- बारसुर, भैरमगढ़ के जंगल और सुकमा के किस्टाराम में तेलंगाना कमेटी के नक्सलियों ने लगाए थे कैंप
- DRG, STF, CRPF, कोबरा और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई, मौके से 1214 स्पाइक्स, विस्फोटक सहित अन्य बरामद
छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान के तहत सुरक्षाबलों ने नक्सलियों पर शिकंजा कसा है। दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर जवानों ने नक्सली कैंप को ध्वस्त करते हुए भारी मात्रा में विस्फोटक, नक्सल सामग्री, बाइक सहित अन्य सामान बरामद किया है। यहीं पर ऑपरेशन के दौरान IED विस्फोट की चपेट में आकर STF जवान मोहन नाग शहीद हो गए थे। वहीं सुकमा में भी कैंप ध्वस्त कर 1214 स्पाइक्स बरामद किए हैं।
सुकमा में किस्टाराम के पोटकपल्ली के पास से कैंप ध्वस्त कर नक्सलियों के लगाए 530 स्पाइक और पोलमपल्ली के पालामड़गू से 684 स्पाइक सहित 1214 स्पाईक्स बरामद किए।
दरअसल, नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर रविवार को DRG, STF, CRPF, कोबरा और जिला पुलिस बल का संयुक्त ऑपरेशन लॉन्च किया गया था। जानकारी मिली थी कि नक्सलियों की दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी और तेलंगाना स्पेशल कमेटी के नक्सली वहां मौजूद हैं। अभियान के तहत जवानों ने दंतेवाड़ा-बीजापुर बार्डर पर बारसुर-भैरमगढ़ के ताकिलोड़ के जंगल और बीजापुर के बासागुड़ा-तर्रेम व पामेड़ के जंगल में धावा बोला।
डेढ़ माह में 8 नक्सली कैंप ध्वस्त, 26 गिरफ्तार हुए, 2 शव मिले
वहां नक्सलियों के कैंप को ध्वस्त किया। वहीं सुकमा में किस्टाराम के पोटकपल्ली के पास से कैंप ध्वस्त कर नक्सलियों के लगाए 530 स्पाइक और पोलमपल्ली के पालामड़गू से 684 स्पाइक सहित 1214 स्पाईक्स बरामद किए। IG बस्तर रेंज पी. सुंदराज ने बताया कि संभाग में डेढ़ माह के दौरान 8 से अधिक माओवादी कैंप ध्वस्त किए जा चुके हैं। वहीं दो नक्सलियों के शव बरामद करने के साथ 26 को गिरफ्तार किया गया है।
इस अभियान में रविवार शाम शहीद हुए STF जवान मोहन नाग को सोमवार को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद उनके शव को उनके गृहग्राम कोंडागांव के बड़े डोंगर भेजा गया, जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ।
शहीद जवान को दी गई श्रद्धांजलि
इस अभियान में रविवार शाम शहीद हुए STF जवान मोहन नाग को सोमवार को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद उनके शव को उनके गृहग्राम कोंडागांव के बड़े डोंगर भेजा गया, जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ। जवान नाग बीजापुर में तर्रेम क्षेत्र के ग्राम पेद्दागेलूर के जंगल में नक्सलियों के लगाए प्रेशर IED की चपेट में आने से घायल हो गए थे। उन्हें उपचार के लिए अस्पताल लाया गया, लेकिन वे शहीद हो गए।