जांजगीर-चांपा: बिलासपुर के SECL में कंप्यूटर आपरेटर की पद पर नौकरी लगाने के नाम पर 20 लाख रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है, जिसमें एक आरोपी राजकुमार दिवाकर को गिरफ्तार किया गया है। वहीं एक अन्य आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर है, जिसकी तलाश की जा रही है। पूरा मामला नवागढ़ थाना क्षेत्र का है।
गौतम रत्नाकर ने बताया की बुक स्टेशनरी का दुकान चलता है। आरोपी राजकुमार दिवाकर का भी टाइल्स की दुकान थी, जिसमें सामान करते थे। ऐसे में अच्छी जान पहचान थी। आरोपी ने 2022 के अगस्त महीने में बताया था कि बिलासपुर के एसईसीएल में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी निकाली है।
मध्यप्रदेश के शख्स के साथ मिलकर की ठगी
आरोपी राजकुमार दिवाकर ने एसईसीएल के अधिकारियों से अच्छी पकड़ होने की बात कही। उसका एक अन्य साथी जोकि मध्यप्रदेश का रहने वाला है। उसकी भी अच्छी जन पहचान होने का झांसा देकर नौकरी के लिए 20 लाख रुपये लगने की बात कही। इसके बाद पीड़ित ने आरोपी राजकुमार को रकम दे दिया था।
उधारी में पैसा लेकर 20 लाख रुपए दिए
वहीं अक्टूबर माह में व्हाट्सएप के माध्यम से ज्वाइनिंग लेटर आया और कहा कि बाकि का पैसा दे दो काम हो गया है। बिलासपुर जाकर ज्वाइन कर लेना, जिसके बाद पैसे देने के लिए खेत बेचकर, सोने चांदी के जेवर और कुछ जमीन गिरवी रखकर पैसे दिए। रिस्तेदारों से भी उधारी में पैसा लेकर 20 लाख रुपए दिए।
आरोपी राजकुमार दिवाकर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
फर्जी ज्वाइनिंग लेटर का खुलासा
जब पीड़ित 10 अक्टूबर 2022 को एसईसीएल बिलासपुर में व्हाट्सएप में आए ज्वाइनिंग लेटर को लेकर पहुंचे और वहां जाकर अधिकारी को दिखाया। तब पता चला की इस प्रकार का कोई वैकेंसी नहीं निकाली गई है, यह फर्जी है। तब जाकर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ।
नवागढ़ थाने में मामला हुआ दर्ज
थाना प्रभारी कमलेश संडे ने बताया कि 20 लाख रुपए की धोखाड़ी की गौतम रत्नाकर ने रिपोर्ट दर्ज कराई है, जिसपर आरोपी राज कुमार दिवाकर को पोड़ी राछा से हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। आरोपी राजकुमार ने 20 लाख रुपए लेने की बात स्वीकार कर लिया है। राजकुमार दिवाकर को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। वही एक अन्य आरोपी सकुंत फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है ।