दो दिन के गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही और अमरकंटक प्रवास पर निकले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अमरकंटक पहुंच गए हैं। वहां उन्होंने मां नर्मदा के उद्गम स्थल का दर्शन कर विशेष पूजन किया। इससे पहले उन्होंने राजमेरगढ़ पहाड़ी स्थित तवा डबरा ज्वालेश्वर गांव पहुंचकर ग्रामीणों से मुलाकात की। बाद में उन्होंने कहा, राजमेरगढ़ को तपोस्थली के रूप में विकसित किया जाएगा।
रायपुर से सुबह 11.30 बजे रवाना हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अनूपपुर के राजेंद्रग्राम स्थित इंदिरा गांधी केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के हेलिपैड पर उतरे। वहां से वे राजमेरगढ़ आए। गांव के प्राइमरी स्कूल में पहुंचकर उन्होंने बच्चों की क्लास भी ली। स्कूल से निकलकर मुख्यमंत्री गांव के भूमिहीन बैगा परिवारों से मिले। इस दौरान उन्होंने जमीन का पट्टा देने का भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री स्थानीय रमेश बैगा के यहां चाय पीने भी गए।
यह छोटा सा गांव राजमेरगढ़ की पहाड़ी पर ही बसा है। वहां से निकलकर वे राजमेरगढ़ के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने वादियों में निकल गए। बाद में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, राजमेरगढ़ को पर्यटन के क्षेत्र में आगे बढ़ाएंगे। इसको एक तपोस्थली के रूप में विकसित किया जाएगा। राजमेरगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता को नष्ट नहीं किया जाएगा। मान्यता है कि आदि शंकराचार्य ने मंडन मिश्र से शास्त्रार्थ के लिए परकाया प्रवेश किया था। उस समय उनके शरीर को राजमेरगढ़ में ही सुरक्षित रखा गया था।
मुख्यमंत्री ने राजमेरगढ़ के ऊपर बसे गांव में बच्चों की क्लास भी ली।
तय कार्यक्रम के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अनूपपुर के राजेंद्रग्राम स्थित इंदिरा गांधी केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय पहुंचे। वहां से कार से गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के राजमेरगढ़ आए। यह छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची पहाड़ी चोटी मानी जाती है। राज्य सरकार वहां पर्यटन सुविधाएं बढ़ाने की कोशिश में है। मुख्यमंत्री उन कार्यों का भी जायजा लेने वाले हैं। वे पहले ही गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को पर्यटन जिला बनाने की घोषणा कर चुके हैं। रायपुर हेलिपैड पर प्रेस से चर्चा में उन्होंने कहा, राजमेरगढ़ जा रहा हूं, ऐतिहासिक महत्त्व की भूमि है। हमारे लिए भी महत्वपूर्ण जगह है, दो दिन वहीं का दौरा रहेगा।
नर्मदा मंदिर में दर्शन करने पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल।
अमरकंटक में मुख्यमंत्री ने की पूजा
राजमेरगढ़ में करीब एक घंटे बिताने के बाद मुख्यमंत्री अमरकंटक पहुंचे। यहां सबसे पहले उन्होंने मां नर्मदा कुंड में पूजा अर्चना की। उसके बाद 11 रुद्र महामंदिर में रुद्राभिषेक किया। रुद्राभिषेक करने के बाद भूपेश बघेल ने अमरकंटक के मुख्य मंदिर में पहुंचकर मां नर्मदा और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की। पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि अमरकंटक में छत्तीसगढ़ के हजारों लोग यहाँ आते है, छत्तीसगढ़ के लाखों लोगों का यह आस्था का केंद्र है, मैं भी यहां माँ नर्मदा से छत्तीसगढ़ की खुशहाली और इसे धन धान्य से पूर्ण करने की कामना करने आया हूं।
मुख्यमंत्री ने तपस्वी बाबा कल्याण दास से आशीर्वाद लिया।
कल्याण आश्रम पहुंचकर बाबा कल्याण दास से मिले
पूजा अर्चना के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अमरकंटक स्थित कल्याण आश्रम पहुंचे। यहां उन्होंने तपस्वी बाबा कल्याण दा से मुलाकात की। दोनों के बीच काफी देर तक चर्चा हुई। मुख्यमंत्री कई मौकों पर जब-तब वे वहां जाते रहे हैं। मुख्यमंत्री के साथ उनके सलाहकार प्रदीप शर्मा, पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव और युवा आयोग के सदस्य उत्तम वासुदेव भी अमरकंटक में मौजूद हैं। मुख्यमंत्री कल अमरकंटक से मरवाही आएंगे। यहां क्षेत्रीय विधायक डॉ. केके ध्रुव के बेटे का दशगात्र होना है। कुछ दिन पहले एक सड़क दुर्घटना में विधायक के बेटे का निधन हो गया था।
मां नर्मदा के उद्गगम स्थल पर पहुंचकर उन्होंने श्रद्धा से हाथ जोड़ लिए।