Saturday, December 21, 2024
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              CG NEWS: मच्छर मारने की अगरबत्ती से बुजुर्ग महिला जिंदा जल गई… खाट के नीचे रखकर सो रही थी, कंबल में आग लगने से हुई वारदात; दम घुटने से चीख तक नहीं सकी

              भिलाई: छत्तीसगढ़ के दुर्ग में शुक्रवार देर रात एक बुजुर्ग महिला मच्छर मारने की अगरबत्ती से जिंदा जल गई। घर वालों ने अगरबत्ती को उसकी खाट के नीचे रखा था। इस बीच देर रात अगरबत्ती से उसके कंबल में आग लग गई। खास बात यह है कि हादसे का पता परिजनों को सुबह चला।

              जानकारी के मुताबिक, जामुल निवासी दुखिया बाई (90) शुक्रवार रात अपने कमरे में सोई थी। मच्छर भगाने के लिए बहू ने दुखिया बाई की खाट के नीचे मच्छर मारने की अगरबत्ती रखी थी। रात में ठंड ज्यादा होने पर वृद्धा ने कंबल ओढ़ा तो वे नीचे लटक गया।

              कमरे में जली हुई हालत में पड़ी खाट और अन्य सामान।

              कमरे में जली हुई हालत में पड़ी खाट और अन्य सामान।

              बताया जा रहा है कि अगरबत्ती के संपर्क में आकर कंबल में आग लग गई। उसने खाट को भी अपनी चपेट में ले लिया। इस दौरान उसके बेटा और बहू अलग कमरे में सो रहे थे। ज्यादा उम्र होने और बीमारी के कारण महिला खुद से भागने में असमर्थ थी।

              आशंका है कि दम घुटने के चलते शोर भी नहीं मचा सकी

              आशंका है कि इसके चलते आग लगने के बाद वो खाट से उतरकर भाग नहीं सकी। परिवार वालों ने उसके चिल्लाने की भी आवाज नहीं सुनी। ऐसे में अंदेशा है कि अधिक धुआं होने से उसका दम घुट गया। इससे वह शोर मचाकर मदद के लिए बुला भी नहीं सकी।

              अगले दिन हादसे का पता चला

              बेटा और बहू ने बताया कि अगले दिन शनिवार सुबह जब वे सोकर उठे तो उन्हें घर में कुछ जलने की बदबू आ रही थी। इस पर वे लोग बगल में स्थित मां के कमरे में पहुंचे। वहां देखा तो बुजुर्ग दुखिया बाई की लाश अधजली हालत में पड़ी हुई थी।

              पुलिस जांच में जुटी

              घरवालों ने घटना की जानकारी जामुल थाना पुलिस को दी। पुलिस ने जांच के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सुपेला के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल भेजा और पंचनामा कार्रवाई के बाद परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल मामले की जांच कर रहे हैं।

              हेल्थ को कैसे नुकसान पहुंचाती है कॉइल, अब इसे डिटेल में समझते हैं…

              अस्थमा: अगर आप बंद कमरे में बहुत देर तक मच्छरों को मारने या भगाने के लिए धुआं करेंगे तो यह आपके लंग्स में जमा हो जाएगा। इस वजह से सांस की नली सिकुड़ जाएगी और अस्थमा की समस्या होगी।

              ब्रोंकाइटिस: धुएं की वजह से सांस की नल्लियां यानी ब्रोन्कियल या मुंह और नाक और फेफड़ों के बीच के एयरवेज सूज जाते हैं। इस वजह से लगातार धुएं के कॉन्टैक्ट में रहने से क्रॉनिक या एक्यूट ब्रोंकाइटिस होने का रिस्क रहता है।

              दम घुटना: कॉइल में बेंजो पायरेंस और बेंजो फ्लूरोओथेन नामक कैमिकल सांस लेने में दिक्कत करते हैं। बहुत देर तक कॉइल, अगरबत्ती या फार्स्ट कार्ड के आसपास रहने से ये धुआं शरीर के अंदर जा सकता है, जिससे सांस फूलने और दम घुटने की प्रॉबल्म हो सकती है।

              आंखों में जलन: धुएं की वजह से आंखों में जलन, धुंधलापन और मोतियाबिंद जैसी प्रॉबल्म भी हो सकती है।

              लंग कैंसर: चेस्ट रिसर्च फाउंडेशन की एक रिसर्च है जिसमें बताया गया कि मच्छर भगाने वाली कॉइल और अगरबत्ती के धुएं में कैंसर पैदा करने वाले तत्व होते हैं। वहीं पहले चीन और ताइवान में हुई स्टडी में भी साबित हो चुका है कि इस धुएं का कनेक्शन लंग कैंसर से है।

              स्किन डिजीज: कुछ लोग दिन-रात मच्छर भगाने वाली क्रीम या रोल ऑन लगाते है। इससे स्किन का नेचुरल कलर बदलने लगता है। स्किन पर एलर्जी होने के साथ कभी-कभी दाने और खुजली भी हो सकती है।

              आपके घर को मच्छर अपना न समझें इसलिए इन उपायों को आजमा सकते हैं…

              • मच्छरदानी यूज करें, यही सेफ ऑप्शन है।
              • घर के आसपास पानी जमा न होने दें।
              • घर के अंदर और बाहर साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें।
              • घर के बर्तन, बाल्टी, कूलर, घड़ा में पानी भरा है तो उसे खुला न छोड़ें।
              • रात में मच्छरदानी लगाकर सोने की आदत डालें।
              • बच्चों को फुल स्लीव के कपड़े पहनाएं, देर शाम तक खेलने बाहर न भेजें।
              • जालीदार दरवाजे लगवाएं, जिससे बाहर के मच्छर अंदर न आ पाए।
              • घर के खिड़की-दरवाजे शाम होने से पहले ही बंद कर लें।

              मच्छरों की फौज घर नहीं आएगी, अगर लगाएंगे यह पौधा

              मेन गेट और खिड़कियों पर खुशबूदार पौधे लगाएं। कुछ पौधों की महक इतनी तेज होती है कि मच्छर अंदर नहीं आ पाते।

              जैसे-

              • वन तुलसी
              • मैरीगोल्ड
              • लैवेंडर
              • रोजमेरी
              • पुदीना (हॉर्स मिंट)
              • लेमन ग्रास
              • लहसुन का पौधा



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