Thursday, January 16, 2025
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              RAIPUR : 2000 करोड़ के शराब-घोटाला केस में ED को झटका, सुप्रीम-कोर्ट ने रद्द किया मनी लॉन्ड्रिंग का मामला, कहा- बिन अपराध और आय कैसे मनी लॉन्ड्रिंग

              RAIPUR: छत्तीसगढ़ के 2 हजार करोड़ के कथित शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग मामले को रद्द कर दिया है। रिटायर्ड IAS अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश समेत 6 आरोपियों को राहत मिली है।

              सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ED की शिकायत आयकर अधिनियम के अपराध पर आधारित थी, जो प्रीवेशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के अनुसार अनुसूचित अपराध नहीं है। कोर्ट ने कहा कि जब कोई विधेय अपराध (प्रेडिकेट ऑफेंस) नहीं हुआ, अपराध से कोई आय नहीं हुई तो ये मनी लॉन्ड्रिंग नहीं है।

              अनिल टुटेजा और यश टुटेजा ।

              अनिल टुटेजा और यश टुटेजा ।

              6 आरोपियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

              जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुईयां की डबल बेंच शुक्रवार को रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा सहित अन्य 6 आरोपियों की याचिका पर सुनवाई की थी। इसके बाद अगली सुनवाई 8 अप्रैल यानी आज हुई, जिसमें जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की डबल बेंच ने फैसला सुनाया है।

              कोर्ट ने कहा था- ED की शिकायत पर विचार नहीं

              सुनवाई के दौरान ED की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू से जस्टिस एएस ओका ने कहा था कि अगर कोई अपराध नहीं है, अपराध से कोई आय नहीं है। इसलिए ये मनी लॉन्ड्रिंग नहीं हो सकता है। कोर्ट ने कहा था कि शिकायत पर विचार नहीं किया जा सकता, क्योंकि कोई विधेय अपराध नहीं है।

              ASG ने कहा था- स्थगन के कारण शिकायत नहीं दर्ज हो सकी

              इस पर सालिसिटर जनरल ने जवाब दिया कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ नया विधेय अपराध दर्ज किया गया है, जिसके आधार पर ED ने एक ECIR (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दायर की जाएगी। ASG ने कहा कि, स्थगन के कारण नहीं शिकायत नहीं दर्ज हो सकी।

              कोर्ट ने ED को बयान दर्ज करने के लिए कहा है। इसे लेकर ASG ने समय मांगा, जिसके बाद ED को 4 दिन का समय दिया गया है। टुटेजा पिता-पुत्र के साथ ही इसमें करिश्मा ढेबर, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी और सिद्धार्थ सिंघानिया ने सह याचिकाकर्ता हैं।

              11 महीने सुप्रीम कोर्ट ने पिता-पुत्र की गिरफ्तारी पर लगाई थी रोक

              अनिल टुटेजा और यश टुटेजा की गिरफ्तारी पर करीब 11 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ताओं ने ED की कार्रवाई को गलत बताया था। कहा था कि, जिस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई करना चाह रही है, उसमें कोई ठोस बेस नहीं है। यानी ईडी ने यह नहीं बताया कि टुटेजा ने कैसे अवैध धन का उपार्जन किया और कैसे इसकी मनी लॉन्ड्रिंग की।

              अनिल टुटेजा और बेटा यश पर FIR

              शराब और कोयला घोटाला मामले में ED ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों समेत 100 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई है। इनमें कांग्रेस सरकार में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व विधायक यूडी मिंज, गुलाब कमरो का नाम शामिल है।

              इसके साथ ही शिशुपाल के साथ ही 2 निलंबित IAS, रिटायर्ड IAS अफसर और कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल समेत अन्य के नेताओं के नाम शामिल है, जिसमें पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा व उनके बेटे यश टूटेजा को भी आरोपी बनाया गया है। इस कार्रवाई के खिलाफ उन्होंने अपने एडवोकेट के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।




                        Muritram Kashyap
                        Muritram Kashyap
                        (Bureau Chief, Korba)
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