Saturday, April 27, 2024
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BCC NEWS 24: छत्तीसगढ़- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र से की मांग, बोले- हमे धान से बायो एथेनाल बनाने की अनुमति दे, कोल पेनाल्टी की राशि भी लौटाएं…

*मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने निवास कार्यालय स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल से ही बैठक में हुए थे शामिल.

रायपुर: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में पेट्रोल-डीजल में महंगाई का मुद्दा उठा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाला सेस हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा, पेट्रोल-डीजल से एक्साइज ड्यूटी कम करने से राज्यों को ही नुकसान हुआ है।

केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक में जुड़े मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले सेस को कम करना चाहिए ताकि इनकी कीमतों में और कमी हो। इससे आम लोगों को राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्रीय वित्त मंत्री को बताया, पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी में कमी करने से छत्तीसगढ़ राज्य को प्रतिवर्ष लगभग 500 करोड़ रुपए का घाटा होने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार ने कोल पेनाल्टी का 4 हजार 140 करोड़ रुपया भी वापस मांगा जो केंद्र सरकार के पास जमा है। केंद्रीय वित्त मंत्री को बताया गया, कोल पेनाल्टी की इस राशि को लौटाए जाने के संबंध में केन्द्रीय कोयला मंत्री ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। छत्तीसगढ़ के हिस्से की इस राशि को लौटाने की कार्यवाही अब वित्त मंत्रालय की ओर से की जानी शेष है। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव उद्योग मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, वित्त सचिव अलरमेल मंगई डी. जैसे वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

धान से बायो एथेनाल बनाने की अनुमति मांगी

मुख्यमंत्री ने कहा, बीते दो-तीन वर्षों से राज्य सरकार धान से बॉयो एथेनॉल बनाने की अनुमति देने का आग्रह कर रही है। यदि केन्द्र सरकार अनुमति दे दे तो राज्य सरकार सरप्लस धान का उपयोग एथेनॉल बनाने में कर सकेगी। इससे राज्य को और किसानों को लाभ होने के साथ ही पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर भारत सरकार द्वारा खर्च की जाने वाली विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी। उन्होंने बताया, 12 कंपनियों से इसके लिए करार तक हो चुका है।

धान-चावल का सवाल भी उठा

मुख्यमंत्री ने कहा, केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने साल 2021-22 में 61.65 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की सहमति दी है। इसके साथ यह भी कहा गया है कि इस बार उसना चावल नहीं लेंगे। यह निर्णय यहां के राइस मिलर्स और श्रमिकों के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 500 उसना मिलें हैं, जिनकी उत्पादन क्षमता 5 लाख मीट्रिक टन प्रति माह है। इस निर्णय से मिलें बंद हो जाएंगी। मिलों में काम करने वाले मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे।

राजस्व घाटे को अनुदान में बदलने की मांग उठाई

बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15वें वित्त आयोग के राजस्व घाटे को अनुदान के रूप में परिवर्तित करने की मांग की। उन्होंने कहा, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 17 राज्यों को एक लाख 18 हजार 552 करोड़ रुपए का अनुदान पिछले वर्षों में राजस्व घाटे की पूर्ति के लिए दिया जा रहा है। यह अनुदान कोविड-19 के पश्चात राज्यों की प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहायता देने के लिए वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक राजस्व घाटे को आधार मानकर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई इससे नहीं होगी।

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