जांजगीर-चांपा: जिला के अकलतरा के पोड़ी दल्हा गांव के ग्रामीणों ने वोट नहीं करने का ऐलान किया है। ग्रामीणों के मुताबिक गांव की महिला सरपंच और सचिव के द्वारा दो साल के 15वें वित्त की 60 लाख रुपये के साथ अन्य मदो का घोटाला किया गया है। जिला प्रशासन को आवेदन देने के बाद भी कोई जांच व कार्रवाई नहीं की गई है।
बता दें कि ग्रामीणों ने गांव में जुलुस निकाल कर मतदान नहीं करने की मुनादी भी करा दी है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव बहिष्कार के ऐलान के बाद जनपद सीईओ द्वारा आधा-अधूरा जांच कर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही है। वहीं ग्रामीणों ने पारदर्शिता के साथ जांच नहीं होने पर गांव में प्रचार के लिए प्रत्याशियों को भी प्रवेश नहीं करने की हिदायत दी है।
ग्रामीणों ने गांव में प्रचार के लिए प्रत्याशियों को भी प्रवेश नहीं करने की हिदायत दी है।
फर्जी बिल बनाकर राशि का गबन
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में गंदगी और अव्यवस्था के नाम पर सरपंच और सचिव ने 60 लाख रुपये से अधिक की राशि निकाली, लेकिन कोई काम नहीं कराया। पचरी मरम्मत, नाली निमार्ण और पानी की व्यवस्था का फर्जी बिल बनाकर राशि गबन कर लिया गया है। शिकायत के बाद भी ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं किया गया है।
जनपद सीईओ ने ग्रामीणों को अकलतरा कार्यालय में बयान देने के लिए बुलाया है।
बता दें कि पोड़ी शंकर गांव में 20 वार्ड हैं और 5 हजार के करीब मतदाता हैं। विधानसभा सभा चुनाव का बहिष्कार करने के लिए ग्रामीणों ने गांव में घूम कर सभी मतदाताओं से वोट नहीं डालने की अपील की है।
ग्रामीणों ने गांव में घूम कर सभी मतदाताओं से वोट नहीं डालने की अपील की है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो जाती, तब तक गांव में किसी भी पार्टी के प्रत्याशी को प्राचार के लिए घुसने नहीं देंगे। चुनाव बहिष्कार के ऐलान के बाद शनिवार को जनपद सीईओ ने पत्र जारी कर अकलतरा कार्यालय में बयान देने के लिए ग्रामीणों को बुलाया। लेकिन नाराज ग्रामीणों ने जांच पूरी करने के बाद ही वोट देने की बात कही है।