सरगुजा: अंबिकापुर के होलीक्रॉस अस्पताल की फर्जी डॉक्टर के बाद अब उसके साथी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी ने फर्जी डॉक्टर की मदद एमबीबीएस सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेजों में कूटरचना (forgery) करने में की थी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। मामला लखनपुर थाना क्षेत्र का है।
बता दें कि रायपुर के एमएमआई हॉस्पिटल में इंटर्नशिप के दौरान एक युवती ने दूसरी युवती का एमबीबीएस सर्टिफिकेट चुरा लिया था। इसके बाद सर्टिफिकेट में नाम बदलवाकर पिछले डेढ़ साल से अंबिकापुर के होलीक्रॉस अस्पताल में डॉक्टर के रूप में सेवा दे रही थी। इस मामले में पुलिस ने गुरुवार को आरोपी महिला को गिरफ्तार किया था।
ये है पूरा मामला
लखनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम लहपटरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ चिकित्सक डॉ. खुशबू साहू की रिपोर्ट पर सरगुजा पुलिस ने शहर के मिशन अस्पताल से गुरुवार को भाटापारा निवासी वर्षा वानखेड़े को गिरफ्तार किया था। वर्षा वानखेड़े ने डॉ खुशबू साहू का रायपुर के एमएमआई अस्पताल से एमबीबीएस सहित पूरे दस्तावेजों की चोरी कर ली थी।
अंबिकापुर के मिशन अस्पताल से गुरुवार को भाटापारा निवासी वर्षा वानखेड़े को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
इसके बाद वह अंबिकापुर आ गई थी। यहां वह सूरजपुर जिले के जयनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम जगतपुर निवासी 42 वर्षीय अंबिकानाथ सूर्यवंशी से मिली। युवती उसके कंप्यूटर सेंटर पर गई थी। युवक ने सभी दस्तावेज में कूटरचना/जालसाजी कर डॉ खुशबू साहू की जगह डॉ वर्षा वानखेड़े का नाम लिख दिया था। इसके बाद वर्षा वानखेड़े अंबिकापुर मिशन अस्पताल में पिछले डेढ़ वर्ष से डॉक्टर के पद पर सेवा दे रही थी। इस मामले की जानकारी होने पर डॉ खुशबू साहू की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी फर्जी डॉक्टर वर्षा वानखेड़े को गुरुवार को गिरफ्तार किया था।
युवती की निशानदेही पर युवक भी गिरफ्तार
फर्जी डॉक्टर बनकर नौकरी करने वाली युवती की निशानदेही पर पुलिस ने सभी दस्तावेजों में कूटरचना करने वाले अंबिकानाथ सूर्यवंशी को भी गिरफ्तार किया है। फिलहाल वह अंबिकापुर के गांधीनगर में रहता है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 (बी) के तहत कार्रवाई कर जेल दाखिल कर दिया है।