Monday, September 15, 2025

CG: रजिस्ट्री अफसरों के नए फरमान ने लोगों को किया परेशान… फर्जी दस्तावेज से रजिस्ट्री हुई तो विभाग जिम्मेदार नहीं, दफ्तर में लगाया बोर्ड

रायपुर: रजिस्ट्री अफसरों के नए फरमान ने लोगों को परेशान कर दिया है। राजधानी समेत राज्यभर के उपपंजीयकों ने पंजीयन अधिनियम का हवाला देकर सभी रजिस्ट्री दफ्तरों में एक डिस्क्लेमर का बोर्ड लगा दिया है। बोर्ड में साफ लिखा गया है कि रजिस्ट्री के दौरान क्रेता-विक्रेता किसी भी तरह के दस्तावेज या आधार व पैन कार्ड फर्जी देता है।

अथवा गलत लोगों की गवाही पेश करता है तो इसमें उनकी यानी उपपंजीयकों की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। एक जमीन को बार-बार बेची जाती है या रजिस्ट्री में कोई फर्जीवाड़ा होता है तो उसमें भी क्रेता-विक्रेता के खिलाफ ही कार्रवाई की जाएगी। रजिस्ट्री करने वाले उपपंजीयकों की किसी भी तरह की कोई गलती नहीं होगी। न ही उनके खिलाफ कोई एफआईआर होगी। यानी सीधे-सीधे सभी गलती जमीन-मकान खरीदने-बेचने वालों की होगी।

ऐसा पहली बार हो रहा है जब उप पंजीयकों ने इस तरह का डिस्क्लेमर बोर्ड लगाया है। एक तरह से उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में जमीन रजिस्ट्री के मामले में उपपंजीयकों पर एफआईआर कर दी गई है। बिलासपुर के तारबाहर के फर्जीवाड़े में भी एक उपपंजीयक के खिलाफ एफआईआर की गई है। इसके बाद ही छत्तीसगढ़ रजिस्ट्री अधिकारी संघ ने फैसला किया कि वे इस तरह के बोर्ड लगाएंगे ताकि लोगों को पहले ही इस तरह की जानकारी हो जाए। वैधानिक चेतावनी के बाद कुछ होता है तो कोर्ट में भी उनका पक्ष मजबूत होगा। इसलिए इसे सार्वजनिक किया गया है।

यह कर सकते हैं, लेकिन करते नहीं

उप-पंजीयक के पास किसी जमीन-मकान की रजिस्ट्री के लिए आवेदन आता है तो वो उसे नामंजूर भी कर सकते हैं। दस्तावेजों में कोई असंगत बात दिखती है या संपत्ति का मूल्यांकन कम दिखाई देता है तो भी रजिस्ट्री से इंकार कर सकते हैं। इसी तरह कागजी कार्रवाई में कोई तथ्यात्मक गलती मिलती है तो भी रजिस्ट्री से इंकार कर सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करते हैं। आरोप है कि मिलीभगत से सारे काम हो जाते हैं।

एक दिन में 300 रजिस्ट्री जांचने का समय ही नहीं

पंजीयन विभाग का अफसर एक दिन में 60 रजिस्ट्री करता है। रायपुर में पांच उप पंजीयक हैं। यानी एक दिन में 300 रजिस्ट्री। सभी रजिस्ट्री के लिए पहले से ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लिए जाते हैं। यानी समय भी तय होता है। एक रजिस्ट्री के लिए औसतन 20 मिनट का ही समय दिया जाता है। ऐसे में किसी भी रजिस्ट्रार के पास इतना समय होता ही नहीं है कि वो रजिस्ट्री के दस्तावेजों की जांच कर सके। इसलिए जो दस्तावेज देते हैं उसे मान्य कर लिया जाता है। उसी आधार पर रजिस्ट्री भी हो जाती है।

उप पंजीयकों की जवाबदारी

  • क्रेता-विक्रेता से स्टांप शुल्क व पंजीकरण शुल्क लेना है।
  • रजिस्ट्री में स्टांप शुल्क का भुगतान कम तो नहीं किया है।
  • पेश किए दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री करना होता है।
  • पंजीकृत कराए दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां जारी करना।
  • सभी पंजीकृत दस्तावेजों की मूल प्रतियों का संरक्षण करवाना।
  • गवाहों के बयान लेना ताकि पता चले कि कोई दबाव तो नहीं।

(जैसा वरिष्ठ उप पंजीयक मंजूषा मिश्रा ने बताया)

उप पंजीयकों का काम यह नहीं

  • क्रेता-विक्रेता के आधार और पैन कार्ड की सत्यता जांचना।
  • जमीन दस्तावेजों को नहीं जांचते, जो पेश किया वही सही।
  • पॉवर ऑफ अटार्नी और बी-वन की जांच नहीं करते हैं।

(पंजीयन विभाग के अफसरों के अनुसार)



                                    Hot this week

                                    रायपुर : खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा प्रदेश स्तर पर सघन छापामार कार्यवाही

                                    एक सप्ताह में 77 औषधि प्रतिष्ठानों का निरीक्षणरायपुर: राज्य...

                                    रायपुर : प्रदेश में अब तक 1003.8 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

                                    रायपुर: छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 1003.8...

                                    Related Articles

                                    Popular Categories