KORBA: कोरबा वन परिक्षेत्र में हाथियों के झुंड पर गांववालों ने छिपकर हमला कर दिया, इससे मानव-हाथी द्वंद्व एक बार फिर से उजागर हो गया है। लोगों ने हाथियों पर तीर-धनुष और कुल्हाड़ी से भी हमला किया। इस दौरान वन अमला नदारद रहा।
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को कोरबा वन मंडल के कोरकोमा गांव के पास हाथियों का झुंड सड़क पार कर रहा था। हाथी पिछले कई दिनों से ग्रामीणों की फसलें बर्बाद कर रहे हैं, इससे उनमें गुस्सा था। हाथियों के झुंड को देखकर कुछ ग्रामीण बिजली के हाइटेंशन टावर पर चढ़ गए और कुल्हाड़ी फेंककर हाथी पर हमला करने लगे। लोगों ने तीर-धनुष से भी हाथियों पर वार किया। इस दौरान वहां लोगों की भारी भीड़ जमा है, जो शोरगुल करते हुए नजर आए।
पेड़ों पर चढ़े हुए ग्रामीण, जिन्होंने तीर-धनुष से हाथियों पर हमला किया।
ग्राम बाघमारा और गोड़मा में करीब 35 से 40 हाथियों का अलग-अलग दल विचरण कर रहा है। हाथियों का वीडियो कुछ गांववालों ने बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वन विभाग की चेतावनी के बाद भी कुछ गांववाले हाथी के पास जाकर उनका वीडियो बना रहे थे।
इधर हाथियों पर हमले का वीडियो सामने आने के बाद वन विभाग के आला अधिकारियों की नींद उड़ गई है। बता दें कि पसान वन परिक्षेत्र में 2 दिन पहले हाथियों के झुंड को तालाब के पास देखा गया था। हाथी तालाब में नहाते हुए नजर आए थे। लोगों ने इसका भी वीडियो मोबाइल से बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया था। इसकी सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम ने आसपास मुनादी कराकर लोगों को जंगल में जाने से रोका।
इस तस्वीर में छिपा हुआ ग्रामीण नजर आ रहा है, उसने हाथी पर तीर-धनुष से हमला किया।
इधर कोरबा वनमंडल में 35-40 हाथियों की मौजूदगी की खबर होने के बाद भी वन अमला नदारद रहा और लोग अपने तरीके से हाथियों को खदेड़ते नजर आए। इस बीच कई बार हाथियों के झुंड ने भी ग्रामीणों को दौड़ाया, लोगों ने जैसे-तैसे अपनी जान बचाई। इस वीडियो को देखने के बाद साफ पता चल रहा है कि थोड़ी सी भी चूक से कोई बड़ी घटना हो सकती थी।
हाथ में कुल्हाड़ी लिए हुए ग्रामीण, कुल्हाड़ी फेंककर हाथियों पर किया हमला।
वहीं ग्रामीणों में वन विभाग की कार्यशैली को लेकर भारी गुस्सा है। उनका कहना है कि हाथी उनकी फसलों को बर्बाद कर रहे हैं, कई लोगों की जानें भी पिछले कुछ सालों में हाथियों के हमले में जा चुकी है, लेकिन वन विभाग ने कोई ठोस उपाय नहीं किया। वन विभाग केवल जंगल में नहीं जाने की मुनादी करवाकर अपने कर्तव्यों से बचता रहता है, जबकि लोगों का जीवन अगर जंगल पर ही निर्भर है, तो वहां तो जाना ही पड़ेगा।
हाथियों का झुंड कोरबा वनमंडल में मौजूद।
हाथियों पर हुए हमले को लेकर जानकारों का कहना है कि इससे हाथी आक्रोशित होंगे और आने वाले दिनों में हाथी-मानव संघर्ष बढ़ेगा। हाथियों के झुंड में बेबी एलीफेंट भी हैं, जिनकी सुरक्षा के लिए हाथी आक्रामक हो सकते हैं। वन विभाग की मानें, तो हाथियों का झुंड पिछले कुछ दिनों से कोरबा वन मंडल में विचरण कर रहा है। यहां वन विभाग के कर्मचारी तैनात किए गए हैं, लेकिन ग्रामीणों को जंगल की ओर जाने से रोकने पर विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। फिर भी विभाग के कर्मचारी किसी तरह उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे हैं।