रायपुर: दिवाली पर जब करोड़ों की मिठाई बिकती है और इस दौरान नकली व मिलावटी खोवे के उपयोग की पूरी आशंका रहती है ऐसे समय में फूड विभाग ने अपनी लैब ही बंद कर दी है। कालीबाड़ी चौक पर स्थित राज्य की इकलौती लैब के सीनियर और जूनियर सभी 5 एनालिस्टों की चुनाव ड्यूटी लगा दी गई है। एक साथ पूरे स्टाफ के चुनाव ड्यूटी में जाने से लैब को बंद करना पड़ गया है। पहली बार ऐसा हुआ है जब दिवाली के पहले न तो सैंपल लिए जाएंगे और न ही जांच होगी, क्योंकि आधे से ज्यादा फूड इंस्पेक्टर भी चुनाव ड्यूटी में चले गए हैं।
रायपुर ही नहीं राज्य के ज्यादातर जिलों में यही स्थिति है। प्रदेश में लगभग 59 फूड इंस्पेक्टर हैं जो दिवाली व अन्य त्योहारों के अलावा आम दिनों में भी मिठाई और खाने-पीने की अन्य चीजों के सैंपल लेकर जांच करवाते हैं। दिवाली पर धनतेरस से लक्ष्मी पूजा तक तीन दिनों में तकरीबन 100 करोड़ का मिठाई का कारोबार होता है। आमतौर पर इसी दौरान अलग-अलग राज्यों से मिलावटी खोवा सप्लाई किया जाता है। इसी वजह से फूड विभाग खोवे की जांच करने के साथ ही मिठाई दुकानों में छापेमारी कर सैंपल कलेक्ट करता है। सैंपल की जांच कालीबाड़ी स्थित लैब में की जाती है।
एक नजर में
- 550 से ज्यादा रायपुर में मिठाई दुकानें
- 100 करोड़ से ज्यादा का दिवाली पर औसतन कारोबार
अफसर हैरान, कलेक्टर को चिट्ठी
फूड लैब के साथ सैंपल कलेक्ट करने वाले इंस्पेक्टरों की चुनाव ड्यूटी लगाए जाने से फूड विभाग के अफसर भी हैरान हैं। राज्य के खाद्य एवं औषधी संचालक रमेश शर्मा का कहना है हमने कलेक्टर को पत्र लिखकर लैब एनालिस्ट की ड्यूटी कैंसिल करने को कहा है। जिला निर्वाचन विभाग से ही उनकी ड्यूटी कैंसिल हो सकेगी।
दवाईयों जांच भी बंद
फूड लैब की तरह ड्रग विभाग की लैब के पूरे स्टाफ को चुनाव कार्य के लिए भेज दिया गया है। ड्रग इंस्पेक्टरों की ड्यूटी भी निर्वाचन के काम में लगा दी गई है। इस वजह से दवाओं के सैंपल लेकर उनकी जांच भी फिलहाल बंद है। फूड की तरह ड्रग विभाग के अफसरों की भी ड्यूटी लगाने के पहले ये चेक नहीं किया गया कि उनका पूरा काम प्रभावित होगा या नहीं?