रायपुर की RAV लीगल फर्म ने पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर से भारत रत्न वापस लेने के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। तेंदुलकर पर गैरकानूनी तरीके से विदेश में पैसा छिपाने का आरोप लगा है। फर्म का दावा है कि सचिन ने टैक्स फ्री देश ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में करोड़ों रुपए जमा किए। RAV लीगल फर्म वरुण तन्खा की है।
कंपनी बनाकर विदेश में जमा कराए पैसे
RAV ने पत्र में बताया है कि तेंदुलकर ने अपनी पत्नी अंजली और ससुर आनंद मेहता की पार्टनरशिप में SAAS इंटरनेशनल नामक कंपनी खोली। इस कंपनी के जरिए ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में करोड़ों रुपए जमा कराए गए। तेंदुलकर की कंपनी SAAS का पूरा काम एलगोकल लॉ फर्म के जरिए हो रहा था। यह फर्म टैक्स हैवन कहे जाने वाले पनामा देशों में विदेशी अरबपतियों की मदद करती है।
लीगल फर्म द्वारा जारी लेटर।
पैंडोरा पेपर्स में नाम आया तो बंद कर दी कंपनी
पैंडोरा पेपर्स में जब इस फर्म का भी नाम आया तो SAAS को बंद कर वहां जमा 60 करोड़ रुपए भारत लाए गए। पत्र में लिखा गया है कि तेंदुलकर ने इसके बाद अपने प्रवक्ता के माध्यम से बताया था कि उन्होंने एक सरकारी योजना LRAS का लाभ लिया था और सभी प्रकार के टैक्स चुकाए थे।
लीगल फर्म द्वारा जारी लेटर।
फैसला नहीं हुआ तो हाईकोर्ट जाने की तैयारी
RAV लीगल ने कहा कि शैल कंपनी के जरिए विदेशों में पैसा जमा करना भारत के कानून के साथ धोखा है। भारत अलंकरण से सम्मानित व्यक्ति का विदेशों में पैसा छिपाना गलत है। इससे पूरे देश में गलत संदेश जाता है। इसलिए उनसे भारत रत्न का सम्मान वापस लिया जाना चाहिए। फर्म ने कहा कि अगर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लेंगे तो हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की जाएगी।
क्या है पैंडोरा पेपर्स?
2016 में इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने पनामा पेपर्स लीक किए थे। तब दुनिया को पता लगा था कि पनामा जैसे टैक्स हैवन देशों में अमीर लोग किस तरह अपनी काली कमाई इन्वेस्ट करते हैं। पनामा को लेकर ही पैंडोरा पेपर्स जांच के दस्तावेज सामने आए। इसमें सचिन तेंदुलकर, पॉप सिंगर शकीरा और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर समेत दुनियाभर के सैकड़ों सेलिब्रिटीज के बेनामी निवेश का दावा किया जा रहा है।