Monday, June 23, 2025

छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला केस : EOW को रानू साहू- सौम्या चौरसिया की 5 दिन की रिमांड मिली, 27 मई तक होगी पूछताछ, अबतक रायपुर जेल में बंद थी दोनों

कोर्ट में पेशी के लिए पहुंची रानू साहू और सौम्या चौरसिया

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाला केस में EOW को रानू साहू और सौम्या चौरसिया की रिमांड मिल गई है। दोनों को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर EOW की टीम रायपुर स्पेशल कोर्ट पहुंची थी। यहां टीम ने 15 दिन की रिमांड मांगी थी हालांकि कोर्ट से 5 दिन की ही रिमांड मिली है।

EOW अब 27 मई तक दोनों से कोयला घोटाला केस में पूछताछ करेगी। इससे पहले तक निलंबित IAS रानू साहू और सौम्या चौरसिया रायपुर सेंट्रल जेल में बंद थीं। गुरुवार को जज अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट ने दोनों की रिमांड EOW को सौंप दी है।

निलंबित IAS रानू साहू को भी कोर्ट लाया गया है।

निलंबित IAS रानू साहू को भी कोर्ट लाया गया है।

बचाव पक्ष ने कहा- रिमांड के लिए कोई पुख्ता तथ्य नहीं

बचाव पक्ष के वकील फैजल रिज़वी ने कहा कि, EOW ने गिरफ्तारी के बाद एप्लीकेशन लगाई है, उन्होंने मांग की है कि 5 जून तक रिमांड दी जाए। इसका हमने विरोध किया है। हमने कहा है कि, ED के केस में एक की बेल हो गई है और रानू साहू की बेल सुप्रीम कोर्ट में लगी हुई है।

वहीं सौम्या चौरसिया की बेल पर भी हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है इस वजह से ही फिर गिरफ्तारी की जा रही है। रिमांड मांगने के लिए भी कुछ पुख्ता तथ्य पेश नहीं किए गए हैं। 3 दिन तक पहले ही पूछताछ हो चुकी है इसलिए हमने रिमांड पर आपत्ति जताई है।

पहले जेल में भी हो चुकी है पूछताछ

इससे पहले भी विशेष कोर्ट 5 दिन और फिर 3 दिन के लिए पूछताछ की अनुमति दे चुकी है। तब टीम ने रायपुर सेंट्रल जेल में 29 मार्च से 2 अप्रैल तक और उसके बाद 4 से 7 अप्रैल तक पूछताछ की थी। इसी मामले में जेल में बंद निलंबित IAS समीर विश्नोई, शिवशंकर नाग और सूर्यकांत तिवारी से पूछताछ हो चुकी है।

छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले मामले में ED की रिपोर्ट पर ACB-EOW ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 36 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है। वहीं, इस मामले में ACB की टीम ने जांच शुरू कर दी है।

सौम्या चौरसिया को EOW टीम ने कोर्ट में पेश किया

सौम्या चौरसिया को EOW टीम ने कोर्ट में पेश किया

कोल स्कैम केस में अब तक क्या हुआ

ED ने इस मामले में अब तक कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सचिवालय में काम करने वाली अधिकारी सौम्या चौरसिया, IAS समीर विश्नोई समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। 222 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है और इस पूरे मामले की जांच जारी है।

प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा इसे प्रदेश का बड़ा आर्थिक अपराध मानते हुए ACB में शिकायत दर्ज कराई थी।

कोल मामले में इन पर FIR

1. कवासी लखमा, विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री
2. देवेंद्र यादव, विधायक
3. अमरजीत भगत, पूर्व खाद्य मंत्री
4. बृहस्पत सिंह, पूर्व विधायक
5. गुलाब कमरो, पूर्व विधायक
6. शिशुपाल सोरी, पूर्व विधायक
7. चंद्रदेव प्रसाद राय, पूर्व विधायक
8. यूडी मिंज, पूर्व विधायक
9. समीर विश्नोई, निलंबित IAS
10. रानू साहू, निलंबित IAS
11. सौम्या चौरसिया, पूर्व उप सचिव, सीएम कार्यालय
12. संदीप कुमार नायक, सहायक खनिज अधिकारी
13. शिवशंकर नाग, खनिज अधिकारी
14. सूर्यकांत तिवारी, कोल कारोबारी
15. मनीष उपाध्याय
16. रौशन कुमार सिंह
17. निखिल चंद्राकर
18. राहुल सिंह
19. पारिख कुर्रे
20. मोइनुद्दीन कुरैशी
21. वीरेंद्र जायसवाल
22. रजनीकांत तिवारी
23. हेमंत जायसवाल
24. जोगिंदर सिंह
25. नवनीत तिवारी
26. दीपेश टांक
27. देवेंद्र डडसेना
28. राहुल मिश्रा
29. रामगोपाल अग्रवाल, तत्कालीन कोषाध्यक्ष, कांग्रेस
30. राम प्रताप सिंह, तत्कालीन प्रवक्ता, कांग्रेस
31. विनोद तिवारी, पीईपी
32. इदरीश गांधी, पीईपी
33. सुनील कुमार अग्रवाल
34. जय
35. चंद्रप्रकाश जायसवाल
36. लक्ष्मीकांत तिवारी

समझें क्या है कोल और शराब स्कैम?

ED की टीम छत्तीसगढ़ में कोल और शराब से जुड़े स्कैम की जांच कर रही है। यह करीब 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा है। इसमें कई IAS अफसरों पर शिकंजा कसा जा चुका है। इसके अलावा कई कारोबारी भी जेल में हैं। अब इसमें पूर्व मंत्री भी फंसते दिखाई दे रहे हैं।

समझें कि क्या है कोल स्कैम

  • ED ने छत्तीसगढ़ में जांच के बाद 540 करोड़ के कोल लेवी स्कैम का खुलासा किया था। इसमें IAS रानू साहू के अलावा IAS समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया।
  • इसके अलावा कांग्रेस नेता और कुछ कारोबारी भी ED की जांच के दायरे में रहे। इन लोगों से पूछताछ की गई है और इनके घरों से कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए। ED ने पिछले साल 540 करोड़ के अवैध कोल परिवहन का केस दर्ज किया है।
  • कोल परिवहन में कोयला एजेंसियों से प्रति टन 25 रुपए कमीशन वसूलने का आरोप है। ये वसूली सिंडीकेट करता था, सिंडिकेट के लोगों के नाम पर ही FIR हुई है।

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