कोरबा: जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर शनिवार को 11 फीट लंबे कोबरा सांप को रेस्क्यू किया गया है। सोलवा ग्राम पंचायत के छुईढोढा के पास उस वक्त लोगों के हाथ-पैर फूल गए, जब उन्होंने अपने घर के पास स्थित बाड़ी में 11 फीट लंबा कोबरा सांप देखा। बाद में लोगों की जानकारी पर स्नेक रेस्क्यू टीम वहां पहुंची और कोबरा को पकड़ लिया, जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली।
लोगों ने बताया कि वे महुआ बीनने के साथ ही अपनी बाड़ी में काम भी कर रहे थे, तभी उन्होंने किंग कोबरा को फन फैलाए हुए बैठे देखा। दुनिया के जहरीले सांपों में से एक कोबरा को देख वे सारा काम छोड़कर वहां से भाग खड़े हुए। कोबरा के बाड़ी में होने की खबर पूरे गांव में फैल गई। मौके पर काफी संख्या में भीड़ इकट्ठी हो गई। वे दूर से ही कोबरा को देख रहे थे। ग्रामीणों ने स्नेक कैचर जितेंद्र सारथी को तुरंत सूचना दी।
11 फीट लंबे किंग कोबरा को रेस्क्यू करते स्नेक रेस्क्यू टीम के सदस्य।
खबर मिलते ही वन विभाग की टीम और स्नेक कैचर जितेंद्र सारथी गांव में पहुंचे। उन्होंने मौके से लोगों को हटाया, ताकि रेस्क्यू के दौरान कोबरा उन पर हमला न कर दे। कोबरा सांप काफी आक्रामक माना जाता है। जैसे ही लोगों ने इलाके को खाली किया, तो जितेंद्र सारथी ने 11 फीट लंबे कोबरा को रेस्क्यू किया। इस दौरान वन विभाग के उच्च अधिकारी भी मौजूद रहे। रेस्क्यू करके कोबरा को इसके प्राकृतिक आवास यानि जंगल में छोड़ा गया, तब जाकर सभी ने राहत भरी सांस ली।
बाड़ी में फन फैलाए बैठे किंग कोबरा को देखकर उड़ गए लोगों के होश।
वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों और स्नेक कैचर जितेंद्र सारथी ने लोगों को सांप को नहीं मारने को लेकर जागरूक किया। साथ ही कहा कि जब भी उन्हें सांप दिखाई दे, तो वे तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दें। उन्होंने किंग कोबरा को बचाने की अपील भी लोगों से की।
बता दें कि छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला जैव विविधता के लिए जाना जाता है। यहां का वातावरण वन्यप्राणियों खासतौर पर सांप के लिए अनुकूल है। जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में किंग कोबरा की मौजूदगी दर्ज की गई है, जो जिले के साथ-साथ प्रदेश के लिए बड़े गर्व का विषय है। हाल ही में वन विभाग ने किंग कोबरा का सर्वे कराया था, जिसमें पाया गया कि ये यहां बहुत लंबे समय से निवास कर रहे हैं। उनके लिए कोरबा का जंगल बहुत ही अनुकूल वातावरण प्रदान करता है।
2 साल पहले भी कोरबा में 15 फीट का किंग कोबरा पकड़ा गया था।
बार-बार रिहायशी इलाके में आ जाता है कोबरा
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि किंग कोबरा पहले भी रिहायशी इलाकों में आता रहा है। वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि किंग कोबरा का रेस्क्यू काफी मुश्किल होता है। मगर हमारी टीम की मदद से इसे पकड़ लिया गया है। उन्होंने बताया कि कोरबा जिले में पहले भी किंग कोबरा मिल चुका है। ये जिला किंग कोबरा कंजर्वेशन के लिए ही है। यहां प्रोजेक्ट चल रहा है। हमारी अपील है कि यदि किसी के घर में भी यदि किंग कोबरा दिखे, तो हमें सूचना दी जाए।
कोबरा सांप की औसत लंबाई 12 से 14 फीट तक की होती है।
किंग कोबरा को कहा जाता है नागराज
इस सांप को ही नागराज के रूप में मान्यता है। माना जाता है कि शिव भगवान के गले में जो सांप दिखाया गया है वह यही किंग कोबरा है, इसलिए इसे सामान्यतः मारा नहीं जाता। यह प्रजाति सबसे लंबे सांप वाली भी है। अभी तक भारत में सबसे लंबा किंग कोबरा कार्बेट के जंगल में मिला है, लेकिन वह मृत अवस्था में था। उसकी लंबाई 23 फीट 9 इंच नापी गई थी। इस सांप की औसत लंबाई 12 से 14 फीट तक की होती है। यह दुर्लभ प्राणियों की श्रेणी में आता है। ये भारत में असम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक समेत दक्षिण भारत के कुछ राज्य पाया जाता है।
किंग कोबरा के बारे में
- लंबाई- 18 फीट तक हो सकती है।
- रहवास : ठंडे क्षेत्रों में।
- खाना : छोटे किंग कोबरा से लेकर बैंडेड करैत तक का भोजन।
- प्रजनन : घोसला बनाकर एक बार में 15-20 अंडे देता है। इनकी 60 से 70 दिन तक सुरक्षा करता है।
15 मिनट में जा सकती है जान
भारत में सांपों की 216 प्रजातियां हैं, जिनमें 53 प्रजातियां विषैली होती हैं। इनमें भी किंग कोबरा उन चार प्रजातियों में शामिल है जिनके काटने से इनसान की मौत हो सकती है। किंग कोबरा के जहर से 15 मिनट में आदमी की मौत हो जाती है।
संरक्षण इसलिए जरूरी
सांपों के जानकारों का कहना है कि किंग कोबरा सांपों को खाता है, जिसके जरिए फूड चैन मैंटेन रहती है। जिस प्रकार शेर फूड चैन मेंटेन करता है। यह प्राकृतिक रूप से तय है। अगर इनका संरक्षण नहीं किया गया तो यह चैन ब्रेक होगी, और इसका असर यह होगा कि सांपों की संख्या तेजी से बढ़ेगी। जो मानव के लिए खतरा पैदा कर सकती है।