छत्तीसगढ़: जांजगीर-चांपा में स्वतंत्रता दिवस के दिन एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सक्ती नगर के संतोषी टॉकीज साइकिल स्टैंड में युवक की लाश फांसी के फंदे से लटकी हुई मिली। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस जांच में जुट गई है।
मृतक युवक का नाम पप्पू साहू है, जो 20 साल का था। वो सक्ती के वार्ड नंबर 5 का रहने वाला था। बताया जा रहा है कि उसे नशे की लत थी। जानकारी के मुताबिक, वो दोपहर 4 बजे के बाद घर से निकला था, जिसके बाद वो वापस नहीं लौटा। इधर संतोषी टॉकीज के साइकिल स्टैंड में किसी ने उसकी लाश देखी, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी।
पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। परिजनों को भी घटना की सूचना दे दी गई है। प्रधान आरक्षक सक्ती थाना कमल किशोर साहू ने बताया कि परिवार से बातचीत करने पर पता चला है कि युवक को नशा करने की आदत थी। उन्होंने कहा कि घर में लड़ाई-झगड़ा या प्रेम प्रसंग जैसा कुछ भी नहीं पाया गया है। कर्ज से संबंधित कोई जानकारी भी नहीं मिली है। माना जा रहा है कि युवक ने नशे की हालत में ही ऐसा आत्मघाती कदम उठाया होगा। पप्पू साहू ने 10वीं तक की पढ़ाई की है और वो बेरोजगार था।
फांसी के फंदे से शव को उतारते हुए पुलिसकर्मी।
पप्पू जिस तौलिए को लेकर घर से निकला था, उसी से उसने फांसी लगा ली। फिलहाल परिजनों के बयान के आधार पर पंचनामा कर मर्ग कायम कर लिया गया है और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
अवसाद है आत्महत्या की बड़ी वजह
छत्तीसगढ़ में भी आत्महत्या के मामले काफी बढ़े हैं। इसके पीछे तनाव को बड़ी वजह बताया जा रहा है। वहीं नशे की लत और कर्ज के कारण भी कई लोगों ने जान गंवाई। प्रदेश में किसानों की आत्महत्या के भी कई मामले सामने आए।
किसानों की आतमहत्या के आंकड़े दिए सरकार ने
अगर किसानों की खुदकुशी को लेकर बात करें, तो कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में पिछले 3 सालों में 431 किसानों ने आत्महत्या की है. छत्तीसगढ़ विधानसभा में इस साल मार्च के महीने में बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर के एक सवाल के लिखित जवाब में राज्य के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि राज्य में 1 अप्रैल 2019 से लेकर 31 जनवरी 2022 के बीच 431 किसानों ने आत्महत्या की. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-2020 में 166 किसानों ने आत्महत्या की है. जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 186 किसानों ने तथा चालू वित्त वर्ष में 31 जनवरी तक 79 किसानों ने आत्महत्या की.