Tuesday, November 26, 2024
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CG: बिलासपुर में तहसीलदारों की मनमानी, 50 से अधिक नामांतरण रद्द… कलेक्टर ने कहा- जल्दी निपटाएं राजस्व प्रकरण, अधिकारी करने लगे निरस्त; अब बढ़ गई परेशानी

BILASPUR: बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने तहसील न्यायालयों में लंबित राजस्व प्रकरणों को शीघ्र निपटाने के निर्देश दिए हैं। लिहाजा, पेंडेंसी कम करने के बहाने तहसीलदार नामांतरण के केस को भी खारिज कर रहे हैं, जिसके कारण जमीन खरीदी करने वाले लोगों की परेशानियां बढ़ गई है। उन्हें तहसीलदार ऑफिस का चक्कर काटना पड़ रहा है। ताजा मामला बिल्हा के बोदरी तहसील का है।

दरअसल, जिले के राजस्व न्यायालयों में पेंडेंसी 6 हजार 298 के आंकड़ों को पार कर चुकी है। अफसरों की बहानेबाजी भी ऐसी कि चुनाव आचार संहिता की आड़ में न्यायालयों में आवेदनकर्ता हो या फिर पक्षकार पेशी पर पेशी दी गई। जिसके कारण लोगों की दिक्कतें बढ़ती ही गई।

कलेक्टर को दिखाने के लिए थोक में आवेदन निरस्त कर रहे राजस्व अफसर।

कलेक्टर को दिखाने के लिए थोक में आवेदन निरस्त कर रहे राजस्व अफसर।

यही कारण है कि जिले के राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। चुनाव समाप्त होने के बाद कलेक्टर अवनीश शरण ने तय समय पर पेंडेंसी खत्म करने राजस्व अफसरों को हिदायत दी है। साथ ही एसडीएम और तहसीलदारों को दफ्तर में बैठकर केस का निराकरण करने के लिए कहा है।

बोदरी में पेंडेंसी कम करने 50 से अधिक नामांतरण आवेदन खारिज

जैसे ही कलेक्टर ने एसडीएम और तहसीदारों को पेंडेंसी कम करने का निर्देश दिया है। अफसरों की मनमानी बढ़ गई है। लंबित मामलों के आंकड़ों को कम करने के लिए राजस्व अधिकारी थोक में नामांतरण केस को खारिज कर दे रहे हैं। बोदरी तहसील में तहसीलदार प्रमोद पटेल ने एक साथ 50 से अधिक नामांतरण केस को खारिज कर दिया है।

इसमें नामांतरण केस खारिज करने के लिए ज्यादातर आवेदन में डुप्लीकेट आवेदन को कारण बताया गया है, जबकि ऐसे मामलों में आवेदनकर्ताओं का पक्ष ही नहीं सुना गया है। इस संबंध में जानकारी लेने के लिए तहसीलदार प्रमोद पटेल से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन ही रिसीव नहीं किया।

एसडीएम बोले- दोबारा कर सकते हैं आवेदन
इधर, बिहल्हा एसडीएम हरिओम द्विवेदी का कहना है कि अगर किसी का नामांतरण आवेदन खारिज किया जाता है तो वो दोबारा आवेदन जमा कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें कोई मनाही नहीं है, लेकिन बिना वजह आवेदन निरस्त करने के कारण तहसील ऑफिस में लोगों की परेशानी बढ़ गई और वो ऑफिस का चक्कर लगाने के लिए मजबूर हैं।

अफसरों की मनमानी से जमीन का नामांतरण कराने वाले लोगों की बढ़ी परेशानी।

अफसरों की मनमानी से जमीन का नामांतरण कराने वाले लोगों की बढ़ी परेशानी।

दोबारा ऑनलाइन आवेदन अपलोड नहीं
वहीं, पीड़ितों का कहना है कि आवेदन निरस्त होने के बाद उन्होंने दोबारा ऑनलाइन आवेदन करने का प्रयास किया, लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया में आवेदन एक्सेप्ट नहीं हो रहा है। उसमें केस को निराकृत बताया जा रहा है। ऐसे में उन्हें दफ्तर जाकर आवेदन करना पड़ेगा और परेशानी होगी।

टीएल की बैठक में कलेक्टर ने राजस्व केस निपटाने दिया है टारगेट
बीते दिनों समय सीमा की बैठक में कलेक्टर अवनीश शरण ने राजस्व अधिकारियों की बैठक ली थी, जिसमें उन्होंने राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा की थी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में गंभीरता दिखाते हुए समय पर कार्यवाही सुनिश्चित करें। आम नागरिकों के प्रकरणों पर समयबद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि लोगों को परेशान ना होना पड़े।

कलेक्टर ने अविवादित नामांतरण, अविवादित बंटवारा, सीमांकन, विवादित नामांतरण, ई कोर्ट में दर्ज प्रकरण, डायवर्सन, राजस्व वसूली, डिजीटल हस्ताक्षर की समीक्षा की थी और अफसरों को टारगेट भी दिया है, जिसके कारण राजस्व अधिकारी पेंडेंसी कम करने मनमानी कर रहे हैं।




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