RAIPUR: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ऑनलाइन बेटिंग के अवैध कारोबार से जुड़े प्लेटफॉर्म्स पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग की है। अपने पत्र में उन्होंने वेब, एपीके, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और URL पर बैन लगाने का आग्रह किया है। उन्होंने लिखा कि छत्तीसगढ़ में शुरू से ही इस अवैध कारोबार को लेकर कड़ी कार्रवाई की जाती रही है।
मुख्यमंत्री ने आगे पत्र में कहा है कि पिछले कुछ समय में ऑनलाइन बेटिंग, गेमिंग के जरिए अवैध जुआ और सट्टा कारोबार का देशव्यापी विस्तार हुआ है। इनके ऑपरेटर विदेशों से अवैध कारोबार का संचालन करते आ रहे हैं। ऑनलाइन बेटिंग को लेकर प्रदेश में अलग-अलग केस दर्ज कर इसमें शामिल 450 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आरोपियों की संपत्ति भी जब्त की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीएम भूपेश बघेल ने लिखा पत्र।
क्या है भूपेश बघेल के पत्र में…
1. मार्च 2022 से अब तक 90 से ज्यादा आपराधिक केस
- छ्तीसगढ़ में अब तक ऑनलाइन बेटिंग ऐप के खिलाफ हुई कार्रवाई की जानकारी भी दी। उन्होंने लिखा कि मार्च 2022 से अब तक 90 से ज्यादा आपराधिक केस दर्ज किए गए हैं। इनमें शामिल 450 से ज्यादा आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
- बैंक खातों में जमा 16 करोड़ रुपए फ्रीज कराए जा चुके हैं। कार्रवाई के दौरान कई लैपटॉप, मोबाइल भी जब्त हुए हैं। मास्टरमाइंड के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया गया है।
- छत्तीसगढ़ पुलिस ने देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर कार्रवाई की है, जबकि बेटिंग का संचालन छत्तीसगढ़ से नहीं होता।
भूपेश बघेल ने पत्र में ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर बैन लगाने की मांग की है।
2. ऑनलाइन गेमिंग को बैन करने पत्राचार भी किया
- छत्तीसगढ़ पुलिस ने 80 ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म/URL/लिंक/APK को सस्पेंड करने के लिए इलेक्ट्रिॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार को पत्राचार भी किया है। गूगल से पत्राचार करके इस अवैध कारोबार में संलिप्त ‘महादेव ऐप’ को प्ले स्टोर से रिमूव करवाया गया है।
- हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार ने महादेव बुक समेत 22 अवैध बेटिंग ऐप्स और वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगाया गया है। खास बात ये है कि ये अवैध कारोबार कई अंतर्राष्ट्रीय/देशीय मोबाइल नम्बरों, मेल आईडी, टेलीग्राम, वॉट्सऐप, URL/लिंक/APK फाइल के जरिए भी संचालित होता है।
3. ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म/URL/लिंक/APK पर बैन जरूरी
- इस कारोबार में प्रयोग किये जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय/देशीय मोबाइल नंबरों, मेल आईडी, टेलीग्राम, वॉट्सऐप, URL/लिंक/APK, इंस्टग्राम को भी आईडेंटिफाई कर इन सभी को प्रतिबंधित करवाया जाए।
- ऑनलाइन बेटिंग/जुआ/सट्टा कारोबार संचालित करने वाले लोगों की आपराधिक कार्यप्रणाली का विस्तार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो गया है। वो एडवांस तकनीकों और प्लेटफार्म्स का प्रयोग कर अपराध कर रहे हैं।
4. अवैध कारोबार का ऑपरेटिंग सिस्टम डिकोड
- अब तक हुई इन्वेस्टिगेशन में इन अवैध कारोबारियों का पूरा ऑपरेटिंग सिस्टम जांच एजेंसियों के संज्ञान में आ चुका है। इसलिए हर स्तर पर इनके कारोबार को रोकने के लिये उपाय किये जाने की सख्त जरूरत है।
