पटना: गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट में आतंकियों का निशाना नरेंद्र मोदी थे। वह उन्हें फिदायीन हमले यानी मानव बम से उड़ाने वाले थे। उनकी प्लानिंग थी कि बम से लैस जैकेट पहनकर तब के NDA के प्रधानमंत्री उम्मीदवार मोदी के पास जाना है और उड़ा देना है। इसकी पुख्ता प्लानिंग थी। इसके लिए रांची में ध्रुवा डैम के पास सिथियो गांव में दो बार मानव बम का ट्रायल भी किया गया था।
आतंकियों ने चमड़े का जैकेट बनाई थी। उसमें बम लगाकर खजूड़ के पेड़ में टांग दिया था। इस तरह से दो बार रिमोट का बटन दबाकर ट्रायल किया गया था, लेकिन अंत समय में आतंकियों की यह कोशिश नाकाम हो गई थी। जिस कारण 27 अक्टूबर 2013 को हुए ब्लास्ट की प्लानिंग अंतिम समय में बदलनी पड़ी।
यह खुलासा इस केस की जांच, NIA की तरफ से जुटाए गए सबूतों में हुआ। स्पेशल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर (PP ) ललित प्रसाद सिन्हा के अनुसार, बोध गया में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के बाद नरेंद्र मोदी की रैली पटना में होनी थी। आतंकी उमर सिद्दकी, अजहरूद्दीन और हैदर अली, ये तीनों छत्तीसगढ़ के रायपुर में मिले थे।
वहीं इन तीनों आतंकियों ने पटना में सीरियल ब्लास्ट की साजिश रची थी। अगर इनका मानव बम का प्लान सफल हो जाता तो उसका रिजल्ट कुछ और ही होता। कंफेशन में यह बात सामने आई कि आतंकियों का मुख्य उद्देश्य उस वक्त नरेंद्र मोदी को टारगेट करना था। बाद में आतंकियों को एहसास हुआ कि उनकी सुरक्षा तगड़ी है। इस कारण भी मानव बम के प्लान को बदल दिया गया था।
6 आतंकवादियों को फांसी की सजा दिलवाने की होगी कोशिश
11 अभियुक्तों के खिलाफ NIA ने चार्जशीट दाखिल की थी। इनमें ट्रायल के दौरान एक अभियुक्त को नाबालिग पाया गया था। उसके केस को जुवेनाइल कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। NIA के स्पेशल कोर्ट में 10 आरोपियों के खिलाफ ट्रायल चल रहा था। बुधवार को NIA के स्पेशल कोर्ट ने 10 में से 9 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय कर दिया है। जबकि, फकरूद्दीन को सबूतों के आभाव में केस से बरी कर दिया गया है।
दोपहर 12 बजे के करीब इन्हें पटना के सिविल कोर्ट में लाया गया और NIA के स्पेशल कोर्ट में इनकी पेशी हुई। करीब आधे घंटे तक की चली कार्रवाई के दरमियान जज ने आरोप तय कर दिया और इस पर फैसला अब 4 दिन बाद 1 नवंबर को आएगा।
ललित प्रसाद सिन्हा के अनुसार, 9 में से 6 आतंकवादियों के ऊपर IPC की धारा 302, 120B सहित UAPA एक्ट के तहत गंभीर चार्ज लगे हैं। सीरियल ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हुई थी और 89 लोग घायल हुए थे। इस कारण उनकी कोशिश होगी कि सभी आतंकवादियों को कोर्ट से फांसी की सजा दिलवा सकें। हालांकि, सब कुछ कोर्ट के डिसीजन पर डिपेंड करता है कि वो किसे कितनी सजा देगा? अपना फैसला सुनाने से पहले उस दिन कोर्ट दोनों पक्षों की बातों को जरूर सुनेगा।
कोर्ट परिसर में सुनवाई के बाद जानकारी देते NIA के स्पेशल PP ललित प्रसाद सिन्हा और उनकी टीम।
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से जुड़ा था कनेक्शन
पटना सीरियल ब्लास्ट केस का चार्ज फ्रेम 2014 में हुआ था। मगर, साक्ष्य की कमी और तीन बार कोर्ट का ट्रांसफर होने से केस का ट्रायल लंबा चला। जिन 9 आंतकवादियों पर पटना के सीरियल ब्लास्ट मामले में गंभीर आरोप हैं, इनमें से 5 आतंकवादी बोध गया में हुए सीरियल ब्लास्ट के भी आरोपी हैं। उस केस में ये दोषी पाए जा चुके हैं। ये सभी प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी के सदस्य हैं।
सिमी के बारे में एविडेंस भी मिला है। जो प्रतिबंध के बाद इंडियन मुजाहिद्दीन में तब्दील हो गया था। मिर्जापुर से इसका कनेक्शन जुड़ा। बम बनाने का सामान खरीदा गया था। मिर्जापुर के रहने वाले आतंकी अहमद हुसैन को इस केस में दोषी पाया गया। जबकि, फकरूद्दीन को सबूत के आभाव में बरी कर दिया गया। जिहाद के नाम पर हमेशा ये लोग झारखंड और छत्तीसगढ़ की जंगलों में मीटिंग करते थे। सिमी के लोग शामिल हुए थे।
छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और झारखंड के रहने वाले हैं आतंकी
जिन 9 आतंकियों को पटना सीरियल ब्लास्ट मामले में दोषी करार दिया गया है। उनमें आतंकी उमेर सिद्दीकी और अजहरूद्दीन छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले हैं। जबकि अहमद हुसैन उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर का रहने वाला है। वहीं, इम्तियाज अंसारी, मोजिबुल्लाह, हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी, फिरोज अलाम उर्फ पप्पू और इफतिखार आलम झारखंड के रहने वाले हैं।
गंभीर धाराओं के कारण इन आतंकियों के लिए मांगी जाएगी फांसी की सजा
उमर सिद्दकी – 120B/302 IPC
अजहरूद्दीन – 121/121A IPC, 18,19,20 UAPA ACT
नोमान अंसारी – 302/34 IPC
हैदर अली उर्फ अब्दुल्लाह उर्फ ब्लैक ब्यूटी – 120B/302 IPC
मो. मोजिबुल्लाह अंसारी – 307/34/121/121A, 3/5 EXPLOSIVE ACT, 16/18/20 UAPA ACT
इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम – 120B/302 IPC