कहा, “कोविड-19 टीकाकरण सेवाओं को पहचान प्रमाणों के अभाव में अस्वीकार नहीं किया जा सकता है।”

इन लोगों का टीकाकरण केवल सरकारी केंद्रों पर होगा। लाभार्थियों की पहचान को सत्यापित करने के लिए प्रमुख सूत्रधार की आवश्यकता होगी।

कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के आगमन के साथ, जेल अधिकारियों ने कैदियों के बीच संक्रमण के तेजी से प्रसार का मुद्दा उठाया है। तिहाड़ जेल के लगभग 319 कैदियों को कोविड-19 से संक्रमित किया गया है। अभी तक पांच कैदी की संक्रमण से मौत हो गई। महानिदेशक (जेल), संदीप गोयल ने यह जानकारी दी है। 

केरल सरकार ने जेलों में सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए कैदियों को दो सप्ताह की पैरोल देने का फैसला किया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मेरठ में भी लगभग 280  कैदियों को जमानत या पैरोल पर रिहा किया जाएगा।

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