नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नेशनल स्पेस डे की शुभकामनाएं देते हुए देश की स्पेस पावर और मिशन गगनयान का जिक्र किया। उन्होंने कहा- ‘भारत अपना एस्ट्रोनॉट पूल भी तैयार कर रहा है। मैं युवाओं से इस पूल से जुड़ने की अपील करता हूं।’
मोदी ने कहा कि इसरो ने युवाओं की स्पेस फील्ड में रुचि बढ़ाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष हैकथॉन और रोबोटिक्स चैलेंज की पहल की है। ये सराहनीय है। इस बार स्पेस डे की थीम ‘आर्यभट्ट से गगनयान तक’ है। इसमें अतीत का आत्मविश्वास भी है और भविष्य का संकल्प भी है। उन्होंने कहा,
स्पेस सेक्टर में एक के बाद एक माइलस्टोन्स गढ़ना देशवासियों का स्वभाव बन गया है। दो साल पहले भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंचने वाला पहला देश बना और इतिहास रचा।
इस मौके पर इसरो ने दिल्ली में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का मॉडल लॉन्च किया। इसका पहला हिस्सा 2028 में शुरू होगा और पूरा स्टेशन 2035 तक बनकर तैयार हो जाएगा। इसरो ने चंद्रयान-4 और वीनस ऑर्बिटर मिशन पर भी विचार करना शुरू कर दिया है।
दरअसल, भारत 23 अगस्त 2023 को चांद पर उतरने वाला चौथा देश बना था। PM मोदी ने इस दिन को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के रूप में घोषित किया, जिसके बाद हर साल 23 अगस्त को भारत अपना नेशनल स्पेस डे मनाता है।
मोदी बोले- स्पेस सेक्टर में प्राइवेट सेक्टर को आने दिया
PM ने कहा- ‘एक समय था जब स्पेस सेक्टर को बेड़ियों में जकड़ दिया गया था। हमने उन बेड़ियों को तोड़ा और प्राइवेट सेक्टर को स्पेस सेक्टर में आने की इजाजत दी और आज देश में 350 से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप्स हैं। जल्द ही प्राइवेट सेक्टर द्वारा बनाया गया पहला PSLV भी लॉन्च होगा।’
भारत की पहली प्राइवेट कम्युनिकेशन सैटेलाइट भी बनाई जा रही है। आज स्पेस डे के दिन मैं देश के स्पेस स्टार्टअप्स से कहूंगा क्या हम आने वाले 5 सालों में 5 यूनिकॉर्न खड़े कर सकते हैं?
PM ने शुभांशु शुक्ला से मुलाकात का जिक्र किया
मोदी ने कहा- ‘हम अब स्पेस में डॉकिंग और अनडॉकिंग की क्षमता रखने वाले देशों में शामिल हो गए हैं। अभी तीन दिन पहले ही मेरी ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से मुलाकात हुई।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु के साथ मैंने नए भारत के युवाओं के सपने को देखा है। इन सपनों को आगे बढ़ाने के लिए हम भारत का एस्ट्रोनॉट पूल भी तैयार करने जा रहे हैं। मैं युवाओं से इस पूल से जुड़ने की अपील करता हूं।’
मोदी बोले- अब हमें अंतरिक्ष की गहराई तक जाना है
उन्होंने कहा- ‘अभी हम मून और मार्स तक पहुंच चुके हैं। अब हमें अंतरिक्ष की गहराई तक जाना है, जहां मानवता के भविष्य के कई रहस्य छिपे हैं। अंतरिक्ष हमें हमेशा यह एहसास दिलाता है कि कोई भी पड़ाव अंतिम पड़ाव नहीं होता।
मैं मानता हूं कि स्पेस सेक्टर की नीतियों में भी कोई अंतिम ठहराव नहीं होना चाहिए। इसलिए मैंने लाल किले से कहा था ‘रिफॉर्म, परफॉर्म का रास्ता है।’ इसीलिए बीते 11 सालों में देश ने स्पेस सेक्टर में बड़े रिफॉर्म किए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा- ‘अभी हम साल में 5-6 बड़े लॉन्च देखते हैं। मैं चाहता हूं कि अगले 5 सालों में हर हफ्ते एक रॉकेट लॉन्च कर सकें यानी साल में 50 लॉन्च। देश को जिन नेक्स्ट जेन रिफॉर्म्स की जरूरत है, उन्हें करने का सरकार के पास इरादा भी है और शक्ति भी। स्पेस टेक भारत में गवर्नेंस का भी हिस्सा बन रही है।’

(Bureau Chief, Korba)