BILASPUR: बिलासपुर में मकान बनाने से मना करने पर युवक ने अपनी भाभी की सब्बल मारकर हत्या कर दी। दरअसल, आरोपी देवर अपनी विधवा भाभी के हिस्से की जमीन पर मकान बना रहा था, जिस पर महिला ने उसे मकान बनाने से रोक दिया, जिससे नाराज युवक ने उसे मौत के घाट उतार दिया। घटना बिल्हा थाना क्षेत्र की है।
टीआई नरेश कुमार चौहान ने बताया कि ग्राम खम्हारडीह निवासी धनेश्वरी वैष्णव (35) आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर काम करती थी। कुछ साल पहले उसके पति राहुल वैष्णव की मौत हो गई थी, जिसके बाद वह अकेली अपने दो बच्चों का भरण-पोषण कर जीवन गुजार रही थी।
खून से लथपथ बेहोश पड़ी थी महिला।
मकान बनाने को लेकर देवर से हुआ विवाद
महिला का एक देवर लाला वैष्णव भी है, जो अपने सौतेले पिता के साथ ग्राम डोड़कीभाठा में रहता है। अपने बड़े भाई की मौत के बाद वह पहले पिता की जमीन पर कब्जा जमाने की फिराक में आ गया। जिसके बाद उसका गांव में आना-जाना शुरू हुआ। वह अपनी मां प्रमिला वैष्णव के साथ मिलकर मकान बनाने की बात कहने लगा। लेकिन, धनेश्वरी उसे ऐसा करने से मना करने लगी, जिसको लेकर उनके बीच विवाद शुरू हो गया।
सब्जी लेकर लौट रही थी महिला, तब किया झगड़ा
गुरुवार की शाम धनेश्वरी जब सब्जी लेकर घर लौट रही थी। तभी रास्ते में उसके देवर लाल व सास प्रमिला वैष्णव मिले। इस दौरान उन्होंने मकान बनाने के लिए ईंट गिराने के लिए पेड़ काटने की बात कहने लगा। जिसके चलते उनके बीच विवाद हो गया। लोगों की समझाइश पर उनका झगड़ा शांत हो गया।
रात में सब्बल से किया हमला, अस्पताल में मौत
इसके बाद लाला वैष्णव व उसकी मां प्रमिला रात में धनेश्वरी के घर पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने धनेश्वरी पर सब्बल से हमला कर दिया, जिससे धनेश्वरी खून से लथपथ घायल होकर बेहोश हो गई। इस दौरान उनके दोनों बच्चों ने अपनी मां पर हमला होते देखकर रोते हुए मोहल्ले के लोगों को घटना की जानकारी दी। इस घटना के बाद लाला व उसकी मां भाग गए। वहीं, लोगों ने पुलिस की डायल 112 की मदद से महिला को इलाज के लिए अस्पताल भेजा, जहां उसकी मौत हो गई। हत्या की खबर मिलते ही पुलिस भी गांव पहुंच गई। पुलिस आरोपी लाला व उसकी मां की तलाश कर रही है।
पिता के बाद मां की मौत, बेसहारा हुए बच्चे
विधवा महिला की हत्या के बाद उनके दो मासूम बच्चों निधि और शिवम के सिर से मां का साय छीन गया है। इससे पहले ही उनकी पिता की भी मौत हो चुकी है। अब मां की मौत के बाद दोनों बच्चे बेसहारा हो गए हैं। घटना के बाद धनेश्वरी के मायकेवाले उन्हें साथ लेकर चले गए हैं। वहीं, धनेश्वरी के शव का भी उन्होंने ही अंतिम संस्कार किया।
(Bureau Chief, Korba)