खैरागढ़: वन मंडल में वन विभाग ने लाइन कटाई और विभिन्न कार्य के नाम से झूठे प्रमाणक बनाकर करोड़ों का फर्जी भुगतान कर सरकारी पैसों का बंदरबांट कर दिया। लगभग सवा करोड़ सरकारी रुपए गबन करने का शिकायत को लगभग 2 साल होने जा रहे हैं लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
दरअसल, पूरा मामला खैरागढ़ – डोंगरगढ़ वन परिक्षेत्र का है। जनवरी 2021 से मार्च 2021 तक लाइन कटाई, जलाई आदि कार्य के लिए करोड़ों रुपए का फर्जी भुगतान कर दिया गया। वन अफसरों ने आपसी सांठ-गांठ कर करोड़ों रुपए की सरकारी राशि गबन कर दी।
1 करोड़ 35 लाख से ज्यादा रुपए गबन किया
फर्जी प्रमाणक और दस्तावेजों में उलट-पलट कर कुल 1 करोड़ 35 लाख 85 हजार 314 रुपए की सरकारी राशि गबन करने के आरोप में वन विभाग के तत्कालीन डीएफ़ओ, एसडीओ समेत डोंगरगढ़, छुईंखदान, गंडई और बोरतलाब के तत्कालीन रेंज आफ़िसर भी शामिल हैं।
2 साल बाद भी कोई कार्रवाई नहीं
पूरे मामले में वन मंडल अधिकारी खैरागढ़ को मुख्य वन संरक्षक दुर्ग के द्वारा 10 अक्टूबर 2022 में पत्र प्रेषित कर जांच कार्रवाई कर जांच रिपोर्ट 15 दिन के भीतर अनिवार्य रूप से पेश किए जाने को लेकर पत्र प्रेषित किया गया था। लेकिन आज लगभग 2 साल होने जा रहे हैं पर नमंडल अधिकारी खैरागढ़ ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दिया गया- डीएफ़ओ
बता दें कि इस संबंध में माना जा सकता है कि उच्च अधिकारी के भ्रष्ट होने के कारण और राजनीतिक दबाव के कारण इस प्रकरण में जांच नहीं हो पाई। वहीं वर्तमान खैरागढ़ डीएफ़ओ आलोक तिवारी ने बताया कि पूरे मामले में जांच हो गई है और जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दिया गया है।
(Bureau Chief, Korba)