गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले में राजस्व विभाग के पटवारी का सोशल मीडिया पर रिश्वत लेने का वीडियो वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो में पेंड्रा तहसील अंतर्गत हल्का पटवारी विजय कुमार का है, जिसमें देखा जा सकता है कि पटवारी चौहद्दी के एवज में खुलेआम रिश्वत ले रहा है।
वीडियो में दिख रहा है कि पटवारी विजय कुमार बोल रहे हैं कि जितना भी है जल्दी दो। बताया जा रहा है कि पटवारी ने भूमि की चौहद्दी के बदले रिश्वत मांगी थी, जिससे परेशान किसान ने वीडियो बना लिया।
राजस्व विभाग के पटवारी का सोशल मीडिया पर रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल।
ले किसान विनोद अग्रवाल से मांगी रिश्वत
बताया जा रहा है कि बंधी गांव में रहने वाले किसान विनोद अग्रवाल से रिश्वत मांगी थी। वीडियो में ये कहते देखा जा सकता है कि महंगी जमीन है, नामांतरण कराने के लिए रुपए तो देने पड़ेंगे। राजस्व निरीक्षक को पैसा दे दिए हो तो उसी से काम करवा लो, मेरे से काम करवाना है तो मुझे 4 हजार रुपये देना ही पड़ेगा, फिर बोलता है जो देना होगा दे देना, फिर बोलता है 4000 दे देना।
हर काम का रेट फिक्स कर रखे हैं
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पटवारी विजय प्रताप सभी कार्यों के लिए ग्रामीणों को अपने कार्यालय के बाहर बुलाते हैं, तभी ग्रामीणों का काम होता है। पटवारी के द्वारा निर्धारित रेट की रकम नहीं देने पर परेशान किया जाता है। आरोप तो ये भी है कि क्षेत्र में पटवारी हर काम के लिए रेट निर्धारित करके रखे हुए हैं।
घूसखोरों के हौसले बुलंद
गौरेला पेंड्रा मरवाही में एक ही स्थान पर कई साल से पटवारी और राजस्व निरीक्षकों के रिश्वतखोरी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाने से घूसखोरों के हौसले बुलंद हैं, जबकि आम जनता काफी परेशान हो गई है।
अधिकारियों ने शिकायतों की अनदेखी
इसके पहले भी गौरेला के सारबहरा और अन्य गांव के पटवारी के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के मामले सामने आए थे, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। लोग शिकायत भी कर रहे हैं, लेकिन जिले के अधिकारियों के द्वारा इन शिकायतों की अनदेखी की जा रही है, जिस पर सिस्टम भी सवालिया निशान लग रहा है।
गौरेला पेंड्रा मरवाही में किसान से रिश्वत ले रहा किसान।
सीएम बघेल से शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं
बता दें कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान भी कुछ लोगों ने मौखिक शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर काफी शिकायतें की थीं, जबकि कुछ महीने पहले जिले के प्रभारी और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने एक मामले में नायब तहसीलदार को जमकर फटकार लगाई थी।