रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निजी सचिव पी. दयानंद को बनाया गया है। दयानंद भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। उन्हें चिकित्सा शिक्षा सेवा विभाग का अतिरिक्त सचिव की भी जिम्मेदारी दी गई है। इनके अलावा राज्य प्रशासनिक सेवा के डॉ. सुभाष सिंह राज सहित 3 अफसरों को OSD नियुक्त किया गया है।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद यह पहली नियुक्तियां हैं। इसे लेकर मंगलवार को सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। चर्चा है कि अब मंत्रालय से लेकर प्रदेश के बड़े तमाम विभागों में अधिकारियों की नियुक्ति जल्द की जाएगी और ट्रांसफर-पोस्टिंग का दौर शुरू होगा।
मुख्यमंत्री से पी दयानंद ने सौजन्य मुलाकात की
सचिव बनाए जाने के बाद पी दयानंद ने राज्य अतिथि गृह पहुना में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें नया दायित्व मिलने पर शुभकामनाएं दीं।
शासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ अपर मुख्य सचिव IAS सुब्रत साहू, IAS परदेशी सिद्धार्थ कोमन, IAS अंकित आनंद और IAS सोलई भारती दासन को प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। हालांकि इन अफसरों के पास पहले की तरह बाकी विभागों की जिम्मेदारी रहेगी।
निर्वाचन आयोग के मुख्य पदाधिकारी भी रह चुके हैं दयानंद
छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग की मुख्य पदाधिकारी रीना बाबा साहब कंगाले के छुट्टी पर रहने के दौरान नवंबर में पी. दयानंद को उनकी जगह जिम्मेदारी दी गई थी। 2006 बैच के अफसर पी. दयानंद 2018 में भाजपा शासनकाल के दौरान बिलासपुर कलेक्टर भी रह चुके हैं।
2006 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के IAS हैं दयानंद
पी दयानंद मूलतः बिहार राज्य के सासाराम जिले के रहने वाले हैं। वे 2006 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के IAS हैं। बिलासपुर और कोरबा समेत 4 जिलों की कमान भी संभाल चुके हैं। उन्हें नक्सल क्षेत्र में काम करने का भी अनुभव है। उन्होंने अपना प्रोबिशन पीरियड दंतेवाड़ा जिला पंचायत का CEO रहते हुए पूरा किया था।
इसके बाद वे सुकमा के कलेक्टर बने। यहां उन्होंने एजुकेशन हब की नींव रखी। पी दयानन्द शांत लेकिन तेजतर्रार अफसरों में गिने जाते हैं। प्रशासनिक कसावट की वजह से ही उन्हें बिलासपुर जैसे जिले की कमान संभालने का मौका मिला।
पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल से विवाद चर्चित रहा
जब पी दयानंद कोरबा के कलेक्टर थे, उस दौरान उन्होंने स्थानीय विधायक जयसिंह अग्रवाल के खिलाफ मिली शिकायतों पर कार्रवाई की थी। इसके बाद जयसिंह अग्रवाल कई बार उनके खिलाफ बयान देते रहे हैं। कांग्रेस की सरकार आने पर मंत्री बनते ही जयसिंह ने उन्हें सीधे निशाने पर ले लिया।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था कि पी दयानंद उनके टारगेट में है। मंत्री रहते हुए अग्रवाल ने निगम कमिश्नर को उनके घर की नपाई के लिए भेजा था। अग्रवाल ने यह भी कहा था कि वे अफसर के हर घपले की जांच भी कराएंगे।
दीपक अंघारे बनाए गए निजी सहायक
मुख्यमंत्री साय के OSD नियुक्त किए गए डॉ. सुभाष राज्य सेवा के अधिकारी हैं। वे अभी बिलासपुर जिले में संयुक्त कलेक्टर पदस्थ हैं। इनके अलावा सीएम की निजी स्थापना में ओएसडी पद पर उमेश अग्रवाल और रविकांत मिश्रा को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं दीपक अंघारे को निजी सहायक बनाया गया है।