Wednesday, June 25, 2025

भारतीय दूतावास ने ईरान में ऑपरेशन सिंधु बंद किया, इजराइल-ईरान में सीजफायर के बाद फैसला; इजराइल से 224 भारतीय नागरिक लौटे

नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंधु के तहत बुधवार सुबह 224 भारतीय नागरिक इजराइल से भारत लौटे। इस तरह ईरान-इजराइल के तनाव के बीच दोनों देशों से 3394 भारतीयों को भारत लाया गया। इससे पहले 25 जून की रात 12.01 बजे 282 भारतीयों को लेकर एक फ्लाइट मशहद से दिल्ली पहुंची थी।।

उधर, भारतीय दूतावास ने मंगलवार देर रात बताया था कि ईरान और इजराइल के बीच सैन्य संघर्ष के दौरान शुरू किए गए भारतीयों को निकालने के अभियान को बंद कर रहे हैं। क्योंकि दोनों देशों के बीच युद्ध विराम हो गया है। दूतावास ने इवैक्युएशन के लिए नए नामों को रजिस्टर करने के लिए खोले गए डेस्क को बंद कर दिया।

हालांकि X पर एक पोस्ट में दूतावास ने लिखा कि भारत ईरान के हालात पर बारीकी से नजर रख रहा है और अगर वहां मौजूद भारतीयों को किसी भी तरह का खतरा होता है, तो वह अपनी रणनीति में बदलाव करेगा।

भारत ने दोनों देशों के बीच बढ़ती दुश्मनी को देखते हुए, ईरान और इजराइल से भारतीयों को वापस लाने के लिए पिछले सप्ताह ऑपरेशन सिंधु शुरू किया था।

6 खाड़ी देशों में 90 लाख से ज्यादा भारतीय हैं। सबसे ज्यादा 35.5 लाख UAE, 26 लाख सऊदी अरब, 11 लाख कुवैत, 7.45 लाख कतर, 7.79 लाख ओमान और 3.23 लाख बहरीन में हैं।

6 खाड़ी देशों में 90 लाख से ज्यादा भारतीय हैं। सबसे ज्यादा 35.5 लाख UAE, 26 लाख सऊदी अरब, 11 लाख कुवैत, 7.45 लाख कतर, 7.79 लाख ओमान और 3.23 लाख बहरीन में हैं।

दूतावास ने कहा – जो जहां हैं वहीं रहें, हालात पर नजर रखें…

पोस्ट में दूतावास ने मशहद के लिए निकलने की प्लानिंग कर रहे भारतीयों को सलाह दी कि वे जहां हैं, वहीं रहें और खबरों पर नजर रखें। दूतावास ने पहले से होटल में रह रहे लोगों से कहा कि वे मशहद की सद्र होटल में चले जाएं, क्योंकि मिशन बाकी होटलों में कमरे खाली कर देगा।

पोस्ट में कहा गया है, “दूतावास सद्र होटल में कमरों को 2 और रातों (26 जून को चेकआउट समय तक) के लिए अपने पास रखेगा। इससे नागरिकों को यह सुनिश्चित करने का समय भी मिलेगा कि ईरान में हालात सामान्य हो रहे हैं।”

बयान में यह भी बताया गया कि यदि किसी भारतीय को सलाह या सहायता की जरूरत है, तो वे टेलीग्राम चैनल या हेल्पलाइन के जरिए संपर्क कर सकते हैं। ये चैनल अगले कुछ दिनों तक खुले रहेंगे।

पढ़ें भारत पहुंचे लोगों ने क्या कहा…

ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से लाए गए यूपी के सैयद आदिल मंसूर ने कहा- वहां हालात सामान्य हैं, भारतीय दूतावास ने हमारा बहुत साथ दिया है और ग्राउंड स्टाफ ने भी बहुत मेहनत की है। मैं उनका आभारी हूं।

एक और भारतीय नागरिक ने कहा कि 2-4 दिन पहले हालात पूरी तरह से अप्रत्याशित थे, अब स्थिति बेहतर है। भारतीय दूतावास ने हमारे लिए व्यवस्था की। हमें किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।

भारत के विदेशों में चलाए गए पिछले बड़े रेस्क्यू और बाकी ऑपरेशन

  • ऑपरेशन गंगा (2022): यूक्रेन (रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान) मकसद: युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीय छात्रों और नागरिकों को सुरक्षित निकालना निकाले गए लोग: 20,000+ भारतीय खासियत: इसके तहत पड़ोसी देशों पोलैंड, हंगरी, रोमानिया के जरिए निकासी हुई।
  • ऑपरेशन कावेरी (2023): सूडान (सिविल वॉर) मकसद: हिंसा प्रभावित सूडान से भारतीय नागरिकों को निकालना निकाले गए लोग: 3,800+ खासियत: जेद्दा (सऊदी अरब) के जरिए एयरलिफ्टिंग हुई।
  • ऑपरेशन अजायि (2021): अफगानिस्तान (तालिबान के कब्जे के बाद) मकसद: काबुल से भारतीय राजनयिकों, पत्रकारों और नागरिकों को निकालना निकाले गए लोग: 500+ खासियत: कई मिशन सीक्रेट तरीके से चलाए गए, एयरफोर्स की मदद से।
  • ऑपरेशन देवी शक्ति (2021): अफगानिस्तान मकसद: भारत के अलावा अफगान सिखों, हिंदुओं को भी रेस्क्यू करना निकाले गए लोग: 800+ खासियत: भारतीय वायुसेना और काबुल दूतावास का कोऑर्डिनेशन अहम था।
  • ऑपरेशन मित्र शक्ति (2023): तुर्किये (भूकंप राहत कार्य) मकसद: भारतीय राहत टीमों द्वारा खोज और बचाव अभियान खासियत: तकनीकी सहायता और NDRF की तैनाती
  • ऑपरेशन संजीवनी (2020): मालदीव (COVID सहायता) मकसद: दवाओं और मेडिकल सप्लाई भेजना खासियत: भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति का हिस्सा

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