कलेक्ट्रेट में शुक्रवार रात तीन बजे तक चलती ट्रेंडर प्रक्रिया, अफसर और ठेकेदार डटे रहे।
रायपुर: जिले की 35 करोड़ की 7 रेत खदानों का टेंडर खनिज विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार देर रात ऑफलाइन जारी कर दिया है। यहां पर अभी तक अवैध खनन होता था। कलेक्ट्रेट में रात तीन बजे तक खनिज विभाग के अधिकारी दस्तावेजों की जांच कर टेंडर की प्रक्रिया पूरी करते रहे।
जिले की 7 रेत खदानों के लिए कुल 2809 आवेदन आए थे। इन आवेदनों की जांच करने के बाद खनिज विभाग के अधिकारियों ने टेंडर की प्रक्रिया पूरी की। शुक्रवार की रात को जिन रेत खदानों की टेंडर प्रक्रिया की गई है, उसमें जी-कुरूद, एच- मोहमेला (ए), आई-मोहमेला (बी), जे चिखली (ए), के चिखली (बी), एल- चिखली (सी) और एम राटाकाट की रेत खदान शामिल है।
सुबह 10 बजे से खुली पेटियां
सुबह 10 बजे से ही कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्रॉस भवन में प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारियों तथा आवेदकों की उपस्थिति में टेंडर खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इनमें आवेदनों की जांच के बाद रात तीन प्रक्रिया जारी रही। प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में ठेकेदार और उनके समर्थक भी मौजूद रहे।
पर्यावरण एनओसी एक साल की, ठेका 5 साल का
रेत खदानों का ठेका इस बार दो साल की जगह 5 साल का किया गया है। शासन ने छत्तीसगढ़ गौण खजिन साधारण रेत नियम 2019 में संशोधन किया है। इसके तहत ठेका 5 साल और पर्यावरण विभाग की स्वीकृति 6 माह की जगह 1 साल किया गया है। एनओसी की समय सीमा खत्म होने के बाद इस दोबारा रिन्यूअल कराना होगा। विभागीय अधिकारियों के अनुसार रेत खदान की टेंडर प्रक्रिया होने के बाद अब रेत के मूल्य में राहत मिलेगी।
ऑनलाइन से ऑफलाइन की गई व्यवस्था
पिछले साल ये व्यवस्था ऑनलाइन थी। लेकिन अब इसे ऑफलाइन कर दिया गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि रेत ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए ये व्यवस्था बदली गई है।
इन रेत घाटों के लिए आया था इतना आवेदन
रेत घाट | आवेदन | इन्हें मिला टेंडर |
जी-कुरूद | 548 | कृष्ण कश्यप |
एच- मोहमेला (ए) | 597 | रोहित सिंघानिया |
आई-मोहमेला (बी) | 602 | सरोज नेताम |
जे चिखली (ए) | 410 | आदित्य कुमार वर्मा |
के चिखली (बी) | 165 | रोहित खेडिया |
एल- चिखली (सी) | 149 | राघवेंद्र कुमार खेडिया |
एम राटाकाट | 339 | सुजीत सिंह |
सात रेत खदानों के लिए कुल 2809 आवेदन आए थे। इन आवदेनों की जांच के बाद टेंडर प्रक्रिया शुक्रवार-शनिवार की रात को पूरी की गई है। केके गोलघाटे, उपसंचालक, खनिज विभाग