दुर्ग: जिले के भिलाई में एक मजदूर अपना कटा हुआ हाथ लेकर कई दिनों से न्याय की गुहार लगाने खुर्सीपार थाने के चक्कर काट रहा है। मजदूर का कहना है कि वो मिन्नी इंडस्ट्रियल यूनिट खुर्सीपार में काम करता था। उससे बिना सुरक्षा मानक के काम कराया गया। इस दौरान दुर्घटना में उसका हाथ कट गया तो कंपनी मालिक ने उसे बिना इलाज कराए और मुआवजा दिए भगा दिया। युवक ने इसकी शिकायत दुर्ग एसपी से भी की है। इसके बाद खुर्सीपार पुलिस समझौता कराने में लगी है।
घायल मजदूर सुमित कुमार लाजेंवार (34 साल) ने भास्कर को बताया कि वो जागीर चौक पंजाबी मोहल्ला न्यू खुर्सीपार में रहता है। वो भिलाई के इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित मिन्नी इंडस्ट्रियल यूनिट लाइट 93ए में कुशल वर्कर की हैसियत से काम करता था। 11 नवंबर 2023 को रात दो बजे सुमित मशीन में काम कर रहा था। इसी दौरान उनका दाहिना हाथ मशीन में फंस गया और वो बुरी तरह घायल हो गया।
खुर्सीपार थाने में सुनवाई न हो ने पर मजदूर पहुंचा एसपी ऑफिस
घायल होने के बाद सुमित ने अपने परिजनों और डायल 112 को फोन करवाया। मौके पर पहुंची 112 की गाड़ी ने उसे सुपेला स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल पहुंचाया। वहां से गंभीर हालत के चलते सुमित को बीएम शाह अस्पताल रेफर किया गया। यहां इलाज के दौरान सुमित के हाथ की उंगली काटनी पड़ी।
एसपी ऑफिस में की गई लिखित शिकायत
इलाज में अधिक पैसे खर्च होने पर सुमित ने फैक्ट्री के मालिक अमन अग्रवाल से मदद की गुहार लगाई। उसने उसकी एक नहीं सुनी और कोई भी मदद करने से मना कर दिया। इसके बाद सुमित ने मामले की शिकायत खुर्सीपार थाने में की। खुर्सीपार थाने में भी अमित अग्रवाल के प्रभाव में पुलिसवालों ने सुमित की गुहार नहीं सुनी। इसके बाद वो एसपी दुर्ग के पास पहुंचा और जब एसपी ने टीआई को फटकार लगाई तब जाकर सुमित के बयान दर्ज करने का काम मंगलवार से शुरू किया गया।
मिन्नी इंडस्ट्रियल यूनिट, जिसके अंदर मजदूर का कटा था हाथ
मजदूरों को नहीं दिया सेफ्टी उपकरण
सुमित ने बताया कि मिन्नी इंडस्ट्रियल यूनिट में 50-60 के करीब मजदूर अलग-अलग प्रकार के कार्य करते हैं। यहां जीआई वायर बनाने का कार्य किया जाता है। काफी जोखिम भरा काम होने के बाद भी कंपनी का मालिक मजदूरों को सुरक्षा के कोई उपकरण नहीं देता है। यहां के कर्मियों ने मालिक से जूदा, हैंड्स ग्लब्स और हेलमेट जैसी चीजों की मांग की, लेकिन उसने बिना उसके ही काम करने को कहा। मालिक की इसी लापरवाही के चलते यह दुर्घटना घटी। जिस समय सुमित का हाथ मशीन में फंसा यदि उसने हैंड्स ग्लब्स पहना होता तो उसके हाथ की उंगली नहीं काटनी पड़ती।
मजदूरों को नहीं मिल रहा ईएसआईसी का लाभ
निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए सरकार ईएसआईसी कार्ड बनाती है। नियम के मुताबिक कंपनी को अपने सभी कर्मचारियों को यह कार्ड बनाना है और जो भी निर्धारित शुल्क है उसे मजदूर की वेतन या अपने पास से देना है। सुमित ने आरोप लगाया कि मिन्नी इंडस्ट्रियल यूनिट में किसी भी मजदूर का ईएसआईसी कार्ड नहीं बना है। घायल होने जाने पर उन्हें खुद से इलाज कराना पड़ता है। इस बारे में कंपनी के संचालक अमन अग्रवाल का कहना है कि वो सभी नियमों का पालन करते हैं। सुमित को लेकर कंपनी आ जाइए। उसके सामन ही सभी दस्तावेज दिखा देंगे।
लेबर कोर्ट में लगाएंगे न्याय की गुहार
खुर्सीपार थाने में मजदूर सुमित लाजेंवार की सही सुनवाई न होने से उसने आप पार्टी के नेता मेहरबान सिंह और जसप्रीत सिंह से मदद मांगी। उन्होंने मामले की शिकायत लेबर कोर्ट करने की सलाह दी। इधर एसपी की फटकार के बाद खुर्सीपार थाना प्रभारी ने जांच अधिकारी को सही कार्रवाई के लिए कहा। इसके बाद पीड़ित मजदूर का बयान दर्ज किया जा रहा है। खुर्सीपार थाना प्रभारी उमेंद टंडन का कहना है कि जांच और बयान के बाद वो कंपनी संचालक के खिलाफ मामला दर्ज करेंगे।