नई दिल्ली: हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (HDFC) और HDFC बैंक 1 जुलाई को मर्ज हो गए। दोनों कंपनियों के बोर्ड ने शुक्रवार को मार्केट बंद होने के बाद मीटिंग में इस मर्जर को आखिरी मंजूरी दी थी। इसके साथ ही देश की पहली होम फाइनेंस कंपनी HDFC का अस्तित्व खत्म हो गया है।
HDFC बैंक ने ट्वीट कर कहा, ‘भारत का नंबर वन प्राइवेट सेक्टर बैंक और भारत की नंबर वन होम लोन कंपनी के मर्जर के साथ हम दुनिया के लीडिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन में शामिल हो गए हैं। इस अवसर पर हम उन लोगों की सेवा करने के लिए खुद को फिर से समर्पित करते हैं, जिन्होंने इस मील के पत्थर को संभव बनाया है- आप, हमारे ग्राहक।’
4 अप्रैल 2022 को मर्जर की हुई थी घोषणा
HDFC और HDFC बैंक ने 4 अप्रैल 2022 को मर्जर की घोषणा की थी। मर्जर का मकसद HDFC बैंक की ज्यादा से ज्यादा ब्रांचेज में हाउसिंग लोन उपलब्ध कराना है। उधर, मर्जर से पहले HDFC के वाइस चेयरमैन और CEO केकी मिस्त्री ने बताया था कि HDFC के शेयर की डीलिस्टिंग 13 जुलाई से इफेक्टिव हो जाएगी। यानी इस तारीख से हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के शेयर स्टॉक एक्सचेंज से हट जाएंगे। संयुक्त कंपनी के शेयर 17 जुलाई से ट्रेड होंगे।