शराब घोटाले में पूछताछ के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार को भी ED के सामने पेश नहीं होंगे। आम आदमी पार्टी (AAP) ने कहा कि ED के समन गैरकानूनी हैं। जब समन की वैधता को लेकर कोर्ट में सुनवाई चल रही है, तो बार-बार समन भेजने की जगह एजेंसी को कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
एजेंसी ने 17 फरवरी को छठा समन भेजकर केजरीवाल को 17 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया था। इससे पहले जांच एजेंसी केजरीवाल को 2 फरवरी, 17 जनवरी, 3 जनवरी, 21 दिसंबर और 2 नवंबर को समन भेज चुकी थी। जब पांच समन के बाद भी दिल्ली CM पूछताछ के लिए नहीं आए तो ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका लगाई थी।
14 फरवरी को कोर्ट ने केजरीवाल से कहा था कि आप 17 फरवरी को अदालत में हाजिर होकर पेशी में न जाने की वजह बताएं। तब केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और बजट सेशन के कारण वर्चुअली कोर्ट में पेश हुए थे। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि हम अगली सुनवाई 16 मार्च को करेंगे। केजरीवाल उस दिन कोर्ट में पेश होंगे।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि ED जल्द ही अरविंद केजरीवाल को सातवां समन भेज सकती है। इसके अलावा जांच एजेंसी ने कहा कि कोर्ट में समन की वैधता को लेकर सुनवाई नहीं हो रही है। केजरीवाल ने पहले जारी किए गए 3 समन का जानबूझकर पालन नहीं किया, इसलिए कोर्ट ने माना कि दिल्ली के CM ने अपराध किया है।
कोर्ट ने ED की याचिका पर IPC की धारा 174 के तहत संज्ञान लिया है। यह धारा कानूनी आदेश का पालन न करने से संबंधित है। कोर्ट ने माना कि केजरीवाल पर मुकदमा चलाया जा सकता है।
केजरीवाल का आरोप- भाजपा मुझे गिरफ्तार करवाएगी
16 फरवरी को विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पेश करते हुए केजरीवाल ने कहा था- भाजपा दिल्ली में ऑपरेशन लोटस चला रही है। हमारी पार्टी के 2 विधायकों से उन्होंने संपर्क किया और दावा किया था कि केजरीवाल को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
दोनों विधायकों को भाजपा के लोगों ने कहा कि AAP के 21 अन्य विधायक उनके संपर्क में हैं और पार्टी छोड़ने को तैयार हैं। उन्हें 25-25 करोड़ रुपए ऑफर किए गए हैं। हालांकि, हमने जब विधायकों से पूछताछ की तो हमें पता चला कि उन्होंने 7 विधायकों से संपर्क किया है। केजरीवाल ने इससे पहले मार्च 2023 और अगस्त 2022 में विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया था।
ED को गिरफ्तारी का अधिकार, केजरीवाल कोर्ट जा सकते हैं
कानून के जानकारों के अनुसार, CM केजरीवाल के बार-बार पेश नहीं होने पर ED उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर सकती है। उसके बाद भी पेश नहीं हुए तो धारा 45 के तहत गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है।
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के जानकार बताते हैं कि पेश नहीं हो पाने की ठोस वजह बताई जाती है तो ED समय दे सकती है। फिर दोबारा नोटिस जारी करती है। PMLA में नोटिस की बार-बार अवहेलना पर गिरफ्तारी हो सकती है।
अगर CM केजरीवाल आगे पेश नहीं होते हैं तो जांच अधिकारी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं। ठोस सबूत होने पर या सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं।
वहीं, केजरीवाल वारंट जारी होने के बाद कोर्ट जा सकते हैं और अपने एडवोकेट की मौजूदगी में जांच में सहयोग करने का वादा कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ED को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दे सकता है।
(Bureau Chief, Korba)