कोरबा: मानसून की दस्तक के साथ ही 3 सप्ताह बाद बारिश के सीजन तक एनजीटी की गाइडलाइन के तहत नदी-नालों से रेत खनन पर प्रतिबंध लग जाएगा। इसके साथ ही वैध रेत खदान बंद हो जाएंगे। प्रतिबंधित 4 महीने के लिए होने और इस दौरान वैध भंडारण स्थल से रेत का उठाव हो जाने से हर साल उक्त अवधि के दौरान रेत की किल्लत होती है, जिसके मद्देनजर अब जिले में रेत माफिया सक्रिय होकर आउटर में जंगल व अन्य सुनसान जगह पर अवैध रेत भंडारण करने लगे हैं। इसके लिए रात के अंधेरे में नदी-नाला किनारे से अवैध रेत खनन कराया जाता है। दिन के उजाले में अवैध भंडारण का काम बंद रहता है, जिससे नजर में न चढ़े। रेत माफियाओं द्वारा सोनपुरी, बरबसपुर, बरमपुर, बांगो, कटघोरा क्षेत्र में ऐसे अवैध भंडारण किया जा रहा है।
शहर से सतरेंगा की ओर जाने वाले सोनपुरी गांव के समीप जंगल में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से रेत का भंडारण किया गया था। इसकी जानकारी मिलने पर जिला खनिज अधिकारी प्रमोद नायक के निर्देश पर सहायक खनिज अधिकारी उत्तम खूंटे ने खनिज निरीक्षक खिलावन कुल्हरिया को टीम समेत मौके पर कार्रवाई के लिए रवाना किया। टीम ने गुरुवार को मौके पर छापा मारा तो वहां 200 ट्रिप रेत का भंडारण पाया गया।
पिछले साल खदान बंद, अब तक चल रहा भंडारण नए गाइडलाइन में अब शहरी क्षेत्र में नगरीय निकाय रेत खदान का संचालन कर रहे हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। पोड़ी-उपरोड़ा के ग्राम पंचायत बांगो में हसदेव नदी के किनारे खुला रेत खदान पिछले साल बंद हो गया। लेकिन नदी के समीप ही मात्रा में रेत भंडारण किया गया है। लगातार हाइवा से ढुलाई के बाद भी भंडारण का रेत कम नहीं हो रहा है।
जानकारी जुटाकर की जा रही है कार्रवाई सहायक खनिज अधिकारी उत्तम खुंटे के मुताबिक कई जगह रेत के अवैध भंडारण की सूचना मिल रही है। बारिश के दौरान प्रतिबंधित अवधि में अवैध रेत खनन, परिवहन व भंडारण के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
(Bureau Chief, Korba)