मुंगेली: छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में पदस्थ DFO शमा फारूकी पर एक रेंजर ने गंभीर आरोप लगाए हैं। फेकुराम लास्कर के मुताबिक महिला अधिकारी ने उससे चिकन, बकरा, किराना मंगाया और अब उसका एक लाख रुपए नहीं दे रही है। मांगने पर गाली-गलौज करती हैं, उसे धमकी दी जा रही है। इसके अलावा रेंजर ने ये भी आरोप लगाए हैं कि उसने अधिकारी के लिए एक महिला को मालिश करने बुलाया था। उसके भी पैसे अधिकारी नहीं दे रही है। रेंजर ने इस मामले की शिकायत पुलिस और कलेक्टर से की है।
IFS शमा फारूकी मुंगेली वन मंडल में पदस्थ हैं। इसी रेंज में रेंजर फेकुराम लास्कर भी पोस्टेड है। वन अधिकारी ने मामले की शिकायत करते हुए बताया कि यह सब कुछ पिछले 5 महीने से चल रहा है। अफसर ने मुझे घर का सामान, बच्चों के लिए खिलौने तक मंगवा लिए। इन सब का पैसा 90 हजार रुपए हुआ है।
मालिश के 12 हजार
रेंजर का आरोप है कि डीएफओ के कहने पर ही मैंने एक महिला जिसका नाम चंद्रकुमारी पात्रे है। उसे बुलाया था। उसने अधिकारी की मालिश की। मालिश के 12 हजार रुपए हुए हैं। ये पैसे भी मैंने ही दिए, कुल मिलाकर मैंने 1 लाख 2 हजार रुपए का भुगतान किया। फिर जब मैंने अधिकारी से पैसे मांगे तो मुझे गाली देने लगी।
रेंजर फेकुराम लास्कर।
‘वन मंत्री से बोलकर सस्पेंड करवा दूंगी’
रेंजर ने बताया है कि मुझे नौकरी से निकलवाने की धमकी देती हैं। कहती है कि वन मंत्री और अधिकारी से बोलकर तुम्हें सस्पेंड करवा दूंगी। कुछ दिन में ही रिटायर होने वाले हो, ठीक से रिटायर नहीं होना चाहते क्या। तुम इतना नहीं कर सकते एक रेंजर होकर। आरोप है कि डीएफओ ने रेंजर को किसी मामले में फंसा देने की भी धमकी दी है। इसके लिए उसने कुछ दस्तावेज भी तैयार कर लिए हैं।
मेरी आर्थिक स्थिति खराब, लकवा मार चुका
रेंजर ने शिकायत करते हुए बताया कि मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। मुझे लगा था पैसे मिल जाएंगे, इसलिए सब सामान लाकर देता रहा। 30 जून को मैं रिटायर हो जाऊंगा, लेकिन डीएफओ ने मुझे प्रताड़ित कर रखा है। मेरे पैसे नहीं दे रहीं। मुझे लकवा मार चुका है.. परेशान हूं, बार-बार निवेदन करने पर भी मुझे गाली देती है।
मुंगेली वन मंडल परिक्षेत्र।
वन मंत्री से भी शिकायत
रेंजर ने पूरे मामले को लेकर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस के अलावा उसने अपने सीनियर अधिकारियों और वन मंत्री मोहम्मद अकबर को पत्र लिखकर शिकायत की है। वहीं इस मामले में हमने डीएफओ शमा फारूकी से उनका पक्ष जानने फोन किया। मगर उन्होंने फोन नहीं उठाया।