Sunday, November 24, 2024
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CG: ठगी की दुकान खोलने होटल में सेमिनार… चीनी ऐप में रकम दोगुना करने का दे रहे थे झांसा, पुलिस ने दो लोगों को किया गिरफ्तार

BILASPUR: बिलासपुर में बेरोजगार युवाओं को ऑनलाइन पैसा कमाने का झांसा देकर बरगलाने वाले दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दरअसल, दोनों आरोपी चीनी ऐप में ऑनलाइन पैसे इंस्वेस्ट करने का झांसा देने के लिए एक होटल में सेमिनार का आयोजन किया था। तभी पुलिस को इसकी भनक लग गई। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।

प्रशिक्षु आईपीएस संदीप पटेल को जानकारी मिली कि पुराना बस स्टैंड रोड स्थित होटल एमराल्ड में एक सेमिनार चल रहा है। इसमें शहर के साथ ही आसपास के गांव से करीब 50 लोगों को बुलाया गया है। आयोजक अपने आप को ऑनलाइन इन्वेस्टर बताकर लोगों को चीनी ऐप 10 बिलियन में इन्वेस्ट करने के लिए बरगला रहे थे और दो गुना पैसे मिलने का झांसा दे रहे थे। खबर मिलते ही उन्होंने पुलिस की टीम के साथ होटल में दबिश दी।

होटल में एंट्री के नाम पर की थी वसूली
होटल पहुंचकर पुलिस ने पहले जानकारी ली, तब पता चला कि दो लोग चीन के एक ऑनलाइन ऐप में रुपए लगाने के लिए ट्रेनिंग दे रहे थे। इसके एवज में भी ये लोग एंट्री के नाम पर पैसे वसूल रहे थे। इस दौरान सेमिनार में आए लोगों को चैनल बनाकर अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने पर ज्यादा कमाई होने का दावा भी कर रहे थे। पुलिस ने मौके पर मौजूद लोगों को ऐसे लोगों से दूर रहने की समझाइश दी। साथ ही बताया कि ऐसे लोग ही इन्वेंस्टर बनकर पैसे लेकर फरार हो जाते हैं।

होटल में सेमिनार कर ठग दे रहे थे ट्रेनिंग।

होटल में सेमिनार कर ठग दे रहे थे ट्रेनिंग।

दोनों आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
पूछताछ के बाद पुलिस ने जांजगीर निवासी सेमिनार के आयोजक दिलीप वर्मा और सकरी के संतोष सोनवानी को पकड़कर थाने ले आई। पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

चिटफंड कंपनियों की तर्ज पर कर रहे थे काम
पुलिस को पता चला कि आरोपी दिलीप वर्मा और संतोष सोनवानी चिटफंड कंपनियों की तर्ज पर लोगों को अपने झांसे में ले रहे थे। साथ ही उन्हें पैसे लगाने पर 200 दिन के भीतर डबल पैसा वापस दिलाने का झांसा दे रहे थे। इससे पहले भी जिले के लोगों को ऐसे ही बड़े होटलों में सेमिनार के नाम पर बुलाया जाता था। यहां पर लोगों को मोटी कमाई का झांसा देकर उनसे रकम लिए जाते थे। साथ ही दूसरे लोगों को भी इसमें जोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता था। इसके बाद कंपनी के कर्ताधर्ता रुपए लेकर गायब हो जाते थे।




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