- आरोपियों की ओर से इस्तेमाल हो रहे बैंक खातों का अवैध परिचालन तत्काल रोके जाने के लिए कदम उठाया जाना चाहिए जो केन्द्र के स्तर पर किया जाना संभव है।
- ये जरूरी हो गया है कि केन्द्र सरकार अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए इस दिशा में कार्यवाही करे और इन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाए, ताकि देश के करोड़ों लोगों को इस अवैध कारोबार के शिकंजे में फंसने से बचाया जा सके।
जानिए क्यों सुर्खियों में है ऑनलाइन बेटिंग ऐप का मुद्दा
- छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ महीनों से ऑनलाइन बेटिंग ऐप का मुद्दा गरमाया है। चुनाव से ठीक पहले ED ने 2 नवंबर को कार्रवाई करते हुए भिलाई से असीमदास और कॉन्स्टेबल भीम सिंह यादव की गिरफ्तारी की थी। इनके पास से 5 करोड़ से ज्यादा की रकम जब्त हुई थी।
- गिरफ्तारी के अगले दिन ED ने असीम दास के हवाले से दावा किया था कि सट्टा ऐप के प्रमोटर्स ने सीएम बघेल को 508 करोड़ रुपए दिए।
- हालांकि हफ्ते भर पहले एक कथित वायरल लेटर में दावा किया गया कि असीम दास ने सीएम बघेल को 508 करोड़ रुपए नहीं दिए। लेटर में असीम ने दावा किया था कि शुभम सोनी ने उसे फंसाया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप्स पर बैन लगाया था।
22 बेटिंग एप्लीकेश पर केंद्र लगा चुका है बैन
विवाद के दौरान केंद्र सरकार ने महादेव सट्टेबाजी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की सिफारिश पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने महादेव बुक और रेड्डी अन्नाप्रिस्टोप्रो समेत 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइटों को ब्लॉक करने का आदेश जारी किया था।
सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने आदेश में कहा था कि छत्तीसगढ़ सरकार के पास IT अधिनियम की धारा 69-ए के तहत वेबसाइट/ऐप को बंद करने की सिफारिश करने की पूरी शक्ति थी। हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया। सरकार पिछले डेढ़ सालों से इसकी जांच कर रही है।
जानिए सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स के नुकसान
सुप्रीम कोर्ट ने 6 मार्च 2020 के एक लैंडमार्क फैसले में ऑनलाइन सट्टेबाजी को दो भागों में बांटा है…
पहला – गेम ऑफ स्किल यानी अपनी जानकारी और नॉलेज के हिसाब पैसे दांव पर लगाना, इसे अपराध नहीं कहा जाएगा।
दूसरा: गेम ऑफ चांस, यानी सिर्फ लक आजमाकर जुआ खेलना।
सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले और कानून के अनुसार सिर्फ गेम ऑफ स्किल्स यानी कौशल वाले खेलों को ही कानूनी मान्यता है। सट्टेबाजी और जुआ भारत में अवैध है, जिसके खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्यों की पुलिस के पास अधिकार है। हालांकि, केंद्र सरकार ने इंटरमीडियरी नियमों में बदलाव करके सट्टेबाजी वाले ऐप्स को भी गेमिंग की आड़ में अजीबोगरीब मान्यता दे दी है।
यही वजह है कि ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में सट्टेबाजी से जुड़े ऐप्स भारत में खरबों का कारोबार कर रहे हैं। ड्रीम 11, फैंटसी 11, माय सर्कल और रमी जैसे ऑनलाइन सट्टेबाजी वाले ऐप गेम ऑफ स्किल के इसी नियम के तहत जमकर धंधा कर रहे हैं।
इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि फैंटेसी स्पोर्ट्स 2019 में 920 करोड़ रुपए का था, वहीं 2020 में 24,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था। देश में महादेव बुक ऐप जैसे कई अन्य ऐप्स अवैध कारोबार करने के साथ युवाओं के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं।