बलौदाबाजार: जिले के ग्राम वटगन में सोमवार को रेत से भरा तेज रफ्तार हाईवा दो मंजिला दुकान में जा घुसा। इससे दुकान का हिस्सा भरभराकर हाईवा के ऊपर गिर पड़ा और मलबे में ड्राइवर और हेल्पर बुरी तरह से फंस गए।
ड्राइवर को 12 घंटों के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाल लिया गया, लेकिन हेल्पर अब भी गाड़ी में ही फंसा है। उसे बचाने की कोशिश जारी है। मामला पलारी थाना क्षेत्र का है।
जेसीबी और गैस कटर के माध्यम से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।
अवैध रेत लेकर बेमेतरा के लिए निकले थे ड्राइवर और हेल्पर
जानकारी के मुताबिक, ड्राइवर और हेल्पर खेरा दतान घाट से अवैध रेत लेकर बेमेतरा जा रहे थे। ग्राम वटगन में रेत से भरा हाईवा चौक पर स्थित 2 मंजिला हार्डवेयर की दुकान में जा घुसा। गनीमत ये रही कि दुकान उस वक्त बंद थी, नहीं तो हादसा और बड़ा हो सकता था।
दोमंजिला दुकान का हिस्सा भरभराकर हाईवा पर गिरा
इधर हाईवा के घुसते ही दुकान का हिस्सा भरभराकर हाईवा पर ही गिर गया, जिससे गाड़ी मलबे में दब गई। वहां सड़क पर चल रहे लोगों ने तुरंत घटना की सूचना पलारी थाना पुलिस को दी। मौके पर तत्काल पलारी पुलिस पहुंची।
दुकान के 5 फीट अंदर तक हाईवा घुस गया है।
ड्राइवर और हेल्पर गाड़ी में ही फंसे
ड्राइवर चंद्रहास बंजारे (26) और हेल्पर साहिल कांठले गाड़ी में बुरी तरह फंस गए। ड्राइवर का पैर स्टीयरिंग में फंस गया। पुलिस ने जेसीबी मशीन और गैस कटर बुलवाई। जेसीबी से रातभर मलबा हटाने का काम चलता रहा। इसके बाद स्टीयरिंग के हिस्से को काटकर ड्राइवर को गाड़ी से निकाला जा सका, लेकिन हेल्पर अभी भी फंसा हुआ है।
ड्राइवर को निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया
12 घंटे के बाद भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। हेल्पर को निकालने की कोशिश की जा रही है। ड्राइवर को पलारी के शासकीय अस्पताल में इलाज के लिए भिजवाया गया है। उसका पैर बुरी तरह से जख्मी है।
खेरा दतान घाट से लाई जा रही थी रेत
पुलिस ने बताया कि ड्राइवर और हेल्पर महानदी से अवैध रेत लोड कर खेरा दतान घाट से आ रहे थे। दोनों बेमेतरा जाने के लिए निकले थे। पुलिस ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन काफी कठिन था, क्योंकि गाड़ी के आगे-पीछे करने पर दो मंजिला दुकान के पूरी तरह से धराशायी होकर हाईवा पर गिर जाने का खतरा था। हाईवा दुकान के 5 फीट अंदर तक घुसा है।
हादसे के वक्त दुकान थी बंद, बड़ा हादसा होने से टला
हार्डवेयर दुकान के संचालक कामदेव भी मौके पर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि वैसे तो दुकान में हमेशा 2-4 लोग बैठे रहते हैं, ये अच्छी बात रही कि हादसे के वक्त दुकान बंद थी।