BILASPUR: बिलासपुर में एक युवती फेसबुक फ्रेंड के चक्कर में पड़कर दो लाख रुपए ठगी की शिकार हो गई। पीड़ित को UK से महंगी गिफ्ट भेजने का झांसा दिया। फिर ठग गिरोह का सदस्य अपने आप को कोरियर कंपनी का कर्मचारी बताकर कस्टम ड्यूटी और अलग-अलग बहाने से दो लाख रुपए ट्रांसफर करा लिया।
सीपत क्षेत्र में रहने वाली एक युवती की सोशल मीडिया में अनजान युवक से दोस्ती हो गई। दोनों आपस में बातचीत करते रहे। इस दौरान युवक ने उसे बताया कि वह UK में रहता है और उसके नाम पर गिफ्ट भेजने वाला है। उसने युवती को झांसा देकर उसका एड्रेस और मोबाइल नंबर ले लिया।
सायबर ठग के चक्कर में महंगे गिफ्ट के लालच में युवती ने गंवाए पैसे।
अनजान नंबर से आया कॉल और पैसे ट्रांसफर करती रही युवती
युवती के पास अनजान नंबर से वाट्सऐप पर कॉल आया। फोन करने वाले ने बताया कि वह DHL कोरियर कंपनी का कर्मचारी है। युवती से कहा कि आपके नाम से विदेश से गिफ्ट आया है, जो कि मुंबई एयरपोर्ट में फंस गया है। उसे बिलासपुर लाने के लिए कोरियर चार्ज के साथ ही कस्टम चार्ज भी लगेगा।
कथित कर्मचारी के कहने पर युवती ने पैसे ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद से वह अलग-अलग बहाने से पैसे की डिमांड करता रहा। करीब दो लाख रुपए देने के बाद भी वह और पैसे मांगने लगा। तब युवती को ठगी का अहसास हुआ। फिर उसने मामले की शिकायत पुलिस से की। जिसके बाद धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया।
सोशल मीडिया की दोस्ती से रहें सावधान- साइबर एक्सपर्ट
- सोशल मीडिया पर अनजान मनभावक प्रोफाइल के झांसे में आने से बचें, सोच समझकर ही दोस्ती करें।
- सोशल मीडिया पर बने अनजान दोस्तों को घर का पता, बैंक अकाउंट, निजी जानकारी ना दें।
- सोशल मीडिया पर बने दोस्त से मिलने के लिए किसी भी प्राइवेट जगह पर ना जाएं, सार्वजनिक स्थान पर ही मिलें।
- सोशल मीडिया पर बना दोस्त गिफ्ट भेज रहा है तो तुरंत विश्वास ना करें, गिफ्ट पाने के लिए कोरियर चार्ज, कस्टम टैक्स के नाम पर पैसे ना दें।
- सोशल मीडिया पर बने दोस्त मिलने आ रहे हो तो सबसे पहले उनसे लाइव लोकेशन मांगे, इससे पता चल जाएगा कि ठग कहां हैं।
- सोशल मीडिया के दोस्ती और प्यार के चक्कर में ना पड़ें, कई बार ऐसा करने के चक्कर में लोग धन के अलावा शारीरिक और मानसिक शोषण के भी शिकार हो जाते हैं।
- सोशल मीडिया में दिखाई जाने वाली दुनिया और असल जिंदगी में होने वाली चीजों में बहुत अंतर होता है। सोशल मीडिया पर दिखाई जाने वाली चीजें हमेशा सौ फीसदी सही नहीं होती।